राजस्थान: गहलोत सरकार को बाल आयोग ने लिखी चिट्ठी, विवाह पंजीकरण विधेयक पर जताई चिंता
आयोग ने लिखा है कि आयोग इस बात से आशंकित है कि विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 का अधिनियमन राज्य में नाबालिगों के शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और शिक्षा पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

विस्तार
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने राजस्थान सरकार को चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी हाल ही में विधानसभा में पास विवाह के अनिवार्य पंजीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 से जुड़ी है। विधेयक में कहा गया है कि बाल विवाह की जानकारी उनके माता-पिता को शादी के 30 दिनों के भीतर देनी होगी। इस पर आयोग ने लिखा है कि आयोग इस बात से आशंकित है कि विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 का अधिनियमन राज्य में नाबालिगों के शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और शिक्षा पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

NCPCR's letter also reads, "The Commission is apprehensive that the enactment of Registration of Marriages (Amendment) Bill, 2021 may have a serious impact on the physical, psychological, social and education of minors in the State."
— ANI (@ANI) September 20, 2021