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Sagar News: ASP के फर्जी हस्ताक्षर करने के मामले में चौकी प्रभारी बर्खास्त, जांच के बाद DIG ने की कार्रवाई
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर
Published by: सागर ब्यूरो
Updated Mon, 03 Nov 2025 12:47 PM IST
सार
करीब सात महीने पहले एएसआई ने एक एफएसएल रिपोर्ट ड्राफ्ट में खुद ही एएसपी के हस्ताक्षर कर दिए थे। जब यह ड्राफ्ट एएसपी के पास पहुंचा, तो उन्हें संदेह हुआ और जांच में फर्जीवाड़ा उजागर हो गया। शिकायत के बाद एएसआई को लाइन अटैच कर दिया गया था और एएसपी लोकेश सिन्हा ने जांच कर हस्ताक्षर फर्जी साबित किए।
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बर्खास्त चौकी प्रभारी।
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
सागर जिले के बहरोल थाना क्षेत्र की सेसई पुलिस चौकी में पदस्थ रहे एक एएसआई (असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर) को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर करना भारी पड़ा। उसे इस फर्जीवाड़ा के चलते अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। एएसपी के फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप में उसे बर्खास्त किया गया है। जिले में इस प्रकार का यह दूसरा मामला है।
सेसई पुलिस चौकी प्रभारी रहे रामजी राजपूत ने करीब 7 माह पहले एएसपी डॉ. संजीव उइके के फर्जी हस्ताक्षर कर दिए थे। मामला सामने आने के बाद एएसआई को पुलिस लाइन अटैच कर जांच प्रारंभ की गई थी। जांच के बाद डीआईजी ने हाल ही में एएसआई को बर्खास्त किया है।
ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री डॉ. यादव बिजली बिल बकायादारों के लिए समाधान योजना का करेंगे शुभारंभ
सात माह पुराना है मामला
विभागीय सूत्र बताते हैं कि करीब सात महीने पहले सेसई पुलिस चौकी में पदस्थ एएसआई रामजी राजपूत ने एक मामले में एकत्रित किए गए साक्ष्य एफएसएल भेजने के लिए पहले तो खुद ही ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की। एएसआई ने रिपोर्ट में एएसपी डॉ. संजीव उइके के हस्ताक्षर भी खुद कर दिए। ड्राफ्ट रिपोर्ट जब एएसपी डॉ. संजीव उइके के पास पहुंची तो रिपोर्ट में खुद के हस्ताक्षर देख एएसपी को संदेह हुआ। जांच की गई तो उन्हें पता चला कि इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में हस्ताक्षर उन्होंने नहीं किए। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस अधीक्षक से की, जिसके बाद एएसआई को पहले चौकी से हटाकर लाइन अटैच किया गया। मामला की गहनता से जांच की गई। इसकी जांच सागर एएसपी लोकेश सिन्हा को सौंपी गई। जांच में हस्ताक्षर फर्जी साबित हुए। इसके पहले सागर के गोपालगंज थाना में इस तरह का मामला सामने आया था । यह मामला भी अभी विभागीय जांच में उलझा है और इसमें भी रिपोर्ट आना बाकी है
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सेसई पुलिस चौकी प्रभारी रहे रामजी राजपूत ने करीब 7 माह पहले एएसपी डॉ. संजीव उइके के फर्जी हस्ताक्षर कर दिए थे। मामला सामने आने के बाद एएसआई को पुलिस लाइन अटैच कर जांच प्रारंभ की गई थी। जांच के बाद डीआईजी ने हाल ही में एएसआई को बर्खास्त किया है।
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सात माह पुराना है मामला
विभागीय सूत्र बताते हैं कि करीब सात महीने पहले सेसई पुलिस चौकी में पदस्थ एएसआई रामजी राजपूत ने एक मामले में एकत्रित किए गए साक्ष्य एफएसएल भेजने के लिए पहले तो खुद ही ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की। एएसआई ने रिपोर्ट में एएसपी डॉ. संजीव उइके के हस्ताक्षर भी खुद कर दिए। ड्राफ्ट रिपोर्ट जब एएसपी डॉ. संजीव उइके के पास पहुंची तो रिपोर्ट में खुद के हस्ताक्षर देख एएसपी को संदेह हुआ। जांच की गई तो उन्हें पता चला कि इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में हस्ताक्षर उन्होंने नहीं किए। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस अधीक्षक से की, जिसके बाद एएसआई को पहले चौकी से हटाकर लाइन अटैच किया गया। मामला की गहनता से जांच की गई। इसकी जांच सागर एएसपी लोकेश सिन्हा को सौंपी गई। जांच में हस्ताक्षर फर्जी साबित हुए। इसके पहले सागर के गोपालगंज थाना में इस तरह का मामला सामने आया था । यह मामला भी अभी विभागीय जांच में उलझा है और इसमें भी रिपोर्ट आना बाकी है