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Ratlam News: दिल्ली-उज्जैन रेल सफर होगा आसान, नागदा में 13.70 किमी बाईपास लाइन मंजूर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रतलाम
Published by: रतलाम ब्यूरो
Updated Tue, 11 Nov 2025 01:09 PM IST
सार
लगभग 390.36 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस लाइन से दिल्ली से उज्जैन और इंदौर जाने वाली ट्रेनों को नागदा में इंजन बदलने की आवश्यकता नहीं रहेगी, जिससे 30 से 120 मिनट तक का समय बचेगा।
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विस्तार
पश्चिम रेलवे द्वारा दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर स्थित रतलाम मंडल के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन नागदा जंक्शन के बाईपास लाइन के तहत रोहलखुर्द से भीटासूड़ा के मध्य 13.70 किलोमीटर की नई रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस के निर्माण पर करीब अनुमानित 390.36 करोड़ की लागत आएगी। इस कार्य के लिए रेलवे मंत्रालय द्वारा स्वीकृति दे दी गई है। नागदा जंक्शन उज्जैन में होने वाले सिहंस्थ के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वर्तमान में दिल्ली से नागदा होकर उज्जैन व इंदौर जाने वाली ट्रेनों की नागदा स्टेशन पर दिशा बदली जाती है, इसमें आधा घंटे से अधिक का समय लगता है, नई बाईपास रेल लाइन डलने से दिल्ली से उज्जैन के लिए सीधा रेल संचालन संभव होगा। इससे यात्रा समय में कमी, संचालन में सुविधा और यातायात दक्षता में वृद्धि होगी।
रतलाम रेल मंडल के जनसंर्पक अधिकारी खेमराज मीना द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार रेलवे मंत्रालय द्वारा रोहल खुर्द से भाटीसूडा के मध्म 13.70 किलोमीटर लंबी नागदा बायपास लाइन के निर्माण कार्य की स्वीकृति दी गई है।
इस कार्य की अनुमानित लागत ₹390.36 करोड़ है, इसके तहत रेलवे में सिविल सिग्नल एंड टेलीकॉम (S&T) और इलेक्ट्रिकल के कार्य शामिल है। नागदा जंक्शन, उज्जैन से लगभग 55 किलोमीटर दूर होकर दिल्ली-मुंबई मुख्य रेलमार्ग पर स्थित एक महत्त्वपूर्ण स्टेशन है। वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले उज्जैन सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान लगभग 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है। इस दृष्टि से नागदा जंक्शन तीर्थयात्रियों के लिए प्रमुख प्रवेश द्वार तथा रेल यातायात के सुचारू संचालन हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
ये भी पढ़ें- लाड़ली बहना योजना: नाम बदलेगा! अब कहलाएगी ‘देवी सुभद्रा योजना’,जल्द होगी घोषणा
यात्रियों का समय बचेगा
वर्तमान में दिल्ली-मथुरा-कोटा दिशा से उज्जैन, देवास, इंदौर की तरफ जाने वाली ट्रेनों को नागदा में इंजन बदलने (रिवर्सल) की आवश्यकता होती है, जिससे कई ट्रेन को लगभग 30 से 120 मिनट तक का अतिरिक्त समय लगता है। नवीन स्वीकृत बायपास लाइन के निर्माण से ट्रेनों को नागदा जंक्शन पर रुककर दिशा बदलने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इससे दिल्ली से उज्जैन तक सीधा रेल संचालन संभव होगा, जिससे यात्रा समय में कमी, संचालन में सुविधा और यातायात दक्षता में वृद्धि होगी।
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रतलाम रेल मंडल के जनसंर्पक अधिकारी खेमराज मीना द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार रेलवे मंत्रालय द्वारा रोहल खुर्द से भाटीसूडा के मध्म 13.70 किलोमीटर लंबी नागदा बायपास लाइन के निर्माण कार्य की स्वीकृति दी गई है।
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इस कार्य की अनुमानित लागत ₹390.36 करोड़ है, इसके तहत रेलवे में सिविल सिग्नल एंड टेलीकॉम (S&T) और इलेक्ट्रिकल के कार्य शामिल है। नागदा जंक्शन, उज्जैन से लगभग 55 किलोमीटर दूर होकर दिल्ली-मुंबई मुख्य रेलमार्ग पर स्थित एक महत्त्वपूर्ण स्टेशन है। वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले उज्जैन सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान लगभग 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है। इस दृष्टि से नागदा जंक्शन तीर्थयात्रियों के लिए प्रमुख प्रवेश द्वार तथा रेल यातायात के सुचारू संचालन हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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यात्रियों का समय बचेगा
वर्तमान में दिल्ली-मथुरा-कोटा दिशा से उज्जैन, देवास, इंदौर की तरफ जाने वाली ट्रेनों को नागदा में इंजन बदलने (रिवर्सल) की आवश्यकता होती है, जिससे कई ट्रेन को लगभग 30 से 120 मिनट तक का अतिरिक्त समय लगता है। नवीन स्वीकृत बायपास लाइन के निर्माण से ट्रेनों को नागदा जंक्शन पर रुककर दिशा बदलने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इससे दिल्ली से उज्जैन तक सीधा रेल संचालन संभव होगा, जिससे यात्रा समय में कमी, संचालन में सुविधा और यातायात दक्षता में वृद्धि होगी।