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Jabalpur News: आर्थिक रूप से सक्षम शादीशुदा बेटी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार नहीं, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: जबलपुर ब्यूरो Updated Wed, 19 Nov 2025 03:29 PM IST
सार

न्यायालय ने माना कि याचिकाकर्ता को आर्थिक रूप से किसी सहायता की आवश्यकता नहीं है, न ही मृतक कर्मचारी के परिवार का कोई सदस्य उस पर निर्भर है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

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Jabalpur High Court: Financially capable married daughter is not entitled to compassionate appointment
जबलपुर हाईकोर्ट। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हाईकोर्ट ने अपने अहम आदेश में कहा है कि आर्थिक रूप से सक्षम शादीशुदा बेटी को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के लिए दया पूर्वक विचार नहीं किया जा सकता है। मृतक कर्मचारी के परिवार के अन्य सदस्य याचिका दायर करने वाली शादीशुदा बेटी पर निर्भर नहीं हैं। हाईकोर्ट जस्टिस दीपक कोत की एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ शादीशुदा बेटी की तरफ से दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया।
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छिंदवाड़ा निवासी अनुपाल की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया कि उनकी मां मूला देवी वेस्टन कोल लिमिटेड में कार्यरत थीं। उनकी 7 नवम्बर 2017 को मृत्यु हो गई। उसके बाद उसने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दायर किया, जिसे उसके शादीशुदा होने के कारण अस्वीकार कर दिया गया। वेस्टन कोल लिमिटेड की तरफ से बताया गया कि शादीशुदा होने के कारण याचिकाकर्ता का आवेदन निरस्त नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता का पति डब्ल्यूसीएल में कार्यरत है। इसके अलावा उनकी दोनों बहनों ने भी याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति नहीं प्रदान करने के संबंध में प्राधिकरण के समक्ष अपने बयान दर्ज कराया है।
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आर्थिक रूप से सक्षम होने के कारण उसके अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन को निरस्त किया गया है। एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा है कि महिला कर्मचारी की मृत्यु लगभग आठ साल पूर्व हुई थी। याचिकाकर्ता के पक्ष में दया के आधार पर विचार करने की कोई आर्थिक जरूरत नहीं है। याचिकाकर्ता एक शादीशुदा महिला और उसका पति पति को अनावेदक कंपनी में नौकरी करते है। उसका अपना परिवार है और उसे आर्थिक मदद के लिए नौकरी की ज़रूरत नहीं है। इसके अलावा मृतक महिला कर्मचारी के परिवार का सदस्य याचिकाकर्ता पर निर्भर है। एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका को खारिज कर दिया।
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