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Chhindwara News: पेंच बफर जोन में फिर बाघ का हमला, खेत पर काम करने गए किसान की दर्दनाक मौत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छिंदवाड़ा
Published by: छिंदवाड़ा ब्यूरो
Updated Wed, 31 Dec 2025 01:50 PM IST
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सार
पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन के किशनपुर खमरा गांव में बाघ ने खेत में काम कर रहे किसान बलराम डेहरिया पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद गांव में दहशत है। ग्रामीणों ने मुआवजे और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
खेत में बाघ।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन से लगे गांवों में बाघ का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार सुबह जिले के किशनपुर खमरा गांव में खेत पर काम करने गए एक किसान को बाघ ने मौत के घाट उतार दिया। इस हृदयविदारक घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है और ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ गई है।
किशनपुर खमरा निवासी बलराम डेहरिया रोज की तरह बुधवार सुबह करीब 6 बजे अपने खेत में सिंचाई के लिए मोटर चालू करने गए थे। खेत से सटी झाड़ियों में एक बाघ पहले से घात लगाकर बैठा था। जैसे ही बलराम मोटर के पास पहुंचे, बाघ ने अचानक उन पर झपट्टा मार दिया। हमला इतना अचानक और भयावह था कि बलराम को संभलने या भागने का मौका तक नहीं मिला।
मौके पर ही हो गई मौत
प्रत्यक्षदर्शियों और ग्रामीणों के अनुसार बाघ ने किसान को बुरी तरह नोच डाला। शरीर पर पंजों और दांतों के गहरे निशान थे। कुछ ही पलों में बलराम की मौके पर ही मौत हो गई। आसपास के खेतों में काम कर रहे किसानों ने शोर सुना, लेकिन जब तक लोग वहां पहुंचते, तब तक बाघ झाड़ियों में वापस गायब हो चुका था।
देर तक नहीं लौटे तो खोजने निकले परिजन
जब बलराम काफी देर तक घर नहीं लौटे तो परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई। परिजन और ग्रामीण खेत की ओर पहुंचे, जहां खेत के पास खून से सना शव पड़ा मिला। यह दृश्य देखकर गांव में कोहराम मच गया। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
ये भी पढ़ें- न्यू ईयर के नाम पर साइबर ठगी का अलर्ट,भोपाल कमिश्नरेट ने जारी की एडवाइजरी, जाने क्या रखें सावधानी
गांव में हड़कंप, खेतों में काम ठप
घटना की खबर फैलते ही पूरे गांव में दहशत फैल गई। लोग अपने घरों में दुबक गए और खेतों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया। बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने से मना कर दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अब दिन निकलने के बाद भी खेतों में जाना सुरक्षित नहीं रह गया है।
वन विभाग और पुलिस ने संभाला मोर्चा
सूचना मिलते ही वन विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई है और बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। वन विभाग ने गांव और आसपास के इलाकों में मुनादी कराकर लोगों को अकेले बाहर न निकलने और समूह में रहने की सलाह दी है।
पहले भी दिख चुका है बाघ
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से गांव के आसपास बाघ की मौजूदगी देखी जा रही थी। कई बार खेतों के पास पंजों के निशान भी मिले थे, लेकिन समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसी लापरवाही का नतीजा आज एक किसान की जान के रूप में सामने आया है।
मुआवजे और सुरक्षा को लेकर आक्रोश
घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लोगों ने मृतक किसान के परिवार को उचित और तत्काल मुआवजा, गांव में नियमित गश्त, पिंजरा लगाने और बाघ को आबादी से दूर जंगल में खदेड़ने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
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किशनपुर खमरा निवासी बलराम डेहरिया रोज की तरह बुधवार सुबह करीब 6 बजे अपने खेत में सिंचाई के लिए मोटर चालू करने गए थे। खेत से सटी झाड़ियों में एक बाघ पहले से घात लगाकर बैठा था। जैसे ही बलराम मोटर के पास पहुंचे, बाघ ने अचानक उन पर झपट्टा मार दिया। हमला इतना अचानक और भयावह था कि बलराम को संभलने या भागने का मौका तक नहीं मिला।
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मौके पर ही हो गई मौत
प्रत्यक्षदर्शियों और ग्रामीणों के अनुसार बाघ ने किसान को बुरी तरह नोच डाला। शरीर पर पंजों और दांतों के गहरे निशान थे। कुछ ही पलों में बलराम की मौके पर ही मौत हो गई। आसपास के खेतों में काम कर रहे किसानों ने शोर सुना, लेकिन जब तक लोग वहां पहुंचते, तब तक बाघ झाड़ियों में वापस गायब हो चुका था।
देर तक नहीं लौटे तो खोजने निकले परिजन
जब बलराम काफी देर तक घर नहीं लौटे तो परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई। परिजन और ग्रामीण खेत की ओर पहुंचे, जहां खेत के पास खून से सना शव पड़ा मिला। यह दृश्य देखकर गांव में कोहराम मच गया। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
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गांव में हड़कंप, खेतों में काम ठप
घटना की खबर फैलते ही पूरे गांव में दहशत फैल गई। लोग अपने घरों में दुबक गए और खेतों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया। बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने से मना कर दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अब दिन निकलने के बाद भी खेतों में जाना सुरक्षित नहीं रह गया है।
वन विभाग और पुलिस ने संभाला मोर्चा
सूचना मिलते ही वन विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई है और बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। वन विभाग ने गांव और आसपास के इलाकों में मुनादी कराकर लोगों को अकेले बाहर न निकलने और समूह में रहने की सलाह दी है।
पहले भी दिख चुका है बाघ
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से गांव के आसपास बाघ की मौजूदगी देखी जा रही थी। कई बार खेतों के पास पंजों के निशान भी मिले थे, लेकिन समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसी लापरवाही का नतीजा आज एक किसान की जान के रूप में सामने आया है।
मुआवजे और सुरक्षा को लेकर आक्रोश
घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लोगों ने मृतक किसान के परिवार को उचित और तत्काल मुआवजा, गांव में नियमित गश्त, पिंजरा लगाने और बाघ को आबादी से दूर जंगल में खदेड़ने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
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