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NHRC सदस्य प्रियंक कानूनगो ने लिखा- थाने में नहीं मिला स्टाफ, एसआई बोला- पूर्व सूचना बगैर आप यहां नहीं आ सकते
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Mon, 06 Oct 2025 11:01 PM IST
सार
जबलपुर जिले के शहपुरा थाने में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियंक कानूनगो के औचक निरीक्षण के दौरान ज्यादातर पुलिसकर्मी नदारद मिले। इस दौरान सब इंस्पेक्टर ने सहयोग करने से इनकार कर दिया और कहा कि बिना पूर्व सूचना के थाने में जांच नहीं की जा सकती, जिसके बाद मामला विवादों में आ गया।
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पुलिस थाना शहपुरा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियंक कानूनगो के मध्यप्रदेश प्रवास के दौरान जबलपुर जिले के शहपुरा थाने में किए गए औचक निरीक्षण को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कानूनगो ने बताया कि निरीक्षण के दौरान थाने में अधिकांश पुलिस स्टाफ नदारद मिला। मौके पर केवल दो पुलिसकर्मी मौजूद थे, जबकि हवालात में बंद बंदियों का रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं था। कानूनगो ने बताया कि जब उन्होंने संबंधित दस्तावेज और रजिस्टर मांगे, तो सब इंस्पेक्टर महेंद्र जाटव को बुलाया गया। इस पर उन्होंने निरीक्षण में सहयोग करने से इंकार कर दिया और कहा कि बिना पूर्व सूचना के आप थाने में नहीं आ सकते।
इस पूरे मामले को लेकर प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए मध्यप्रदेश के डीजीपी को टैग किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि शहपुरा थाने में न तो पूरा स्टाफ मौजूद था, न ही हवालात का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध कराया गया। यह अत्यंत गंभीर स्थिति है। सूत्रों के अनुसार, कानूनगो का यह औचक निरीक्षण थानों में मानवाधिकार संबंधी प्रावधानों के पालन की समीक्षा के तहत किया गया था। उन्होंने कहा कि निरीक्षण में सहयोग न करना न केवल अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल उठाता है, बल्कि मानवाधिकार आयोग की कार्यप्रणाली को भी चुनौती देता है।
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मैं मध्यप्रदेश प्रवास के दौरान जबलपुर ज़िले के शहपुर थाने में हवालात इत्यादि के निरीक्षण के लिए आया हूँ यहाँ पुलिस स्टाफ मौजूद नहीं है केवल 2 पुलिस कांस्टेबल मिले हैं कोई स्टाफ की या हवालात में बंदियों की गणना रिकॉर्ड नहीं मिला है।
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रिकॉर्ड मांगने के बाद यहाँ के स्टाफ ने महेंद्र… pic.twitter.com/pj7MHKFD3w — प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) October 5, 2025
इस पूरे मामले को लेकर प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए मध्यप्रदेश के डीजीपी को टैग किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि शहपुरा थाने में न तो पूरा स्टाफ मौजूद था, न ही हवालात का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध कराया गया। यह अत्यंत गंभीर स्थिति है। सूत्रों के अनुसार, कानूनगो का यह औचक निरीक्षण थानों में मानवाधिकार संबंधी प्रावधानों के पालन की समीक्षा के तहत किया गया था। उन्होंने कहा कि निरीक्षण में सहयोग न करना न केवल अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल उठाता है, बल्कि मानवाधिकार आयोग की कार्यप्रणाली को भी चुनौती देता है।