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Omkareshwar News: ममलेश्वर लोक निर्माण विवाद सुलझा, मुख्यमंत्री ने बदला स्थान; नर्मदा महाआरती में दिखा उत्सव
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Wed, 19 Nov 2025 10:23 PM IST
सार
ब्रह्मपुरी क्षेत्र में विरोध और प्रभावितों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अब ममलेश्वर लोक का नया स्थान संत समाज, नागरिकों और प्रशासन की सहमति से तय किया जाएगा। सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए परियोजना नए स्थल पर बनेगी।
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मां नर्मदा की आरती में उमड़ा जनसैलाब।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ओंकारेश्वर तीर्थ नगरी में पिछले कई दिनों से चल रहे ममलेश्वर लोक निर्माण विवाद पर आखिरकार समाधान निकल आया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्थानीय नागरिकों, संत समाज और जनप्रतिनिधियों की मांग को स्वीकार करते हुए ममलेश्वर लोक का स्थान परिवर्तन करने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही निरंतर चल रहा आंदोलन समाप्त हुआ और पूरी नगरी ने नर्मदा तट पर भव्य महाआरती के साथ इस विजयी क्षण का उत्सव मनाया।
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महाआरती में नर्मदा तट पर उमड़ा जनसैलाब
निर्णय घोषित होते ही नर्मदा घाट पर हजारों नागरिक एकत्र हुए और सात दर्शन संत मंडल के अध्यक्ष महंत मंगलदास त्यागी जी महाराज, खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, मांधाता विधायक नारायण पटेल ने मां नर्मदा की महाआरती में हिस्सा लिया। सबसे पहले मां नर्मदा जल का वैदिक पूजन हुआ। उसके बाद दूध अभिषेक संपन्न हुआ। इस दौरान 501 नारियल जाल में प्रवाहित किए गए। मां नर्मदा को चुनरी अर्पित की गई। साथ ही दीपदान हुआ और विशाल मात्रा में महाप्रसादी वितरित की गई। नगर परिषद अध्यक्ष मनीष परिहार, नगर भाजपा अध्यक्ष संतोष वर्मा तथा बड़ी संख्या में महिलाएं–पुरुष इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।
जनप्रतिनिधियों का सम्मान
आरती के दौरान सांसद पाटिल, विधायक नारायण पटेल और महंत मंगलदास त्यागी जी महाराज का श्रीफल और शाल से सम्मान किया गया। लोगों ने निर्णय पर राहत व्यक्त करते हुए जनप्रतिनिधियों का आभार जताया।
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा “मुख्यमंत्री ने जनता की आवाज सुनी, अब नया स्थान संतों–नागरिकों की सलाह से तय होगा”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए ममलेश्वर लोक का निर्माण चाहते हैं। परंतु स्थानीय लोगों की चिंता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। लगातार हो रहे आंदोलन को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जनभावना को समझा और वर्तमान स्थल पर निर्माण निरस्त किया है। अब संत समाज, नागरिकों और प्रशासन की संयुक्त सहमति से नया स्थान तय किया जाएगा।
बंद के कारण श्रद्धालुओं को हो रही थी परेशानी
मांधाता विधायक नारायण पटेल ने बताया कि वे पिछले कई दिनों से लगातार मुख्यमंत्री से संपर्क में थे। उन्होंने कहा ब्रह्मपुरी क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हो रहे थे। आंदोलन तेज था और दो दिन से पूरा बंद होने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही थी। मैंने मुख्यमंत्री से पूरा मामला विस्तार से रखा। उसी के बाद मुख्यमंत्री ने स्थान परिवर्तन पर सहमति दी और लिखित आदेश भेजा। यह सभी की जीत है। नगरवासियों ने माना कि विधायक नारायण पटेल की सक्रिय मध्यस्थता से विवाद सुलझने का मार्ग तेजी से खुला।
बंद आंदोलन हुआ समाप्त, संत समाज–नागरिकों ने जताया आभार
मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद दो दिनों से जारी स्वैच्छिक बंद समाप्त हो गया। नागरिकों और संत समाज ने राहत की सांस ली। आंदोलनकारियों ने एक-दूसरे का स्वागत किया। इस दौरान नर्मदा तट पर उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। संत समाज और नागरिकों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और विधायक नारायण पटेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मां नर्मदा ने सभी की रक्षा की। संवाद और समझदारी से बड़ा संकट टल गया।
अब ममलेश्वर लोक कहीं और बनेगा
सरकार सिंहस्थ 2028 में अपेक्षित लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए ममलेश्वर लोक का विकास करना चाहती है। लेकिन ब्रह्मपुरी क्षेत्र में व्यापक विरोध और नुकसान की आशंका देखते हुए अब यह परियोजना किसी नए उपयुक्त स्थल पर प्रस्तावित की जाएगी। मुख्यमंत्री द्वारा खंडवा डिप्टी कलेक्टर काशीराम बडोले तहसीलदार उदय मंडलोई को लिखित निर्देश भेजे गए, जिसके बाद प्रशासन ने आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया।