Chhatarpur News: पीएम आवास में किश्त डालने के एवज में मांगे पैसे, दो अधिकारी कार्रवाई की जद में
छतरपुर के बक्सवाहा में पीएम आवास की दूसरी किस्त रोककर रिश्वत मांगने का मामला सामने आया। हितग्राही दानसिंह की शिकायत पर ग्राम रोजगार सहायक और ब्लॉक समन्वयक पर आरोप पुष्टि हुए। जिला पंचायत सीईओ ने दोनों को 50% मानदेय पर संबद्ध करते हुए जांच दल गठित किया है। 15 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
विस्तार
छतरपुर जिले की जनपद पंचायत बक्सवाहा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत कैरवारा के हितग्राही दानसिंह पुरुषोत्तम लोधी द्वारा की गई शिकायत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। हितग्राही ने आरोप लगाया कि आवास निर्माण की प्रथम किश्त मिलने के बाद कार्य कराने के बावजूद उसे दूसरी किश्त नहीं मिली। इस बाबत जब उसने ग्राम रोजगार सहायक सुनील यादव से संपर्क किया, तो उससे 3000 रुपये की मांग की गई। दानसिंह के अनुसार उसने 1000 रुपये दिए भी, लेकिन फिर भी भुगतान नहीं हुआ।
इस पर परेशान होकर उसने सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत दर्ज होने के बाद मामला ब्लॉक स्तर तक पहुंचा। दानसिंह का आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के ब्लॉक समन्वयक बिन्देश पाण्डेय ने उसे जनपद पंचायत कार्यालय बुलाकर 10,000 रुपये की मांग की और कहा कि शिकायत कटवा दो, तभी किश्त डाल दी जाएगी। इतना ही नहीं, अगली सुबह दोबारा फोन कर यह पूछा गया कि व्यवस्था हुई या नहीं। जब दानसिंह ने 5,000 रुपये की व्यवस्था होने की बात कही, तो कथित रूप से पाण्डेय ने आधी राशि अभी और आधी बाद में देने की बात कही, लेकिन हितग्राही द्वारा पैसा न देने पर उसकी किश्त रोक दी गई।
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मामले में वायरल ऑडियो और गंभीर आरोपों को देखते हुए जिला पंचायत सीईओ नम: शिवाय अरजरिया ने त्वरित कार्रवाई की। शिकायतकर्ता, ग्राम रोजगार सहायक सुनील यादव और ब्लॉक समन्वयक बिन्देश पाण्डेय—सभी को जिला पंचायत कार्यालय में बुलाकर उनके बयान दर्ज किए गए। प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाए जाने पर दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई की शुरुआत कर दी गई है।
सीईओ ने शासन निर्देशानुसार दोनों को क्रमशः जिला पंचायत छतरपुर और जनपद पंचायत बक्सवाहा में 50 प्रतिशत मानदेय पर संबद्ध करने के आदेश जारी किए। साथ ही विस्तृत जांच के लिए दल गठित किया गया है, जिसे 15 दिनों में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जांच उपरांत दोषी पाए जाने पर दोनों कर्मचारियों की संविदा समाप्त की जाएगी। मामला सामने आने के बाद क्षेत्र में भ्रष्टाचार को लेकर जनाक्रोश भी देखा जा रहा है।
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