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MP Weather Update: कई जिलों में अब भी बाढ़ से हालात, उज्जैन-देवास-इंदौर में सोमवार को भी बंद रहेंगे स्कूल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Sun, 17 Sep 2023 07:30 PM IST
सार
मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण बरगी, ओंकारेश्वर, यशवंत सागर, इंदिरा सागर, तवा, सतपुड़ा, मचागोरा, पारसडोह, गंभीर, शिप्रा सहित कई बांधों के गेट खोल दिए गए हैं। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से नर्मदा, शिप्रा, चंबल, काली सिंध समेत सभी छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं।
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सड़कों पर तालाब बने हुए हैं।
- फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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विस्तार
मध्यप्रदेश के 20 से अधिक जिलों में शनिवार को भी जोरदार बारिश हुई। धार और उज्जैन में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए। इंदौर की निचली बस्तियों में नाव चलाकर लोगों को सुरक्षित निकाला गया। बड़वानी में भी हालत ठीक नहीं हैं । नागदा में रेलवे ट्रैक पर पानी भरने और रतलाम में ट्रैक पर पत्थर आ जाने से दिल्ली मुंबई रेलवे मार्ग प्रभावित रहा। लगातार हो रही बारिश के कारण बरगी, ओंकारेश्वर, यशवंत सागर, इंदिरा सागर, तवा, सतपुड़ा, मचागोरा, पारसडोह, गंभीर, शिप्रा सहित कई बांधों के गेट खोल दिए गए हैं। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से नर्मदा, शिप्रा, चंबल, काली सिंध समेत सभी छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं। रविवार को मंदसौर जिले के गांधी सागर डैम के 3 गेट खोले गए। नर्मदा नदी पर बनाए गए सभी बांध फुल हो चुके हैं। इस कारण शनिवार को खंडवा में ओंकारेश्वर बांध के सभी देश के 30 गेट खोल दिए गए। शाजापुर, रायसेन, विदिशा, अशोकनगर, हरदा, बुरहानपुर, मंदसौर में भी बारिश ने हालात बेकाबू कर दिए हैं। उज्जैन, देवास, इंदौर में सोमवार को भी स्कूल बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।
मौसम केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार बीते 24 घंटों में भोपाल, इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, नर्मदापुरम, ग्वालियर संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर चंबल, रीवा, जबलपुर, सागर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान कट्ठीवाड़ा में 340, जोबट-मेघनगर में 320, धार-अलीराजपुर में 300, थांदला में 290, बाजना-उदयगढ़ में 280, बदनावर-जोबट में 270, रावटी-सरदारपुर में 260, रतलाम-झाबुआ में 240, गंधवानी-रामा-बाग-पीथमपुर में 220, धरमपुरी-पेटलावद-सैलाना में 210, राणापुर में 200 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
अगले 24 घंटों के पूर्वानुमान की बात करें तो पूरे प्रदेश में बारिश की संभावना बनी हुई है। अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर जिलों में कहीं-कहीं अतिभारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं बड़वानी-धार में भी अतिभारी बारिश हो सकती है। यहां के लिए ऑरेंज अलर्ट बताया गया है। इसके अलावा भारी बारिश के लिए यलो अलर्ट वाले जिलों में खरगोन, इंदौर, उज्जैन, नीमच में भारी बारिश हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो वर्तमान में एक सिस्टम दक्षिण-पूर्व राजस्थान और निकटवर्ती पश्चिमी मप्र में एक्टिव है। इसके अगले दो दिनों में राजस्थान की ओर खिसकने की संभावना है। वहीं एक मानसून ट्रफ मध्य समुद्र तल पर जैसलमेर, निम्नदाब क्षेत्र के केंद्र तथा सागर, डाल्टनगंज, जमशेदपुर, दीघा से होकर पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। इन सिस्टम के प्रभाव से मप्र में 18 सितंबर तक बारिश की संभावना है। फिर कुछ राहत मिलती दिख रही है।
इंदौर में नहीं थमी बारिश
इंदौर में एक दिन में 12 इंच बारिश के बाद भी इंद्र देवता थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार दोपहर से शनिवार रात तक चले भीषण बारिश के दौर ने देर रात कुछ देर के लिए राहत जरूर दी लेकिन अल सुबह फिर से पानी बरसना शुरू हो गया। घरों-दुकानों में घुसा पानी निकाल रहे लोगों के लिए इससे एक बार फिर से आफत बढ़ गई। सुबह से शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है और लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं। प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने रातभर रेस्क्यू आपरेशन चलाए। भारी बारिश की वजह से कई परेशानियां आई। कई क्षेत्रों में बिजली के तार टूटने और खंभे गिरने की वजह से घंटों तक बिजली गायब रही। नदी, नाले उफान पर होने की वजह से इसके आसपास की बस्तियों में लोग घरों में नहीं जा सके। ड्रेनेज चोक हो गए और लोगों के घरों में पानी भरा रहा।
टूट गया सात साल का रिकॉर्ड
शिप्रा में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। भारत सरकार के केंद्रीय जल आयोग चंबल मंडल की जानकारी के अनुसार, शनिवार को शिप्रा नदी का जलस्तर 476.500 मीटर हो गया था। यह चेतावनी के स्तर तक पहुंच गया था। जल संसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार शिप्रा नदी का चेतावनी स्तर 476 मीटर है और खतरे का स्तर 477 मीटर निर्धारित है। शिप्रा नदी का उच्चतम बाढ़ स्तर 483.810 मीटर माना गया है, जिस गति से शिप्रा में पानी बढ़ रहा है, उससे नदी में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। जीवाजीगंज वेधशाला के अनुसार उज्जैन मे सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटे के दौरान 119.4 मिमी (4.5 इंच) वर्षा दर्ज की गई है।
बड़वानी में हालत खराब
