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क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2026 में सीएसजेएमयू का प्रदर्शन रहा बेहतर, 1251-1300 रैंक पर पाया स्थान
क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2026 में शहर के दो संस्थानों ने स्थान पाया है। बुधवार को जारी रैंकिंग में जहां आईआईटी कानपुर का ग्राफ गिरा है वहीं वैश्विक पटल पर छत्रपति शाहूजी महाराज विवि ने अपनी चमक बिखेरी है। 65 पायदान की गिरावट के साथ आईआईटी कानपुर को इस बार 310 रैंक मिली है, पिछले साल के मुकाबले सीएसजेएमयू 1251-1300 रैंक पर है। इससे पहले विवि 1501 के बैंड में शामिल था।
एशिया स्तर पर कानपुर विश्वविद्यालय को 464वीं, देश में 56वीं और उत्तर प्रदेश में पहली रैंक मिली है। सीएसजेएमयू में रैंकिंग के साथ पैरामीटर के हर सेक्टर में सुधार हुआ है। गवर्नेंस श्रेणी में विवि की वैश्विक रैंक 939 से 546 हो गई। पर्यावरणीय प्रभाव में विवि ने 1001+ श्रेणी से उठकर 986 स्थान प्राप्त किया। राष्ट्रीय स्तर पर इसकी रैंक 40 से बढ़कर 31 हो गई। गुड गवर्नेंस के स्कोर में 50.8 से बढ़कर 80.4 का उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पर्यावरणीय शोध में 18.7 अंकों की वृद्धि, पर्यावरणीय स्थिरता में 13.4 अंकों की वृद्धि, स्वास्थ्य एवं कल्याण में 25.5 अंकों की वृद्धि और नॉलेज एक्सचेंज में 24.3 अंकों का सुधार दर्ज किया गया है। कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा यह उपलब्धि टीम वर्क का परिणाम है। गुड गवर्नेंस श्रेणी में विवि ने देश में 15वां, पर्यावरणीय स्थिरता में 31वां, पर्यावरण प्रभाव श्रेणी में 50वां, समानता श्रेणी में 44वां स्थान पाया है। उन्होंने कहा कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद सीएसजेएमयू ने यह रैंक हासिल कर साबित कर दिया है कि सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक उत्तरदायित्व और शासन-प्रणाली में लाए गए सुधार प्रभावी सिद्ध हो रहे हैं।
वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार संस्थानों की संख्या बढ़ने से भी कई संस्थानों की रैंक गिरी है। 2026 की रैंकिंग में वैश्विक स्तर पर मूल्यांकन किए गए विवि की संख्या 1744 से बढ़कर 1994 हो गई थी। वहीं एशिया स्तर पर 662 से बढ़कर 827 और देश में 78 से बढ़कर 103 पहुंच गई है।
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