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सुन लो सरकार: जेल बाद में भेज देना, पहले कुत्तों से बचा लो...राजगढ़ में मृत पड़ी गाय के शव को नोच रहे कुत्ते
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, राजगढ़
Published by: राजगढ़ ब्यूरो
Updated Thu, 01 Aug 2024 05:19 PM IST
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सार
राजगढ़ और खुजनेर के बीच में स्थित गुराडिया गांव में हादसे का शिकार हुई गाय का शव रोड पर ही पड़ा रहा, जिसकी सूचना ग्राम पंचायत के पास तक नहीं थी। ऐसे में गांव के आवारा कुत्ते मृत गाय के शव को नोचते हुए नजर आए।

मरी हुई गाय के पास युवक
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
राजगढ़ जिले के खुजनेर से राजगढ़ मार्ग के बीच गुरुवार को मन विचलित करने वाली तस्वीर निकलकर सामने आई है, जिसने वर्तमान सरकार के तमाम दावों की पोल खोलकर रख दी। दरअसल, खुजनेर-राजगढ़ रोड के बीच में स्थित गुराडिया गांव के समीप बुधवार रात सड़क दुर्घटना का शिकार हुई एक गाय मृत अवस्था में रोड पर पड़ी रही, जिसके शव को आवारा कुत्ते नोच रहे थे, जिसकी सूचना तक ग्राम पंचायत के पास नहीं थी।
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दरअसल, बीते महीने मध्यप्रदेश की मोहन सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री गौतम टेटवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर छाया हुआ था, जिसमें वे एक कार्यक्रम के दौरान राजगढ़ जिले में गाय के सड़क पर घूमने का जिम्मेदार ग्राम पंचायत के जिम्मेदार पदाधिकारियों को मानते हुए उन्हें जेल भेजने और तीन दिन तक जमानत न होने की धमकी देते हुए नजर आए थे। लेकिन उनके इस बयान का कोई खासा असर उन्हीं के गृह जिले में देखने को नहीं मिला है। क्योंकि रोज की तरह आवारा गोवंश ग्रामीण क्षेत्रों से शहर व हाइवे की तरफ घेरे जा रहे हैं, जो या तो हादसे का कारण बन रहे हैं या हादसे का शिकार हो रहे हैं।
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ऐसा ही एक नजारा गुरुवार को राजगढ़ से खुजनेर के बीच गुराडिया गांव में भी देखने को मिला है। जहां बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात में अज्ञात वाहन सड़क पर बैठी गोवंश को कुचल गया, जिससे उसकी मौत हो गई। लेकिन मृत गोवंश के शव को ग्राम पंचायत के द्वारा न तो सड़क से हटाया गया और न ही उसे दफनाया गया। ऐसे में बीच सड़क पर मृत अवस्था में पड़ी गाय के शव को आसपास के आवारा कुत्ते नोच रहे थे। ऐसे में जब ग्रामीण युवाओं को इसकी सूचना लगी तो वे मृत गाय के शव के पास खड़े हो गए और कुत्तों को भगाने लगे।
वहीं, मामले में सरपंच प्रतिनिधि कैलाश दांगी का कहना है कि सिर्फ मेरे यहां ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में गाय सड़कों पर घूम रही हैं। हमारी ग्राम पंचायत में गोशाला ही नहीं है। क्योंकि गांव में सरकारी जगह पर कब्जा किया हुआ है। केवल लिंबोदा में एक गौशाला है, जिसमें तादाद से ज्यादा गाय हैं। वहीं, सरपंच प्रतिनिधि राज्यमंत्री के फरमान के बारे में सुनकर उन्हीं पर कटाक्ष करते हुए यह कह गए कि उन्होंने जेल भेजा क्यों नही, वे खुद नकली प्रमाण पत्र से पहले विधायक और अब राज्यमंत्री बन गए हैं। पहले वो अपना खुद का तो निपटारा कर लें, फिर हमें जेल भेज देना और भी जेल जाने के लिए तैयार हैं। क्योंकि यहां कोई काम धाम भी नहीं मिल रहा है।
आपको बता दें, बीते माह पचोर क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने कहा था कि गोमाता सड़कों पर घूमती हुई नहीं पाई जाए। पंचायत के निकटतम जो भी गोशालाएं हैं, उनमें गोमाता को रखने की व्यवस्था करें। हमारे मुख्यमंत्री ने प्रति गोमाता के चारे पानी के लिए 40 रुपये की व्यवस्था की है। इसलिए सभी सरपंच साहेबान मेरी ये बात सब सुन लें। अगर आपकी पंचायत के आसपास गोमाता सड़कों पर नजर आई और उन्हें कुछ होगा तो सरपंच, उप सरपंच, जनपद सदस्य और गांव के जिम्मेदार को 151 में जेल भेजेंगे और तीन दिन तक जमानत नहीं होने देंगे। उसके बावजूद भी गाय सड़कों पर हैं और हादसे का शिकार हो रही हैं, जिनके शव कुत्ते नोच रहे हैं।