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Omkareshwar: सफल रहा संतों का संघर्ष...ममलेश्वर लोक निर्माण का स्थान बदला जाएगा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर Published by: पंखुड़ी श्रीवास्तव Updated Wed, 19 Nov 2025 12:48 PM IST
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ओंकारेश्वर में ममलेश्वर महालोक निर्माण को लेकर पिछले 15 दिनों से जारी विवाद आखिरकार मंगलवार को समाप्त हो गया। स्थानीय लोगों और संत समाज की मांग को स्वीकार करते हुए सरकार ने घोषणा की कि ममलेश्वर लोक अब ब्रह्मपुरी क्षेत्र में नहीं बनाया जाएगा, बल्कि किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर इसका निर्माण किया जाएगा। यह निर्णय ओंकारेश्वर और पूरे नर्मदा तट के आध्यात्मिक समुदाय के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से लगातार चर्चा के बावजूद समाधान न निकलने पर संत समाज के मार्गदर्शन में ऐतिहासिक स्वैच्छिक बंद का आह्वान किया गया था। दो दिनों तक नगर की सभी दुकानें, होटल, नावें और व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह बंद रहीं—जो ओंकारेश्वर के इतिहास का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जन आंदोलन माना जा रहा है।
मंगलवार को जोड़ गणपति हनुमान मंदिर में संत समाज की अहम बैठक हुई, जिसमें संतों ने स्पष्ट कहा कि मठ, मंदिर और आश्रम किसी भी कीमत पर नहीं हटने देंगे। हजारों लोगों ने आश्रम परिसर में पहुंचकर समर्थन दिया, जिससे आंदोलन निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया।
इसके बाद विधायक नारायण पटेल, प्रशासनिक अधिकारियों और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से बातचीत के बाद निर्णय लिया गया। डिप्टी कलेक्टर द्वारा जारी लिखित आदेश में स्पष्ट किया गया कि ममलेश्वर लोक ब्रह्मपुरी क्षेत्र में नहीं बनेगा और नई जगह तय करने से पहले संत समाज व स्थानीय जनता की सहमति ली जाएगी। आदेश मिलते ही नगर में खुशी की लहर दौड़ गई और दो दिनों से बंद पड़ा ओंकारेश्वर दीपावली की तरह रोशन हो उठा।
विवाद सुलझाने में मांधाता विधायक नारायण पटेल की भूमिका अहम रही। उन्होंने मुख्यमंत्री से चर्चा कर समाधान निकाला। पटेल ने कहा, “मैं विनाश पर विकास नहीं होने दूंगा। मैं सनातनी हूं, संतों के चरणों में पहुंचा हूं—किसी संत की बद्दुआ लेकर राजनीति कैसे कर सकता हूं?”
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