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MP News: चार ने पकड़े हाथ-पैर, दो ने बरसाए डंडे; सरेआम युवक की पिटाई में दिखा सागर पुलिस का बेरहम चेहरा, Video
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Mon, 15 Sep 2025 06:05 PM IST
सार
सीसीटीवी वीडियो में 6–7 पुलिसकर्मी युवक को लात-घूंसे और पाइप से पीटते दिख रहे हैं। घटना के बाद पीड़ित ने राज्य स्तरीय हेल्पलाइन 181 पर शिकायत दर्ज कराई और पुलिस पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया।
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सरेआम युवक की बेरहम पिटाई।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सागर से पुलिस की बर्बरता का चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। गणेश विसर्जन के दिन पुलिसकर्मी खुलेआम सड़क पर एक युवक को बेरहमी से पीटते नजर आए। सीसीटीवी वीडियो ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सागर के मोतीनगर थानाक्षेत्र के इतवारी टौरी इलाके से एक सीसीटीवी वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि करीब 6 से 7 पुलिसकर्मी एक युवक को लात-घूंसों और प्लास्टिक के पाइप से पीट रहे हैं। युवक को जमीन पर गिराकर बार-बार मारा जा रहा है और चारों तरफ खड़े लोग दहशत में तमाशबीन बने हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को इलाके में अवैध शराब बिक्री की सूचना मिली थी। कार्रवाई करने पहुंची पुलिस ने दो युवकों को पकड़ा और उन्हें बीच सड़क पर ही बेरहमी से पीट डाला। सवाल यह है कि अगर किसी युवक पर अपराध का शक था, तो क्या कानून हाथ में लेकर सरेआम पीटना सही है?
पीड़ित युवक ने इस पूरे मामले की शिकायत राज्य स्तरीय हेल्पलाइन 181 पर दर्ज कराई है। युवक का आरोप है कि बिना किसी ठोस सबूत और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के पुलिस ने उसे बर्बरता से पीटा। परिवार का कहना है कि पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर गुंडागर्दी की और कानून की सीमाएं लांघ दीं। वीडियो वीडियो सामने आने के बाद इस घटना ने राजनीतिक रंग भी लेना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि जनता की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली पुलिस ही अगर कानून तोड़ेगी, तो भरोसा कहां बचेगा? कई लोगों ने इस घटना को खाकी का खौफ बताते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
ये भी पढ़ें- शहडोल कलेक्टर का वॉट्सएप हैक, छह अंकों का ओटीपी मांगा जा रहा; जारी करना पड़ा आदेश
हालांकि, पुलिस विभाग की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच चुकी है और जल्द ही जांच कराई जाएगी। यह पहली बार नहीं है जब सागर पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आई हो। इससे पहले भी आरोप लगते रहे हैं कि कार्रवाई के नाम पर पुलिसकर्मी अक्सर हद से आगे बढ़ जाते हैं। ताजा मामला एक बार फिर यही सोचने पर मजबूर करता है कि क्या पुलिस वास्तव में कानून-व्यवस्था कायम कर रही है, या फिर कानून अपने हाथों में ले रही है।
गणेश विसर्जन के दिन हुई इस घटना ने सागर पुलिस पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। पीड़ित युवक न्याय की गुहार लगा रहा है और अब देखना होगा कि क्या इस मामले में पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी दबा दिया जाएगा। यह घटना न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी बताती है कि खाकी की आड़ में कानून से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जनता अब अधिकारियों से त्वरित और निष्पक्ष जांच की उम्मीद कर रही है।
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वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि करीब 6 से 7 पुलिसकर्मी एक युवक को लात-घूंसों और प्लास्टिक के पाइप से पीट रहे हैं। युवक को जमीन पर गिराकर बार-बार मारा जा रहा है और चारों तरफ खड़े लोग दहशत में तमाशबीन बने हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को इलाके में अवैध शराब बिक्री की सूचना मिली थी। कार्रवाई करने पहुंची पुलिस ने दो युवकों को पकड़ा और उन्हें बीच सड़क पर ही बेरहमी से पीट डाला। सवाल यह है कि अगर किसी युवक पर अपराध का शक था, तो क्या कानून हाथ में लेकर सरेआम पीटना सही है?
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पीड़ित युवक ने इस पूरे मामले की शिकायत राज्य स्तरीय हेल्पलाइन 181 पर दर्ज कराई है। युवक का आरोप है कि बिना किसी ठोस सबूत और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के पुलिस ने उसे बर्बरता से पीटा। परिवार का कहना है कि पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर गुंडागर्दी की और कानून की सीमाएं लांघ दीं। वीडियो वीडियो सामने आने के बाद इस घटना ने राजनीतिक रंग भी लेना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि जनता की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली पुलिस ही अगर कानून तोड़ेगी, तो भरोसा कहां बचेगा? कई लोगों ने इस घटना को खाकी का खौफ बताते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
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हालांकि, पुलिस विभाग की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच चुकी है और जल्द ही जांच कराई जाएगी। यह पहली बार नहीं है जब सागर पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आई हो। इससे पहले भी आरोप लगते रहे हैं कि कार्रवाई के नाम पर पुलिसकर्मी अक्सर हद से आगे बढ़ जाते हैं। ताजा मामला एक बार फिर यही सोचने पर मजबूर करता है कि क्या पुलिस वास्तव में कानून-व्यवस्था कायम कर रही है, या फिर कानून अपने हाथों में ले रही है।
गणेश विसर्जन के दिन हुई इस घटना ने सागर पुलिस पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। पीड़ित युवक न्याय की गुहार लगा रहा है और अब देखना होगा कि क्या इस मामले में पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी दबा दिया जाएगा। यह घटना न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी बताती है कि खाकी की आड़ में कानून से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जनता अब अधिकारियों से त्वरित और निष्पक्ष जांच की उम्मीद कर रही है।