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Indore News: स्वच्छता रैंकिंग घोषणा 17 जुलाई को, क्या है सात साल से सरताज इंदौर की स्थिति? जानें टक्कर में कौन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Thu, 10 Jul 2025 11:36 AM IST
सार
सूरत ने कचरे से कमाई और घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था को मजबूत किया है, जबकि इंदौर की सबसे बड़ी ताकत डोर-टू-डोर कलेक्शन और कचरा पेटियों का न होना है। इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण देरी से हुआ, जिससे परिणाम भी देर से आ रहे हैं। इंदौर के साथ 12 शहर स्वच्छता लीग में शामिल हैं।
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इंदौर का रियल हीरो चौक।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
स्वच्छ भारत रैंकिंग के परिणाम इस माह 17 जुलाई को आ रहे हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू की मौजूदगी में स्वच्छता की रैंकिंग की घोषणा की जाएगी। सात साल से लगातार देश में स्वच्छता में सरताज बने इंदौर का दावा इस बार भी मजबूत है, लेकिन सूरत की तरफ से कड़ी टक्कर इंदौर को मिल रही है।
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इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण भी देरी से हुआ। इस कारण परिणाम भी देरी से आ रहे है। विजेता शहरों को राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। इस आयोजन में शामिल होने प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के मेयर पुष्य मित्र भार्गव और अन्य अधिकारी जाएंगे। कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू होगा। इंदौर को पिछली बार संयुक्त रूप से सूरत के साथ अवार्ड मिला था। इस बार सूरत की भी कोशिश है कि वह अकेला स्वच्छता की पहली रैंकिंग पाए। सूरत ने कचरे से कमाई के मामले में बेहतर काम किया है। इंदौर में भी सीएनजी गैस का प्लांट लगाया गया, लेकिन वह ठीक से काम नहीं कर पा रहा है।
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डोर टू डोर कलेक्शन इंदौर की सबसे बड़ी ताकत
स्वच्छता के लिए घर-घर कचरा संग्रहण इंदौर की सबसे बड़ी ताकत है। ज्यादातर शहर इसे मजबूत नहीं कर पाए है। इंदौर में कचर पेटियां ही नहीं है। शत-प्रतिशत कचरा घरों से निकल कर सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड तक जाता है।
12 शहर स्वच्छता लीग में शामिल
पिछले साल सूरत ने 30 वार्डों को अलग-अलग जनप्रतिनिधियों को गोद दिया था और वहां घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था मजबूत की थी। इंदौर के साथ 12 शहर स्वच्छता लीग में शामिल है। इनमें सूरत, नवी मुबंई, चंडीगढ़, नोएडा, तिरुपति, अंबिकापुर, नई दिल्ली जैसे शहर शामिल हैं।
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आंकलन के लिए 28 बिन्दू तय
केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने इस बार इन शहरों की स्वच्छता आंकने के लिए 28 बिन्दू तय किए गए थे। स्वच्छता के अलावा कचरे का निपटान, कचरे का फिर से उपयोग, नदी-नालों की सफाई सहित अन्य बिन्दू के हिसाब से नंबर मिले। पब्लिक फीडबैक के अंक भी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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डोर टू डोर कलेक्शन इंदौर की सबसे बड़ी ताकत
स्वच्छता के लिए घर-घर कचरा संग्रहण इंदौर की सबसे बड़ी ताकत है। ज्यादातर शहर इसे मजबूत नहीं कर पाए है। इंदौर में कचर पेटियां ही नहीं है। शत-प्रतिशत कचरा घरों से निकल कर सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड तक जाता है।
12 शहर स्वच्छता लीग में शामिल
पिछले साल सूरत ने 30 वार्डों को अलग-अलग जनप्रतिनिधियों को गोद दिया था और वहां घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था मजबूत की थी। इंदौर के साथ 12 शहर स्वच्छता लीग में शामिल है। इनमें सूरत, नवी मुबंई, चंडीगढ़, नोएडा, तिरुपति, अंबिकापुर, नई दिल्ली जैसे शहर शामिल हैं।
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आंकलन के लिए 28 बिन्दू तय
केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने इस बार इन शहरों की स्वच्छता आंकने के लिए 28 बिन्दू तय किए गए थे। स्वच्छता के अलावा कचरे का निपटान, कचरे का फिर से उपयोग, नदी-नालों की सफाई सहित अन्य बिन्दू के हिसाब से नंबर मिले। पब्लिक फीडबैक के अंक भी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।