नर्मदा पट्टी के डूब गांवों के अलावा इनसे लगे अन्य गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया। बड़वानी जिले में करीब 15 बाढ़ग्रस्त गांवों में लगातार 36 घंटे से एसडीईआरएफ की टीम राहत व बचाव कार्य में लगी हुई है। अब तक दो हजार लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
कई ट्रेनें प्रभावित
लगातार भारी बारिश के कारण रतलाम मंडल के रतलाम गोधरा खंड में अमरगढ़-पंचपिपलिया स्टेशनों के मध्य किलोमीटर 597/25-35 पर ट्रैक पैरामीटर में लगातार बदलाव के कारण अप ट्रैक को सस्पेंड किया गया है, जिसके कारण कई ट्रेने प्रभावित हुई हैं। इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महाकाल की कृपा से प्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है। अतिबारिश से जो लोग परेशान हुए हैं, जो बेघर हुए हैं उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनकी चिंता सरकार कर रही है। हम लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए हैं।
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मौसम केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार बीते 24 घंटों में भोपाल, इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, नर्मदापुरम, ग्वालियर संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर चंबल, रीवा, जबलपुर, सागर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान कट्ठीवाड़ा में 340, जोबट-मेघनगर में 320, धार-अलीराजपुर में 300, थांदला में 290, बाजना-उदयगढ़ में 280, बदनावर-जोबट में 270, रावटी-सरदारपुर में 260, रतलाम-झाबुआ में 240, गंधवानी-रामा-बाग-पीथमपुर में 220, धरमपुरी-पेटलावद-सैलाना में 210, राणापुर में 200 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
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अगले 24 घंटों के पूर्वानुमान की बात करें तो पूरे प्रदेश में बारिश की संभावना बनी हुई है। अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर जिलों में कहीं-कहीं अतिभारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं बड़वानी-धार में भी अतिभारी बारिश हो सकती है। यहां के लिए ऑरेंज अलर्ट बताया गया है। इसके अलावा भारी बारिश के लिए यलो अलर्ट वाले जिलों में खरगोन, इंदौर, उज्जैन, नीमच में भारी बारिश हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो वर्तमान में एक सिस्टम दक्षिण-पूर्व राजस्थान और निकटवर्ती पश्चिमी मप्र में एक्टिव है। इसके अगले दो दिनों में राजस्थान की ओर खिसकने की संभावना है। वहीं एक मानसून ट्रफ मध्य समुद्र तल पर जैसलमेर, निम्नदाब क्षेत्र के केंद्र तथा सागर, डाल्टनगंज, जमशेदपुर, दीघा से होकर पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। इन सिस्टम के प्रभाव से मप्र में 18 सितंबर तक बारिश की संभावना है। फिर कुछ राहत मिलती दिख रही है।
इंदौर में नहीं थमी बारिश
इंदौर में एक दिन में 12 इंच बारिश के बाद भी इंद्र देवता थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार दोपहर से शनिवार रात तक चले भीषण बारिश के दौर ने देर रात कुछ देर के लिए राहत जरूर दी लेकिन अल सुबह फिर से पानी बरसना शुरू हो गया। घरों-दुकानों में घुसा पानी निकाल रहे लोगों के लिए इससे एक बार फिर से आफत बढ़ गई। सुबह से शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है और लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं। प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने रातभर रेस्क्यू आपरेशन चलाए। भारी बारिश की वजह से कई परेशानियां आई। कई क्षेत्रों में बिजली के तार टूटने और खंभे गिरने की वजह से घंटों तक बिजली गायब रही। नदी, नाले उफान पर होने की वजह से इसके आसपास की बस्तियों में लोग घरों में नहीं जा सके। ड्रेनेज चोक हो गए और लोगों के घरों में पानी भरा रहा।
टूट गया सात साल का रिकॉर्ड
शिप्रा में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। भारत सरकार के केंद्रीय जल आयोग चंबल मंडल की जानकारी के अनुसार, शनिवार को शिप्रा नदी का जलस्तर 476.500 मीटर हो गया था। यह चेतावनी के स्तर तक पहुंच गया था। जल संसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार शिप्रा नदी का चेतावनी स्तर 476 मीटर है और खतरे का स्तर 477 मीटर निर्धारित है। शिप्रा नदी का उच्चतम बाढ़ स्तर 483.810 मीटर माना गया है, जिस गति से शिप्रा में पानी बढ़ रहा है, उससे नदी में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। जीवाजीगंज वेधशाला के अनुसार उज्जैन मे सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटे के दौरान 119.4 मिमी (4.5 इंच) वर्षा दर्ज की गई है।
बड़वानी में हालत खराब
नर्मदा पट्टी के डूब गांवों के अलावा इनसे लगे अन्य गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया। बड़वानी जिले में करीब 15 बाढ़ग्रस्त गांवों में लगातार 36 घंटे से एसडीईआरएफ की टीम राहत व बचाव कार्य में लगी हुई है। अब तक दो हजार लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
कई ट्रेनें प्रभावित
लगातार भारी बारिश के कारण रतलाम मंडल के रतलाम गोधरा खंड में अमरगढ़-पंचपिपलिया स्टेशनों के मध्य किलोमीटर 597/25-35 पर ट्रैक पैरामीटर में लगातार बदलाव के कारण अप ट्रैक को सस्पेंड किया गया है, जिसके कारण कई ट्रेने प्रभावित हुई हैं। इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महाकाल की कृपा से प्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है। अतिबारिश से जो लोग परेशान हुए हैं, जो बेघर हुए हैं उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनकी चिंता सरकार कर रही है। हम लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए हैं।

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