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Seoni News: पेंच में घायल शावक को भोपाल वन विहार भेजा, मां बाघिन की मौजूदगी ने बढ़ाई रेस्क्यू टीम की चुनौती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिवनी
Published by: सिवनी ब्यूरो
Updated Wed, 05 Nov 2025 10:52 PM IST
सार
पेंच नेशनल पार्क में घायल बाघ शावक का वन विभाग ने सफल रेस्क्यू किया। शावक गंभीर रूप से जख्मी था, जिसे इलाज के लिए वन विहार भोपाल भेजा गया है। विशेषज्ञ लगातार निगरानी कर रहे हैं। अनुमान है कि चोट क्षेत्रीय संघर्ष या शिकार के दौरान लगी होगी। जांच जारी है।
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बाघ का रेस्क्यु
- फोटो : credit
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विस्तार
पेंच नेशनल पार्क में गंभीर रूप से घायल एक बाघ शावक का रेस्क्यू सफलतापूर्वक किया गया। शावक को वन विभाग की टीम ने पूरी सतर्कता और रणनीति के साथ पकड़कर इलाज के लिए भोपाल स्थित वन विहार भेजा है। शावक की हालत नाजुक बताई जा रही है और विशेषज्ञ उसकी लगातार निगरानी कर रहे हैं।
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यह घायल शावक सबसे पहले 2 नवंबर को पर्यटन सफारी के दौरान देखा गया। शावक दबा-दबा चल रहा था और काफी कमजोर दिखाई दे रहा था। पर्यटकों और गाइडों ने इस बारे में पेंच प्रबंधन को सूचना दी। इसके बाद रिजर्व के अधिकारियों ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत चिकित्सकों और वनकर्मियों की एक टीम तैयार की।
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खोज में लगा पूरा वन अमला
3 नवंबर की सुबह रेस्क्यू टीम को तलाश में लगाया गया। टीम में डॉक्टर, वन्यजीव विशेषज्ञ, ट्रैकर्स, हाथी महावत और सुरक्षा बल शामिल थे। देर शाम लगभग 5:30 बजे, शावक को उसकी मां और एक अन्य स्वस्थ शावक के साथ देखा गया। उस समय स्थिति बेहद संवेदनशील थी, क्योंकि मां बाघिन अपने बच्चों की रक्षा को लेकर स्वभाव से आक्रामक रहती है। अंधेरा तेजी से बढ़ रहा था, ऐसे में रेस्क्यू दल ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ऑपरेशन रोकने का निर्णय लिया।
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गंभीर हालत में मिला था शावक
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह के अनुसार, जांच के दौरान पाया गया कि शावक का शरीर गंभीर रूप से जख्मी था। उसके कुछ आंतरिक अंग बाहर की ओर दिखाई देने लगे थे, जो अत्यंत खतरे की स्थिति थी। ऐसी अवस्था में शावक का जंगल में जीवित रहना लगभग असंभव था।
अगली सुबह सटीक योजना से रेस्क्यू
अगले दिन सुबह हाथियों की मदद से मां बाघिन को सुरक्षित दूरी में रखा गया। टीम ने सावधानीपूर्वक शावक को शांत करवाकर पकड़ लिया। इसके बाद एंबुलेंस में प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद शावक को वन विहार भोपाल भेज दिया गया, जहां उसका विशेषज्ञ उपचार जारी है।
क्यों होती हैं ऐसी चोटें
वन विभाग के अनुसार, क्षेत्र में बाघों के बीच क्षेत्रीय संघर्ष, शिकार पकड़ने के दौरान हुई चोट या झाड़ियों और चट्टानों से लगने वाली गहरी चोटें ऐसी स्थिति का कारण बन सकती हैं। सटीक कारण चिकित्सा रिपोर्ट के बाद स्पष्ट होगा।