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सत्ता और सियासत: MP कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी परेशान, कमलनाथ का मुखबिर कौन, भाजपा विधायक किसे सुनाएं अपना दर्द?

Arvind Tiwari अरविंद तिवारी
Updated Mon, 14 Oct 2024 02:25 PM IST
सार

MP Power and politics: मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीूत पटवारी परेशान हैं। पीसीसी में कोई है जो कमलनाथ का मुखबिर बना हुआ है। भाजपा विधायक अफसरशाही से नाराज बताए जा रहे हैं। प्रदेश के कद्दावर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय क्या नाराज हैं। पढ़िए, सत्ता और सियासत की आज की इस कड़ी में... 

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Power and politics: MP Congress President Patwari worried who is Kamal Nath informer BJP MLA
सियासत - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जिनसे मदद मांग रहे हैं वे खुद असहाय नजर आ रहे हैं

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मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की विधायकों की अति मुखरता ने सत्ता और संगठन दोनों को परेशान कर रखा है। पार्टी के आधा दर्जन से ज्यादा विधायक इन दिनों जिस अंदाज में पेश आ रहे हैं, उससे सीधा संदेश यह जा रहा है मानो उनकी कहीं सुनी नहीं जा रही है और नौकरशाही जैसा चाह रही है, वैसा कर रही है। सत्ता और संगठन की चिंता इसलिए भी बड़ी हुई है कि जो विधायक मुखर हैं, उनमें से कुछ बहुत वरिष्ठ हैं और पूर्व में भी मंत्री रह चुके हैं। ये विधायक अपना दर्द पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बयां करने में भी परहेज नहीं कर रहे हैं। दिक्कत यह है कि ये नेता भी इनकी बात इस कान से सुनने और उस कान से निकालने से ज्यादा कुछ कर नहीं पा रहे हैं। 

मध्यप्रदेश में कम महाराष्ट्र में ज्यादा नजर आ रहे हैं विजयवर्गीय
भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच इस बात की बड़ी चर्चा है कि कद्दावर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इन दिनों मध्यप्रदेश से ज्यादा समय आखिर महाराष्ट्र में क्यों दे रहे हैं। बातें तरह-तरह की हो रही हैं और कयास भी अलग-अलग लगाए जा रहे हैं। दबे स्वरों में इसे विजयवर्गीय की सत्ता के शीर्ष पुरुष से नाराजगी बताया जा रहा है। विजयवर्गीय के बारे में यह ख्यात है कि उनकी दोस्ती भी बहुत मजबूत रहती है और जब किसी से पटती नहीं है तो वे उसे यह अहसास कराने में भी पीछे नहीं रहते हैं कि अब अपने रास्ते अलग-अलग हैं। ऐसा ही कुछ इन दिनों मध्यप्रदेश में दिख रहा है। 
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इस जासूसी ने परेशान कर रखा है पटवारी को
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी इस बात से बड़े परेशान हैं कि आखिर वे कौन लोग हैं, जो पीसीसी की पल-पल की खबर उनके खांटी विरोधी और इन दिनों कांग्रेस से बाहर चल रहे अजय चौरड़िया तक पहुंचा देते हैं। पिछले दिनों पीसीसी से जुड़े मुद्दे एक के बाद एक उठाते हुए चौरड़िया ने जिस अंदाज में पटवारी को निशाने पर लिया, उससे प्रदेश अध्यक्ष का बेचैन होना स्वाभाविक है। यही नहीं 9 श्यामला हिल्स यानि कमलनाथ के सरकारी निवास तक भी पीसीसी से जुड़ी पल-पल की खबरें पहुंच रही हैं। जासूसी कौन कर रहा है, इसका पता तो अभी तक नहीं चल पाया, लेकिन इस शंका के चलते कई नेताओं के पर कतरे जा चुके हैं। 

