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MP News: आईटी प्रोफेशनल ने लिखी गुड़ की मीठी कहानी, गन्ने के बचे भूसे से बना रहे हैं क्रॉकरी, पेपर प्लेट्स
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नरसिंहपुर
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Thu, 20 Jul 2023 06:43 PM IST
सार
नरसिंहपुर का गुड़ अपने आप में खास है। इसकी मिठास को आईटी प्रोफेशनल अंकित शर्मा ने और भी बढ़ा दिया है। उनका बनाया गुड़ मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश-दुनिया में बिक रहा है। वहीं गन्ने का वेस्ट भी कई लोगों को रोजगार दे रहा है।
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अंकित गुड़ को पूरी स्वच्छता के साथ बनाने का दावा करते हैं।
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
नरसिंहपुर शुरू से ही अपने देसी गुड़ के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध रहा है। यह उसकी अब पहचान तक बन चुकी है। नरसिंहपुर की पहचान चीनी उत्पादन के लिए है। यहां के किसान गुड़ बनाते तो थे, लेकिन पुरानी पद्धतियों से बने गुड़ की डिमांड कम थी। इसी कमी को आईटी प्रोफेशनल अंकित शर्मा ने पहचाना और एक सक्सेस स्टोरी लिख दी।
अंकित को नरसिंहपुर में अहसास हुआ कि गुड़ के क्षेत्र में एक अच्छे स्टार्टअप की जरूरत है। स्थानीय स्तर पर रिसर्च उनके काम आया। उन्होंने साफ-सफाई से गुड़ बनाने की प्रक्रिया पर ध्यान दिया। उसके बाद यह सुनिश्चित किया कि इस प्रक्रिया में गुड़ का पोषण बरकरार रहे। साथ ही इससे बने उत्पाद नए जमाने के ग्राहकों को पसंद आए। जब उन्होंने अपने कृषि स्टार्टअप ‘फ्यूचर फार्मर्स एलएलपी’ की शुरुआत की तो उनके मन में बस एक ही बात थी कि गुड़ उत्पादन के अस्वच्छ तरीके को बदलना है। इस पूरी प्रक्रिया में उनके गुड़ के उत्पादों को इंसानों का हाथ तक नहीं लगता। यह पूरा मशीन से हो जाता है।
अंकित ने अपने ब्रांड का नाम ‘ग्लैडेन’ रखा है। अंकित कहते हैं कि पहले वह एक किसान है, दूसरा निर्माता और तीसरा एक ब्रांड के मालिक हैं। अंकित अब सिर्फ गुड़ और गुड़ से बने उत्पाद नहीं बेच रहे हैं। वह गन्ने के अवशेष से बनी क्रॉकरी, पेपर प्लेट आदि भी बेच रहे हैं। कंपनी साथ ही नए जमाने के ग्राहकों के लिए कैंडी और गुड़ पाउडर भी बना रही है। कंपनी ने हाल ही में सर्विस सेक्टर में भी प्रवेश किया है। हालांकि अंकित यहीं नहीं रुकने वाले हैं। उनका कहना है कि अभी उन्हें बहुत कुछ हासिल करना है।
अंकित को गुड़ और इससे बने उत्पादों के उत्पादन के लिए गन्ने की जरूरत पड़ती है। इसके लिए वह किसानों से मदद लेते हैं। वह छोटे और बड़े किसानों के साथ काम करते हैं। अंकित के लिए भी यह सफर आसान नहीं था। वह गन्ने की खेती की बारीकियों को तो सीख गए लेकिन उन्हें रिटेल, मार्केटिंग इत्यादि चीजों में महारत हासिल करनी थी। इसके लिए उन्हें वॉलमार्ट वृद्धि कार्यक्रम ने काफी मदद की।
पूरी दुनिया में बिक रहा है ग्लैडेन
आज ग्लैडेन की बिक्री वैश्विक स्तर पर भी हो रही है। । भारत में ग्लैडेन को मुख्य रूप से भोपाल में 300 से 500 किराना स्टोरों के माध्यम से घरेलू बाजार में बेचा जाता है। इस उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री भी की जाती है और इसमें ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट फ्लिपकार्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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अंकित को नरसिंहपुर में अहसास हुआ कि गुड़ के क्षेत्र में एक अच्छे स्टार्टअप की जरूरत है। स्थानीय स्तर पर रिसर्च उनके काम आया। उन्होंने साफ-सफाई से गुड़ बनाने की प्रक्रिया पर ध्यान दिया। उसके बाद यह सुनिश्चित किया कि इस प्रक्रिया में गुड़ का पोषण बरकरार रहे। साथ ही इससे बने उत्पाद नए जमाने के ग्राहकों को पसंद आए। जब उन्होंने अपने कृषि स्टार्टअप ‘फ्यूचर फार्मर्स एलएलपी’ की शुरुआत की तो उनके मन में बस एक ही बात थी कि गुड़ उत्पादन के अस्वच्छ तरीके को बदलना है। इस पूरी प्रक्रिया में उनके गुड़ के उत्पादों को इंसानों का हाथ तक नहीं लगता। यह पूरा मशीन से हो जाता है।
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अंकित ने अपने ब्रांड का नाम ‘ग्लैडेन’ रखा है। अंकित कहते हैं कि पहले वह एक किसान है, दूसरा निर्माता और तीसरा एक ब्रांड के मालिक हैं। अंकित अब सिर्फ गुड़ और गुड़ से बने उत्पाद नहीं बेच रहे हैं। वह गन्ने के अवशेष से बनी क्रॉकरी, पेपर प्लेट आदि भी बेच रहे हैं। कंपनी साथ ही नए जमाने के ग्राहकों के लिए कैंडी और गुड़ पाउडर भी बना रही है। कंपनी ने हाल ही में सर्विस सेक्टर में भी प्रवेश किया है। हालांकि अंकित यहीं नहीं रुकने वाले हैं। उनका कहना है कि अभी उन्हें बहुत कुछ हासिल करना है।
अंकित को गुड़ और इससे बने उत्पादों के उत्पादन के लिए गन्ने की जरूरत पड़ती है। इसके लिए वह किसानों से मदद लेते हैं। वह छोटे और बड़े किसानों के साथ काम करते हैं। अंकित के लिए भी यह सफर आसान नहीं था। वह गन्ने की खेती की बारीकियों को तो सीख गए लेकिन उन्हें रिटेल, मार्केटिंग इत्यादि चीजों में महारत हासिल करनी थी। इसके लिए उन्हें वॉलमार्ट वृद्धि कार्यक्रम ने काफी मदद की।
पूरी दुनिया में बिक रहा है ग्लैडेन
आज ग्लैडेन की बिक्री वैश्विक स्तर पर भी हो रही है। । भारत में ग्लैडेन को मुख्य रूप से भोपाल में 300 से 500 किराना स्टोरों के माध्यम से घरेलू बाजार में बेचा जाता है। इस उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री भी की जाती है और इसमें ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट फ्लिपकार्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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