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Auto Sales: अप्रैल में गाड़ियों की बिक्री में 7.5% की गिरावट, लेकिन ईवी की सालाना बिक्री में 30% की बढ़त
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 01 May 2025 04:51 PM IST
सार
वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कुछ खास अच्छी नहीं रही है। अप्रैल महीने में देश में कुल 20.6 लाख गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन हुईं, जो पिछले साल की तुलना में 7.5 प्रतिशत कम हैं।
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Automobile Industry
- फोटो : PTI
वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कुछ खास अच्छी नहीं रही है। अप्रैल महीने में देश में कुल 20.6 लाख गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन हुईं, जो पिछले साल की तुलना में 7.5 प्रतिशत कम हैं। हालांकि, अगर मार्च के मुकाबले देखें तो गिरावट थोड़ी कम, करीब 4 प्रतिशत रही, क्योंकि मार्च में यह आंकड़ा 21.5 लाख यूनिट्स का था।
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- फोटो : JSW MG Motor India
ईवी की बिक्री में तेज गिरावट, लेकिन सालाना आधार पर तेजी
अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवी) की बात करें, तो अप्रैल में इस सेक्टर को बड़ा झटका लगा है। ईवी रजिस्ट्रेशन मार्च की तुलना में 37 प्रतिशत गिरकर सिर्फ 1.5 लाख यूनिट्स रह गईं। लेकिन अगर साल दर साल तुलना करें, तो ईवी की बिक्री में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसकी एक वजह यह भी है कि पिछले साल अप्रैल में FAME II (फेम 2) सब्सिडी खत्म हो चुकी थी, जिससे मांग थोड़ी धीमी थी।
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अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवी) की बात करें, तो अप्रैल में इस सेक्टर को बड़ा झटका लगा है। ईवी रजिस्ट्रेशन मार्च की तुलना में 37 प्रतिशत गिरकर सिर्फ 1.5 लाख यूनिट्स रह गईं। लेकिन अगर साल दर साल तुलना करें, तो ईवी की बिक्री में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसकी एक वजह यह भी है कि पिछले साल अप्रैल में FAME II (फेम 2) सब्सिडी खत्म हो चुकी थी, जिससे मांग थोड़ी धीमी थी।
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Volkswagen Tiguan R-Line
- फोटो : Volkswagen
ऑटो सेक्टर में धीमी बढ़त की उम्मीद
भारतीय ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स की संस्था SIAM (सियाम) का मानना है कि पूरे वित्त वर्ष 2025-26 में पैसेंजर व्हीकल्स और ऑटो इंडस्ट्री की ग्रोथ सिर्फ 1-2 प्रतिशत के बीच रहेगी। इसका मुख्य कारण है - शहरों में कमजोर मांग, महंगी एसयूवी की ओर बढ़ता झुकाव और कारें खरीदना में आम लोगों का कम होता जा रहा समार्थ्य।
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भारतीय ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स की संस्था SIAM (सियाम) का मानना है कि पूरे वित्त वर्ष 2025-26 में पैसेंजर व्हीकल्स और ऑटो इंडस्ट्री की ग्रोथ सिर्फ 1-2 प्रतिशत के बीच रहेगी। इसका मुख्य कारण है - शहरों में कमजोर मांग, महंगी एसयूवी की ओर बढ़ता झुकाव और कारें खरीदना में आम लोगों का कम होता जा रहा समार्थ्य।
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Maruti Suzuki Celerio
- फोटो : Maruti Suzuki
छोटे कारों की मांग पर मार, टैक्स छूट से भी फर्क नहीं
मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने हाल ही में कंपनी की अर्निंग कॉल के बाद बताया कि इस साल भी कारों की मांग पर दबाव बना रहेगा। उन्होंने कहा कि बजट में जो टैक्स छूट दी गई है, वह छोटे कारों की बिक्री बढ़ाने के लिए काफी नहीं है।
उन्होंने बताया कि भारत में सिर्फ 12 प्रतिशत परिवार ही ऐसे हैं जिनकी सालाना आय 12 लाख रुपये से ज्यादा है। जो कि नई कार खरीदने के लिए जरूरी माना जाता है। ऐसे में जब 88 प्रतिशत लोग इस दायरे में नहीं आते और छोटे कारों की कीमत भी रेगुलेशन के कारण बढ़ती जा रही है, तो बड़ी ग्रोथ की उम्मीद नहीं की जा सकती।
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उन्होंने बताया कि भारत में सिर्फ 12 प्रतिशत परिवार ही ऐसे हैं जिनकी सालाना आय 12 लाख रुपये से ज्यादा है। जो कि नई कार खरीदने के लिए जरूरी माना जाता है। ऐसे में जब 88 प्रतिशत लोग इस दायरे में नहीं आते और छोटे कारों की कीमत भी रेगुलेशन के कारण बढ़ती जा रही है, तो बड़ी ग्रोथ की उम्मीद नहीं की जा सकती।
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Ather Electric Scooter
- फोटो : Ather Energy
टू-व्हीलर बिक्री में बढ़ोतरी
अप्रैल में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 7.5 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। मार्च में जहां 15.4 लाख दोपहिया वाहन बिके थे, वहीं अप्रैल में यह आंकड़ा बढ़कर 16.5 लाख यूनिट्स पहुंच गया। लेकिन अगर बात करें इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की, तो इसमें 35 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। मार्च में जहां 1.31 लाख इलेक्ट्रिक स्कूटर बिके थे, अप्रैल में यह संख्या घटकर सिर्फ 85,462 रह गई।
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अप्रैल में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 7.5 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। मार्च में जहां 15.4 लाख दोपहिया वाहन बिके थे, वहीं अप्रैल में यह आंकड़ा बढ़कर 16.5 लाख यूनिट्स पहुंच गया। लेकिन अगर बात करें इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की, तो इसमें 35 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। मार्च में जहां 1.31 लाख इलेक्ट्रिक स्कूटर बिके थे, अप्रैल में यह संख्या घटकर सिर्फ 85,462 रह गई।
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