नाम गुप्ता और सिंह का चला जिम्मेदारी देशमुख के कंधों पर आ गई
राकेश गुप्ता और संतोष कुमार सिंह में से किसी एक को पुलिस महकमें की खुफिया शाखा का प्रभार सौंपे जाने की अटकलों के बीच बेहद काबिल अफसर योगेश देशमुख एडीजी इंटेलीजेंस बना दिए गए। देशमुख का उज्जैन कनेक्शन भी बहुत मजबूत माना जाता है, लेकिन गुप्ता और सिंह की तुलना में कमतर। दरअसल, इस अहम पद पर मुख्यमंत्री अपने किसी बेहद भरोसेमंद अफसर को तैनात करना चाहते थे और इसी के चलते गुप्ता और सिंह के नाम चल पड़े थे। माना यह जा रहा है कि गुप्ता इस पद के इच्छुक नहीं थे, सिंह की एडीजी पद पर पदोन्नति में कुछ महीने शेष हैं और इसी बीच कुछ आला अफसरों की बात मानते हुए मुख्यमंत्री ने यह जिम्मेदारी देशमुख को सौंप दी। इस शाखा में कामकाज का खास तजुर्बा रखने वाले कल अफसर के मुताबिक भले ही देर से हुआ पर सही फैसला है।

फिर जम सकती है जैन और शर्मा की जोड़ी
दिल्ली से आए अनुराग जैन के मध्यप्रदेश का मुख्य सचिव बनने के बाद अब चर्चा नए डीजीपी को लेकर शुरू हो गई। साल खत्म होने के पहले डीजीपी सुधीर सक्सेना सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनका स्थान कौन लेगा, इसको लेकर अटकलों का दौर चल पड़ा है। अरविंद कुमार और अजय शर्मा के साथ ही कुछ और नाम भी चर्चा में है, पर जैन के मुख्य सचिव बनने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में अजय शर्मा का नाम है। कामकाज पर पकड़ के साथ ही मैनेजमेंट के मास्टर शर्मा अभी ईओडब्ल्यू के डीजी हैं और पुलिस महकमे के लगभग हर प्रमुख पद पर काम कर चुके हैं। संयोग यह भी है कि बेहद तेजतर्रार और काम के प्रति ईमानदार माने जाने वाले शर्मा उस समय मंदसौर के एसपी रहे, जब अनुराग जैन वहां कलेक्टर थे। पुराने संबंधों का कुछ तो फायदा मिलेगा यानि जोड़ी फिर जम सकती है

चर्चा तो प्रवीण कक्कड़ की नई भूमिका की भी है
पहले पुलिस अधिकारी और बाद में केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और मुख्यमंत्री रहते हुए कमलनाथ के ओएसडी रह चुके प्रवीण कक्कड़ अब नई भूमिका में हैं। सरकारी कामकाज से उनका पहले ही मोह भंग हो गया था। सामाजिक क्षेत्र में कुछ सक्रियता दिखाने के बाद वे अब लिखने-पढ़ने में रुचि लेने लगे हैं। हाल ही में उनकी पहली पुस्तक 'दंड से न्याय तक' का लोकार्पण हुआ। मजेदार बात यह है कि इस कार्यक्रम में इंदौर का हर वह व्यक्ति मौजूद था जो अलग-अलग क्षेत्र में अपना अच्छा-खासा वजूद रखते हैं। इस कार्यक्रम ने कक्कड़ के मजबूत पब्लिक कनेक्शन पर एक बार फिर ठप्पा लगा दिया। चर्चा में बने रहना कक्कड़ को अच्छे से आता है।

चलते-चलते 
हरियाणा के नतीजे के बाद दिल्ली में एक वरिष्ठ पत्रकार राहुल गांधी के खास माने जाने वाले पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल पर जमकर बरसे। यहां तक तो ठीक था लेकिन मध्य प्रदेश के कांग्रेसियों ने ही इस वीडियो को जिस अंदाज में वायरल किया उसने जरूर दिल्ली में बैठकर मध्य प्रदेश की राजनीति करने वालों को चौंका दिया। वैसे वेणुगोपाल के खास माने जाने वाले मध्य प्रदेश के कुछ नेता रफुरंगाई में लग गए हैं।

पुछल्ला
भाजपा विधायक बृज बिहारी यानी गुड्डा पटेरिया के तीखे तेवर तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के आग्रह के बाद ठंडे पड़ गए, लेकिन इस विवाद पर जो तेवर पार्टी के ही वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने दिखाएं उसे ठंडा करने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया। पंडित जी ने एक तीर से दो निशाने साध दिए।

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