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Jabalpur News: इंदौर में सड़क दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति पर हाईकोर्ट सख्त, पुलिस कमिश्नर से मांगी रिपोर्ट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर
Published by: जबलपुर ब्यूरो
Updated Wed, 19 Nov 2025 09:01 PM IST
सार
कोर्ट ने पूछा कि ऐसी गंभीर चूक कैसे हुई और भविष्य में रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस आयुक्त ने बताया कि घटना के बाद बड़े हादसे नहीं हुए और यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई जारी है।
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इंदौर में सड़क दुर्घटनाओं की पुर्नावृत्ति पर हाईकोर्ट सख्त
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष इंदौर के पुलिस आयुक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए। युगलपीठ ने पुलिस आयुक्त को निर्देशित किया है कि इंदौर में सड़क हादसों को रोकने के लिए सुधारात्मक प्रयास के संबंध में रिपोर्ट पेश करें। याचिका पर अगली सुनवाई 17 दिसंबर को निर्धारित की गई है।
गौरतलब है कि 15 सितंबर की शाम एरोड्रोम इलाके की सड़कों पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने करीब एक किलोमीटर तक कई वाहनों को टक्कर मारते हुए लोगों को कुचल दिया था। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। इंदौर में नो एंट्री में ट्रक के कोहराम मचाने की घटना को संज्ञान में लेते हुए युगलपीठ ने मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश जारी किये थे।
संज्ञान याचिका की सनुवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से पूछा था कि यह गंभीर चूक कैसे हुई। कोर्ट ने यह बताने भी कहा था कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए क्या योजना है। हाईकोर्ट कोर्ट ने गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब सड़क सुरक्षा के सख्त नियम मौजूद हैं, तो इस तरह के हादसे होना अत्यंत चिंताजनक है।
ये भी पढ़ें- 'ऑपरेशन सिंदूर' में शामिल जवान को किससे है जान का खतरा? लगातार मिल रही धमकी, मामला दर्ज
पूर्व में सुनवाई के दौरान इंदौर के पुलिस कमिश्नर तथा ट्रैफिक डीसीपी व्यक्तिगत रूप से हाजिर हुए थे। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया था इंदौर में इस तरह की घटना घटित हो रही है। युगलपीठ ने घटनाओं की पुनरावृत्ति को गंभीरता से लेते हुए इंदौर पुलिस आयुक्त को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से उपस्थित रहने के आदेष जारी किये थे।
याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान इंदौर पुलिस आयुक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से युगलपीठ के समक्ष उपस्थित हुए। उन्होने बताया कि उक्त घटना के बाद गंभीर सड़क हादसे की घटना घटित नहीं हुई है। यातायात नियम का पालन नहीं करने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने सुधारात्मक प्रयास किये जा रहे है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किये।
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गौरतलब है कि 15 सितंबर की शाम एरोड्रोम इलाके की सड़कों पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने करीब एक किलोमीटर तक कई वाहनों को टक्कर मारते हुए लोगों को कुचल दिया था। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। इंदौर में नो एंट्री में ट्रक के कोहराम मचाने की घटना को संज्ञान में लेते हुए युगलपीठ ने मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश जारी किये थे।
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संज्ञान याचिका की सनुवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से पूछा था कि यह गंभीर चूक कैसे हुई। कोर्ट ने यह बताने भी कहा था कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए क्या योजना है। हाईकोर्ट कोर्ट ने गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब सड़क सुरक्षा के सख्त नियम मौजूद हैं, तो इस तरह के हादसे होना अत्यंत चिंताजनक है।
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पूर्व में सुनवाई के दौरान इंदौर के पुलिस कमिश्नर तथा ट्रैफिक डीसीपी व्यक्तिगत रूप से हाजिर हुए थे। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया था इंदौर में इस तरह की घटना घटित हो रही है। युगलपीठ ने घटनाओं की पुनरावृत्ति को गंभीरता से लेते हुए इंदौर पुलिस आयुक्त को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से उपस्थित रहने के आदेष जारी किये थे।
याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान इंदौर पुलिस आयुक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से युगलपीठ के समक्ष उपस्थित हुए। उन्होने बताया कि उक्त घटना के बाद गंभीर सड़क हादसे की घटना घटित नहीं हुई है। यातायात नियम का पालन नहीं करने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने सुधारात्मक प्रयास किये जा रहे है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किये।