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MP News: सबसे बड़ी घड़ियाल सेंचुरी में बढ़ा घड़ियालों का कुनबा, अंडों से बाहर निकले 28 बच्चे

अमर उजाला, न्यूज डेस्क, मुरैना Published by: दिनेश शर्मा Updated Mon, 10 Jun 2024 09:36 AM IST
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सार

मुरैना जिले के देवरी घड़ियाल केंद्र पर रखे गए 28 अंडों से हेचिंग कराई गई है। इसमें सभी से घड़ियाल के बच्चे बाहर आ चुके हैं। अब इन घड़ियालों के बच्चों को तीन साल तक इस देवरी घड़ियाल केंद्र में बने कृत्रिम आवासों में रखा जाएगा। 

Morena News the family of crocodiles increased in the century, 28 babies came out of eggs.
मुरैना में घड़ियालों का कुनबा बढ़ा है। - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य, जो पूरे विश्व में घड़ियालों के जीवन की आस है, जहां घड़ियाल हर साल सुरक्षित तरीके से रहकर अपना कुनबा बढ़ा रहे हैं। देवरी घड़ियाल केंद्र में हाला ही में 28 बच्चे अंडों से बाहर निकले हैं। जिन्हें सुरक्षित चंबल नदी में छोड़ा गया है।
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बता दें कि घड़ियाल सेंचुरी में घड़ियालों के कुनबे में इजाफा हुआ है। देवरी घड़ियाल केंद्र पर रखे गए 28 अंडों से हेचिंग कराई गई है। इसमें सभी से घड़ियाल के बच्चे बाहर आ चुके हैं। अब इन घड़ियालों के बच्चों को तीन साल तक इस देवरी घड़ियाल केंद्र में बने कृत्रिम आवासों में रखा जाएगा। उसके बाद इन्हें चंबल नदी के प्राकृतिक वातावरण में छोड़ा जाएगा। 
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देवरी घड़ियाल केंद्र पर हर साल 200 अंडों को चंबल किनारे से घड़ियालों के घोंसलों से इकट्ठा कर लाया जाता है। इसके बाद इन्हें देवरी घड़ियाल केंद्र में बने कृत्रिम घोंसलों में लगभग 20 दिन तक रखा जाता है। इस वर्ष भी 200 अंडे लाए गए थे, जिनमें से 28 अंडों की रविवार शाम को वन विभाग के अधिकारियों ने हेचिंग कराई है। लगभग 20 दिनों में अंडों के परिपक्व होने तक इनको रखा घडियाल केंद्र के कृत्रिम घोंसलों में रखा गया था। 
 
वन विभाग के एसडीओ भूरा गायकवाड़ ने बताया कि देवरी घड़ियाल केंद्र पर 95 फीसद तक सुरक्षित तरीके से हेचिंग हो जाती है। यह अंडे 40 दिनों तक अपने प्राकृतिक घोंसले में ही रहते हैं। जिससे उनमें बच्चे सही विकसित हों। बीस दिनों तक देवरी घड़ियाल केंद्र पर रखे जाते हैं। उसके वाद विशेषज्ञों की निगरानी में हेचिंग कराई गई है। इसमें सभी अंडों से बच्चे बाहर आ चुके हैं। अब इन बच्चों को 15 दिनों तक क्वारंटीन कर रखा जाएगा। इसके बाद अन्य तालाब में शिफ्ट किया जाएगा। लगभग तीन साल तक यह घड़ियाल देवरी केंद्र पर ही रखे जाएंगे, इसके बाद चंबल नदी में उनके रहवास में छोड़ दिया जाएगा।
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