Harda Protest: हरदा में करणी सेना का शक्ति प्रदर्शन, 20 हजार कार्यकर्ताओं के साथ 11 घंटे चला जनक्रांति आंदोलन
MP: रविवार को हरदा में करणी सेना ने 20 हजार कार्यकर्ताओं के साथ 11 घंटे का जनक्रांति आंदोलन किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने राजनीतिक दल बनाने का एलान किया। लाठीचार्ज के आरोपी पांच पुलिसकर्मियों को हटाने व जांच के आदेश दिए गए।
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रविवार को हरदा में करणी सेना ने जनक्रांति आंदोलन के जरिए अपनी ताकत दिखाई। इसमें 20 हजार से कार्यकर्ता शामिल हुए। करीब 11 घंटे चले आंदोलन के बाद रात आठ बजे यह खत्म हुआ। इस मौके पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने एलान किया कि अब आंदोलन के बजाय राजनीतिक दल बनाकर सर्व समाज की मांगों को लोकसभा और विधानसभाओं में उठाया जाएगा।
करणी सेना ने हरदा के नेहरू स्टेडियम में 21 सूत्रीय मांगों को रविवार को जबर्दस्त आंदोलन किया। यह हरदा जिले का अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन था। आंदोलन की समाप्ति पर अध्यक्ष शेरपुर ने बताया कि आज हजारों करणी सैनिकों ने अपनी अलग पार्टी बनाने का समर्थन किया है। उन्होंने करणी सैनिकों से वचन लिया कि वे आरएसएस की तर्ज पर दल की मजबूती के लिए काम करेंगे। शेरपुर ने जूस पीकर अनशन समाप्त किया। वे पिछले 14 दिसंबर से अनशन कर रहे थे।
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लाठीचार्ज के आरोपी पुलिसकर्मियों को हटाया
करणी सेना की रविवार के प्रदर्शन की मुख्य मांग थी कि हरदा में जुलाई महीने में हुए लाठीचार्ज के आरोपियों में शामिल पांच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए और उनके खिलाफ मजिस्ट्रियल जांच हो। कलेक्टर ने उनकी मांग मानते हुए पुलिसकर्मियों को हटाने व जांच के आदेश दे दिए हैं।
भोपाल से दिल्ली कूच करेंगे
शेरपुर ने एलान किया कि करणी सेना का राजनीतिक दल बनने के बाद वे संगठन की मांगों के लिए सियासी लड़ाई लड़ेंगे। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो भोपाल के बाद दिल्ली कूच किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीतिक दल बनाने का निर्णय समूचे संगठन के समर्थन से लिया गया और दल का रजिस्ट्रेशन जल्द कराया जाएगा। जिस प्रकार राष्ट्रीय सेवक संघ ने भाजपा का निर्माण किया, उसी तरह हर करणी सैनिक अपना तन, मन और धन इस दल की मजबूती में लगाएगा। इस लड़ाई को अधूरा नहीं छोड़ेंगे, इसे दिल्ली तक ले जाएंगे।
हीरा खरीदने से हुई आंदोलन की शुरुआत, लाठीचार्ज से उपजा आक्रोश
हरदा में आंदोलन की तैयारी पिछले तीन महीनों से जारी थी। करणी सेना आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए गांव-गांव जाकर जन जागरण अभियान चलाया था। पूरे विवाद की वजह है एक हीरा है। राजपूत समाज के एक युवक ने एक व्यापारी से हीरे का सौदा किया था, लेकिन व्यापारी ने हीरे की खरीद में धोखाधड़ी की। आरोप है कि व्यापारी ने युवक को असली हीरे के बदले नकली हीरा थमा दिया था।
थाने में शिकायत की गई मगर कार्रवाई नहीं हुई तो करणी सेना सक्रिय हुई। पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव किया गया। इस विरोध के दौरान पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठियां बरसा दीं। करणी सेना के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर पर भी लाठीचार्ज किया गया। उन्हें एक दिन के लिए जेल बंद किया गया। इसके बाद से 21 दिसंबर को हरदा में बड़े आंदोलन की तैयारी की गई थी, जिसका असर हजारों कार्यकर्ता की मौजूदगी से नजर आया।
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