MP News: छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चे की किडनी खराब होने से मौत, कोयलांचल में अब तक सात मासूमों की गई जान
छिंदवाड़ा जिले के कोयलांचल क्षेत्र में अज्ञात बीमारी से सात बच्चों की मौत हो चुकी है, जिनकी किडनी फेल हो रही है। स्वास्थ्य विभाग, आईसीएमआर और भोपाल की टीमें जांच में जुटी हैं। सैंपल निगेटिव मिले, पानी के नमूने लिए गए। विभाग ने एडवायजरी जारी कर दवाइयों और इलाज में सतर्कता बरतने को कहा।
छिंदवाड़ा जिले के कोयलांचल क्षेत्र में अज्ञात बीमारी से सात बच्चों की मौत हो चुकी है, जिनकी किडनी फेल हो रही है। स्वास्थ्य विभाग, आईसीएमआर और भोपाल की टीमें जांच में जुटी हैं। सैंपल निगेटिव मिले, पानी के नमूने लिए गए। विभाग ने एडवायजरी जारी कर दवाइयों और इलाज में सतर्कता बरतने को कहा।
विस्तार
कोविड झेलने वाले देश ने अब जाकर राहत की सांस ली थी, फिर मौसमी बीमारियां मौत बांटते रही। लेकिन अब एक अनजान बीमारी ने कोयलांचल में दहशत फैला रखी है, यहां लगातार किडनी फेल होने की वजह से बच्चों की जान जा रही है। दीघावानी के साढ़े तीन साल के बच्चे की मौत के बाद मौतों का आंकड़ा अब सात पहुंच चुका है।
अंजाम बीमारी से मौतों के आगोश में जा रहे कोयलांचल में दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है, दिल्ली-भोपाल की टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार क्षेत्र में दस्तक देकर जांच अभियान चला रही हैं। बीमार बच्चों की पतासाजी में जुटी हैं, लेकिन इसी बीच सनसनीखेज खबर सामने आई है कि किडनी में खराबी होने की वजह से एक और बच्चे की मौत हो गई।
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जानकारी के अनुसार दीघावानी के साढ़े तीन साल के बालक विकास यदुवंशी की किडनी खराब होने से मौत हो गई। रविवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मासूम विकास को पहले सर्दी-खांसी और बुखार हुआ, इसके बाद उसकी यूरीन रुक गई थी। उसे प्राथमिक उपचार के बाद छिंदवाड़ा भेजा गया और यहां से नागपुर रेफर किया गया था। लेकिन वहां उपचार के दौरान नागपुर में इस बच्चे का निधन हो गया। अब तक परासिया में किडनी खराब होने से सात बच्चों की मौत हो चुकी है। कुछ बच्चे छिंदवाड़ा और नागपुर में उपचार के लिए भर्ती हैं। बता दें कि इस बच्चे को परासिया अस्पताल जब लाया गया था। उसकी यूरीन तीन दिनों से नहीं हुई थी। आशा कार्यकर्ता के सर्वे में इसका नाम सामने आया था। परासिया लाकर इसे छिंदवाड़ा रेफर किया गया था। इसके बाद इसे छिंदवाड़ा से नागपुर भेज दिया गया था। उपचार के बाद उसकी मौत हो गई। कोयलांचल में अब तक सात बच्चों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में उमरेठ के तीन बच्चे, जाटाछापर, बड़कुही, गायगोहान के बच्चे नागपुर में एडमिट हैं। क्षेत्र में बच्चों को सर्दी खांसी-बुखार के उपचार के दौरान किडनी खराब हो रही है।
पूना के सैंपल निगेटिव आएः कलेक्टर
कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा कि पूजा तीन सैंपल भेजे गए थे। तीनों सैंपल निगेटिव आए हैं। किसी बैक्टिरिया या वायरस से किडनी खराब नहीं हुई है। अन्य सैंपल भी भेजे गए हैं। उनकी रिपोर्ट आनी है। आईसीएमआर और भोपाल की टीम जांच कर रही है। कलेक्टर ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। किसी तरह की महामारी नहीं फैली है। जांच के बाद सभी तथ्य सामने आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि कई तरह के सैंपल लिए गए हैं।
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स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवायजरी
स्वास्थ्य विभाग एक एडवायजरी जारी कर रहा है। पर्चे गांव में दिए जा रहे हैं। बच्चों के खान-पान, दवाइयों के डोज का ध्यान रखने के लिए कहा गया है। कलेक्टर ने कहा कि सरकारी अस्पताल में उपचार करवाएं। सरकारी अस्तपाल में उपचार कराने से जांच, उपचार और रेफर की बेहतर व्यवस्था है।
पानी के सैंपल लिए
उमरेठ में भोपाल की टीम जांच के लिए गई। यहां से पानी के सैंपल लिए गए। पीड़ित परिवार के लोगों से मिले। सोनापीपरी के ठीक होने वाले बच्चों के परिवार से आईसीएमआर की टीम मिली, दीघावानी भी टीम गई। लेकिन लगातार जांच के लिए टीम पहुंचने के बाद भी बच्चे इस बीमारी से ग्रसित होकर काल के गाल में समा रहे हैं, जिसके बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल फैल गया है।
परासिया के सिविल अस्पताल में रविवार को दिल्ली से आई आईसीएमआर की टीम और भोपाल की टीम ने चिकित्सकों, केमिस्टों के साथ बैठक की। इस बैठक में गाइडलाइन के अनुसार उपचार करने की सलाह दी गई। गौरतलब है कि बच्चों की किडनी खराब होने, सात बच्चों की मौत होने से टीम क्षेत्र में है। बैठक में एसडीएम और सीएमएचओ भी मौजूद रहे। बीएमओ कार्यालय में शासकीय चिकित्सक, निजी चिकित्सक और केमिस्ट, ड्रगिस्ट की बैठक ली गई। दवाई की दुकान वालों से कहा गया कि वे बिना प्रिस्क्रिप्शन से दवाइयां न दें। दवाइयों के बैच नंबर का रिकॉर्ड रखें। चिकित्सकों से कहा गया कि बच्चों को हाई पावर डोज न दें। गाइडलाइन का पालन करें। सिरप देने में सावधानी बरतने के लिए भी कहा गया। एसडीएम शुभम कुमार यादव, सीएमएचओ डाक्टर नरेश गुन्नाड़े बैठक में मौजूद रहे।

बच्चों की जांच कराने पहुंचे परिजन

बच्चों की जांच कराने पहुंचे परिजन

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