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Omkareshwar News: तीन दिन बाद मिले ओंकारेश्वर में डूबे दो युवकों के शव, जवानों की सतर्कता से टला एक और हादसा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर
Published by: प्रिया वर्मा
Updated Thu, 13 Nov 2025 09:45 PM IST
सार
तीन दिन पहले नर्मदा में डूबे दो युवकों के शव बरामद होने के बाद पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिए गए। इसी बीच नर्मदा स्नान के लिए नदी में उतरे दो युवक तेज बहाव में फंस गए, जिन्हें वहां मौजूद सडीईआरएफ के जवानों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
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तीन दिन बाद मिले नर्मदा में डूबे दो युवकों के शव
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी इन दिनों लगातार हादसों की साक्षी बन रही है। ब्रह्मपुरी घाट पर तीन दिन पहले डूबे उत्तरप्रदेश के मथुरा निवासी दो युवकों आकाश और तुषार के शव आखिर हादसे के तीसरे दिन बरामद हो गए। दोनों दर्शन के बाद नर्मदा स्नान के लिए घाट पर उतरे थे, जहां तेज बहाव के चलते उनकी डूबकर मौत हो गई थी।
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एसडीईआरएफ और होमगार्ड की टीम तीन दिनों से लगातार नदी में तलाशी अभियान चला रही थी। गहराई और तेज धार के कारण पहले दो दिनों में सफलता नहीं मिली। तीसरे दिन देर शाम आकाश का शव पानी की सतह पर दिखाई दिया, जबकि लगभग डेढ़ घंटे बाद तुषार का शव भी ऊपर आ गया। थाना मांधाता प्रभारी अनोक सिंह सिंधिया ने बताया कि पंचनामा और पोस्टमार्टम कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
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इसी बीच बुधवार को नर्मदा में एक और हादसा होते-होते बच गया। जलगांव (महाराष्ट्र) से आए श्रद्धालु अक्षय ठाकुर (23) अपने साथी के साथ नागर घाट पर स्नान कर रहे थे। सुरक्षा दीवार के बाहर चले जाने पर दोनों तेज बहाव में फंस गए। मौके पर मौजूद एसडीईआरएफ जवान राकेश पटेल और तेजपाल ने तुरंत लाइफबॉय फेंककर दोनों युवकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
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होमगार्ड डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट रविन्द्र महिवाल के अनुसार जवानों की तत्परता ने एक बड़ा हादसा टल दिया। अक्षय ठाकुर ने भावुक होकर कहा कि अगर कुछ क्षण और देर होती तो शायद हम लौट नहीं पाते। जवानों और नर्मदा मैया ने हमें दूसरी जिंदगी दी है।
बीते एक सप्ताह में नर्मदा नदी में यह तीसरी डूबने की घटना है। ब्रह्मपुरी और नागर घाट जैसे प्रमुख घाटों पर रोज सैकड़ों श्रद्धालु स्नान करते हैं लेकिन कई जगह सुरक्षा जाल, चेतावनी बोर्ड और स्थायी लाइफगार्ड की कमी साफ दिखाई देती है।
स्थानीय लोगों और पुजारी वर्ग ने प्रशासन से मांग की है कि हर घाट पर पूर्णकालिक लाइफ गार्ड तैनात किए जाएं, खतरनाक जलस्तर की स्पष्ट सीमांकन रेखाएं लगाई जाएं और स्नान से पहले श्रद्धालुओं को सुरक्षा निर्देश दिए जाएं। ओंकारेश्वर जैसे पवित्र स्थल पर रोजना बड़ी संख्या में श्रद्धालु नदी में उतरते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अब समय आ गया है जब घाटों की पारंपरिक व्यवस्था को आधुनिक सुरक्षा ढांचे से जोड़ा जाए।