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Balaghat News: सामूहिक दुष्कर्म मामले में तीन को आजीवन कारावास, 20 हजार का अर्थदंड भी लगाया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बालाघाट
Published by: जबलपुर ब्यूरो
Updated Thu, 24 Oct 2024 09:17 PM IST
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : ANI
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बालाघाट सत्र न्यायालय के एससी-एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश के एस बारिया ने महिला के साथ सामूहिक रूप से दुष्कर्म करने वाले तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। न्यायालय ने आरोपियों को 20 हजार रुपये के आर्थिक दंड से भी दंडित किया है। प्रकरण में एक आरोपी फरार है।
अभियोजन के अनुसार 11 सितंबर 2018 को जन्माष्टमी का त्योहार मनाने के बाद पीड़ित महिला सुसराल जाने के लिए लगभग 10 बजे मायके से अकेले निकली थी। वह बस की प्रतीक्षा कर रही थी तभी लगभग 11.30 बजे राजू परते मोटरसाइकिल से आया। उसने पीड़िता से कहा कि वह उसे ससुराल छोड़ देगा। वह महिला को बैठाकर ग्राम डोंगरगांव पहुंचने के बाद गाड़ी में पेट्रोल भरवाया। इसके बाद महिला महिला को लेकर गांव के पुराने रेस्ट हाउस ले गया। इसके बाद वह महिला को जबरदस्ती खींचते हुए गेस्ट हाउस के पीछे कमरे में ले गया। महिला ने मदद के लिए चिल्लाई तो उसका गमछे से मुंह बांध दिया। इसके बाद फोन कर उसने अपनी तीन साथी सेवकराम, अनिल टेकाम और हीरालाल को बुलाया और चारों ने पीड़िता के साथ बारी बारी से सामूहिक दुराचार किया। महिला द्वारा विरोध करने पर इन चारों ने उसे कमरे से बाहर निकालकर साड़ी से उसे पेड़ से बांध दिया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देकर वहां से भाग गए।
किसी तरह बंधनमुक्त होने पर महिला ने घटना के संबंध में फोन से रिश्ते के भाई को सूचित किया। इसके बाद रामपायली थाने पहुंचकर घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने चारों आरोपियों के विरुद्ध धारा 376 डी,366,506 के अलावा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। प्रकरण की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पेश किए गए साक्ष्य व गवाहों के आधार पर आरोपी आरोपियों में राजू पिता चुन्नीलाल परते 36 वर्ष ग्राम दीनी, हीरालाल पिता झनकलाल मेश्राम 38 वर्ष और सेवकराम मेश्राम 39 वर्ष को दोषी करार देते हुए सजा से दंडित किया। इस मामले का न्यायालय ने आरोपी राजू टेकाम फरार घोषित किया है।
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अभियोजन के अनुसार 11 सितंबर 2018 को जन्माष्टमी का त्योहार मनाने के बाद पीड़ित महिला सुसराल जाने के लिए लगभग 10 बजे मायके से अकेले निकली थी। वह बस की प्रतीक्षा कर रही थी तभी लगभग 11.30 बजे राजू परते मोटरसाइकिल से आया। उसने पीड़िता से कहा कि वह उसे ससुराल छोड़ देगा। वह महिला को बैठाकर ग्राम डोंगरगांव पहुंचने के बाद गाड़ी में पेट्रोल भरवाया। इसके बाद महिला महिला को लेकर गांव के पुराने रेस्ट हाउस ले गया। इसके बाद वह महिला को जबरदस्ती खींचते हुए गेस्ट हाउस के पीछे कमरे में ले गया। महिला ने मदद के लिए चिल्लाई तो उसका गमछे से मुंह बांध दिया। इसके बाद फोन कर उसने अपनी तीन साथी सेवकराम, अनिल टेकाम और हीरालाल को बुलाया और चारों ने पीड़िता के साथ बारी बारी से सामूहिक दुराचार किया। महिला द्वारा विरोध करने पर इन चारों ने उसे कमरे से बाहर निकालकर साड़ी से उसे पेड़ से बांध दिया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देकर वहां से भाग गए।
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किसी तरह बंधनमुक्त होने पर महिला ने घटना के संबंध में फोन से रिश्ते के भाई को सूचित किया। इसके बाद रामपायली थाने पहुंचकर घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने चारों आरोपियों के विरुद्ध धारा 376 डी,366,506 के अलावा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। प्रकरण की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पेश किए गए साक्ष्य व गवाहों के आधार पर आरोपी आरोपियों में राजू पिता चुन्नीलाल परते 36 वर्ष ग्राम दीनी, हीरालाल पिता झनकलाल मेश्राम 38 वर्ष और सेवकराम मेश्राम 39 वर्ष को दोषी करार देते हुए सजा से दंडित किया। इस मामले का न्यायालय ने आरोपी राजू टेकाम फरार घोषित किया है।

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