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Sagar News: विवि का मनोविज्ञान विभाग बना अखाड़ा, क्लास लेने को लेकर मचा बवाल, महिला प्रोफेसर आपस में भिड़ीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर
Published by: सागर ब्यूरो
Updated Sat, 01 Nov 2025 11:25 AM IST
सार
क्लास में 15 मिनट ज्यादा पढ़ाने से अगली क्लास लेने आईं प्रोफेसर इतनी नाराज हो गई कि दोनों के बीच की कहासुनी हाथापाई में बदल गई। मामला विवि के मनोविज्ञान विभाग का है।
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मनोविज्ञान विभाग, सागर यूनिवर्सिटी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जिस विभाग में लोगों को उनकी मन की भावनाओं और विकारों को पढ़कर मनोवैज्ञानिक परामर्श की शिक्षा दी जाती है, उसी विभाग की प्रोफेसर अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाईं। खबर है हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर के मनोविज्ञान विभाग की जहां दो महिला प्रोफेसरों के बीच मारपीट हो गई।
एमपी के सागर जिले से अजब-गजब मामला सामने आया है, जहां क्लास में बच्चों को पढ़ाने को लेकर दो महिला प्रोफेसरों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया। यह घटना सागर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग की है, जहां दो महिला असिस्टेंट प्रोफेसरों के बीच पीरियड को लेकर झगड़ा हुआ। एक प्रोफेसर अपने तय समय से 15 मिनट अधिक क्लास में रहीं, जबकि दूसरी प्रोफेसर का समय शुरू हो गया था। इसी को लेकर क्लास रूम अखाड़े में बदल गया।
ये भी पढ़ें: MP Foundation Day: 69 साल बाद भी MP की शिशु मृत्यु दर देश में सर्वाधिक, स्वास्थ्य क्षेत्र में चुनौतियां बरकरार
मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर संचिता मीणा की शिकायत पर असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या भनोट के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में बताया गया कि असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या भनोट का क्लास टाइम दोपहर 1 से 2 बजे तक था लेकिन उन्होंने समय से 10–15 मिनट ज्यादा क्लास ली। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई, जो हाथापाई में बदल गई।
सिविल लाइन थाना प्रभारी आनंद सिंह ने बताया कि इस मामले में धारा 296, 115(2), 392, 351 और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या भनोट ने कहा कि जो शिकायत थाने में की गई, वास्तव में उल्टा मेरे साथ हुआ। मेरे साथ मारपीट होने के बाद मेरी तबीयत खराब हो गई और मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। रात दस बजे बीएमसी से लौटी और सुबह जब खबर देखी तो शॉक्ड रह गई। इस मामले में प्रबंधन, प्रशासन और कानून को पूरी परिस्थितियां समझकर निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।
जब मीडिया ने पीड़िता संचिता मीणा से पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया।
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एमपी के सागर जिले से अजब-गजब मामला सामने आया है, जहां क्लास में बच्चों को पढ़ाने को लेकर दो महिला प्रोफेसरों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया। यह घटना सागर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग की है, जहां दो महिला असिस्टेंट प्रोफेसरों के बीच पीरियड को लेकर झगड़ा हुआ। एक प्रोफेसर अपने तय समय से 15 मिनट अधिक क्लास में रहीं, जबकि दूसरी प्रोफेसर का समय शुरू हो गया था। इसी को लेकर क्लास रूम अखाड़े में बदल गया।
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मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर संचिता मीणा की शिकायत पर असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या भनोट के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में बताया गया कि असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या भनोट का क्लास टाइम दोपहर 1 से 2 बजे तक था लेकिन उन्होंने समय से 10–15 मिनट ज्यादा क्लास ली। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई, जो हाथापाई में बदल गई।
सिविल लाइन थाना प्रभारी आनंद सिंह ने बताया कि इस मामले में धारा 296, 115(2), 392, 351 और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या भनोट ने कहा कि जो शिकायत थाने में की गई, वास्तव में उल्टा मेरे साथ हुआ। मेरे साथ मारपीट होने के बाद मेरी तबीयत खराब हो गई और मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। रात दस बजे बीएमसी से लौटी और सुबह जब खबर देखी तो शॉक्ड रह गई। इस मामले में प्रबंधन, प्रशासन और कानून को पूरी परिस्थितियां समझकर निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।
जब मीडिया ने पीड़िता संचिता मीणा से पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया।