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Mandla News: बीजाडांडी जनपद सीईओ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, जनप्रतिनिधियों ने उठाई हटाने की मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मंडला
Published by: मंडला ब्यूरो
Updated Tue, 15 Jul 2025 06:41 PM IST
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सार
जनपद सदस्यों ने आरोप लगाया कि मनरेगा के तहत चल रहे निर्माण कार्यों में वेंडरों से 10 प्रतिशत तक की अवैध राशि की मांग की जा रही है। आवंटन जारी होने के बावजूद पिछले 20 दिनों से बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है, जिससे निर्माण कार्य ठप पड़े हैं और श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिल रही है। इस कारण क्षेत्र में असंतोष बढ़ रहा है।

बीजाडांडी जनपद फोटो
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विस्तार
मंडला जिले की जनपद पंचायत बीजाडांडी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी वासंती दुबे एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई हैं। उन पर भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता और पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जनपद उपाध्यक्ष विजेंद्र मोंटू यादव के नेतृत्व में जनपद सदस्यों का एक दल जिला मुख्यालय पहुंचा और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सीईओ को तत्काल पद से हटाने की मांग की। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सीईओ योजनाओं में पारदर्शिता नहीं बरत रहीं और ठेकेदारों, वेंडरों व हितग्राहियों से कमीशन की मांग की जा रही है।

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जनपद सदस्यों ने आरोप लगाया कि मनरेगा के तहत चल रहे निर्माण कार्यों में वेंडरों से 10 प्रतिशत तक की अवैध राशि की मांग की जा रही है। आवंटन जारी होने के बावजूद पिछले 20 दिनों से बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है, जिससे निर्माण कार्य ठप पड़े हैं और श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिल रही है। इस कारण क्षेत्र में असंतोष बढ़ रहा है। इतना ही नहीं, शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि समग्र आईडी के विभाजन और सत्यापन कार्य में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है। कंप्यूटर ऑपरेटरों के माध्यम से हितग्राहियों से पैसे वसूले जा रहे हैं, जिससे जरूरतमंद लोग योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक और निंदनीय है।
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शिकायत में यह भी बताया गया है कि पंचायत के पंचम वित्त, पंद्रहवें वित्त, विधायक निधि और सांसद निधि से संचालित निर्माण कार्यों में भी एजेंसियों से पैसों की मांग की जा रही है। जनपद कार्यालय के कर्मचारियों को बीते तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है, जबकि संबंधित योजनाओं और मदों में पर्याप्त बजट उपलब्ध है। कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है और दफ्तर में कामकाज प्रभावित हो रहा है। जनपद सदस्यों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सीईओ को पद से नहीं हटाया गया, तो वे जनपद कार्यालय में तालाबंदी करेंगे और उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर प्रशासन ने यदि जल्द निर्णय नहीं लिया तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।
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सीईओ ने आरोपों को सिरे से नकारा
वहीं, इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सीईओ वासंती दुबे ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और तथ्यहीन हैं। उन्होंने कहा कि जनपद में निर्माण कार्य पंचायतों के माध्यम से कराए जाते हैं, न कि ठेकेदारों के द्वारा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समग्र आईडी का काम आमजन स्वयं कराते हैं और उनके स्तर पर अब तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
सीईओ दुबे ने आरोप लगाया कि यह सारा विवाद जनपद लेखपाल के निलंबन के बाद शुरू हुआ है, जिसे हाल ही में पद से हटाया गया था। उन्होंने कहा कि निलंबित लेखपाल कुछ जनपद सदस्यों का खास समर्थक था और उन्हीं के इशारे पर यह शिकायत की गई है।