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जनकल्याण में खोला खजाना: 1.20 लाख करोड़ रुपये जनता को सीधे राहत देने पर खर्च रही मोहन सरकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Thu, 25 Dec 2025 08:56 AM IST
सार

मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले साल जनकल्याणकारी योजनाओं पर 1.20 लाख करोड़ रुपये खर्च कर सीधे जनता तक राहत पहुंचाई। महिलाओं, किसानों और गरीबों को दिए गए इस लाभ से राज्य में विकास और आर्थिक सुरक्षा मजबूत हुई है।

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Treasury opened for public welfare: The Mohan government is spending ₹1.20 lakh crore on providing direct reli
वल्लभ भवन, भोपाल - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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मध्य प्रदेश सरकार जनता के कल्याण के लिए विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे लाडली बहना, किसान सम्मान निधि, बिजली सब्सिडी और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से सरकार लाखों परिवारों तक सीधा लाभ पहुंचा रही है। हर साल इस सीधी सहायता पर 1.20 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। यह राशि सरकार के कुल बजट की एक तिहाई हो रही है। महिलाओं, किसानों और गरीब वर्ग की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यही कारण है कि राज्य में विकास की गति तेज हुई है। 
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कैग की रिपोर्ट के अनुसार इन मदों पर किया गया व्यय राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में सहायक है। साथ ही, बड़े निर्माण कार्यों, निवेश आकर्षण और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी अच्छी-खासी राशि खर्च की जा रही है, जो भविष्य में रोजगार और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगी। पीएम किसान सम्मान निधि की तर्ज पर मप्र में भी 97 लाख किसानों को हर साल सरकार तीन किस्तों में 6-6 हजार रुपये दे रही है। लाडली बहनों को 1500 रुपये के हिसाब से एक करोड़ 26 लाख बहनों को सालाना करीब 21 हजार करोड़ रुपये बांटे जा रहे हैं। किसानों को कम दामों पर बिजली, बिजली में सब्सिडी, लाडली लक्ष्मी योजना, उज्जवला योजना, संबल योजना जैसी अनेक योजनाओं में फ्री का पैसा बांटने का काम मप्र की सरकार कर रही है। 
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सीएजी ने 2024-25 की रिपोर्ट में बताया कि सरकार वेतन-भत्ते, पेंशन, मजदूरी, सहायता अनुदान, राजसहायता, सर्शत सहायता अनुदान, क्षतिपूर्ति, परिसंपत्तियों के निर्माण आदि पर ही एक लाख करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च कर रही है। वर्ष 2024-25 में मप्र सरकार ने राजस्व मद में 2 लाख 48 हजार 947 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि पूंजीगत मद से 97 हजार 013 करोड़ रुपये खर्च किए। इस तरह एक साल में 3 लाख 45 हजार 938 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो मप्र सरकार के कर्ज से थोड़ा कम है। 

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सरकार की कुछ मद जहां खर्च की जा रही राशि 
 खर्च की श्रेणी  -  राशि करोड़ में 
 कर्मचारी वेतन   -  51, 191 
 मजदूरी पर खर्च -   2, 987 
 पेंशन एवं हितलाभ-  21, 874 
 सामाजिक पेंशन   -  2, 792 
 अफसरों के वेतन -  00,182 
 मंत्रियों के वेतन-भत्ते- 0, 27 
 राज्यपाल, कोर्ट आदि-0, 952 
कार्यभारित कर्मचारी  - 0, 849 
 कार्यालय व्यय के नाम-1, 402 
 छात्रवृत्तियों पर      -   3,675 
 वृहद निर्माण        -   59,493 

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इन मदों में भी जनता में बंट रही राशि 
मद          राशि करोड़ में 
सहायता अनुदान- 73,526 
योजना में अंशदान - 4,370 
राजसहायता में    - 43,687 
सर्शत सहायता    -  1, 832 

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मप्र सरकार पर कर्ज की स्थिति 
मार्च 2024 में राज्य पर कुल कर्ज 3.75 लाख करोड़ था, जो मार्च 2025 तक बढ़कर 4.67 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। इस समय मप्र के प्रत्येक व्यक्ति पर अनुमानित कर्ज करीब 53 हजार रुपये हो गया है।
 
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