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Tricolour: आपने वाहन पर गलत तरीके से तो नहीं लगाया है राष्ट्रीय ध्वज? जानें नियम नहीं तो हो सकती है जेल
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 15 Aug 2022 02:37 PM IST
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तिरंगा
- फोटो : i stock
हर साल जब भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है, 15 अगस्त के आस-पास सड़कों पर निजी वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज लगा होने का नजारा आमतौर पर दिखाई देता है। लेकिन आजादी के उत्सव के उत्साह के बीच, लोग अक्सर यह भूल जाता है कि तिरंगे के बारे में कुछ नियम हैं, और इसे कहीं भी नहीं लगाया जा सकता है। शायद ही किसी को याद हो कि इस तरह का कृत्य भारत के नेशनल फ्लैग कोड (राष्ट्रीय ध्वज संहिता) के तहत एक दंडनीय अपराध है, और अगर अपराध के लिए मामला दर्ज किया जाता है तो वह जेल में भी जा सकते हैं। यहां उन कारणों पर एक नज़र डालते हैं कि आखिर यह क्यों एक दंडनीय अपराध है।
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Loksabha
- फोटो : For Reference Only
इन्हें है विशेषाधिकार
भारत ध्वज संहिता नियम कहता है कि सिर्फ कुछ संवैधानिक प्रमुखों को अपने वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विशेष विशेषाधिकार है। इन गणमान्य व्यक्तियों में भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और उपराज्यपाल, प्रधान मंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री और राज्य के कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। अन्य लोगों में लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधान सभाओं और परिषदों के स्पीकर, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश और विदेशों में भारतीय मिशन पदों के अध्यक्ष शामिल हैं।
भारत ध्वज संहिता नियम कहता है कि सिर्फ कुछ संवैधानिक प्रमुखों को अपने वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विशेष विशेषाधिकार है। इन गणमान्य व्यक्तियों में भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और उपराज्यपाल, प्रधान मंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री और राज्य के कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। अन्य लोगों में लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधान सभाओं और परिषदों के स्पीकर, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश और विदेशों में भारतीय मिशन पदों के अध्यक्ष शामिल हैं।
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डल झील पर तिरंगा
- फोटो : अमर उजाला
यहां नहीं फहरा सकते तिरंगा
नागरिकों को घर पर तिरंगा फहराकर या हाथ में लेकर अपने राष्ट्रवादी उत्साह का प्रदर्शन करने की अनुमति है। लेकिन निजी वाहनों पर गलत तरीके से तिरंगा फहराना अपराध है। भारत ध्वज संहिता का उल्लंघन राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के अपमान की रोकथाम के तहत दंडनीय है। धारा 3.23 राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन का कैसे दुरुपयोग हो जाता है उसके बारे में बताता है, इसमें कहा गया है कि, "झंडे को वाहन, ट्रेन या नाव के ऊपर, किनारे और पीछे नहीं लपेटा जाएगा।"
नागरिकों को घर पर तिरंगा फहराकर या हाथ में लेकर अपने राष्ट्रवादी उत्साह का प्रदर्शन करने की अनुमति है। लेकिन निजी वाहनों पर गलत तरीके से तिरंगा फहराना अपराध है। भारत ध्वज संहिता का उल्लंघन राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के अपमान की रोकथाम के तहत दंडनीय है। धारा 3.23 राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन का कैसे दुरुपयोग हो जाता है उसके बारे में बताता है, इसमें कहा गया है कि, "झंडे को वाहन, ट्रेन या नाव के ऊपर, किनारे और पीछे नहीं लपेटा जाएगा।"
Indian flag
- फोटो : For Reference Only
वाहन में ऐसे फहराएं तिरंगा
धारा 3.12 के तहत जो राष्ट्रीय ध्वज के सही प्रदर्शन के तरीकों के बारे में बताता है, में कह गया है कि, "जब एक मोटर कार पर झंडा अकेला प्रदर्शित किया जाता है, तो उसे एक डंडे (स्टाफ) से फहराया जाना चाहिए, जिसे या तो बोनट के सामने बीचो-बीच पर या कार के सामने दाहिनी ओर मजबूती से लगा हुआ होना चाहिए।"
धारा 3.12 के तहत जो राष्ट्रीय ध्वज के सही प्रदर्शन के तरीकों के बारे में बताता है, में कह गया है कि, "जब एक मोटर कार पर झंडा अकेला प्रदर्शित किया जाता है, तो उसे एक डंडे (स्टाफ) से फहराया जाना चाहिए, जिसे या तो बोनट के सामने बीचो-बीच पर या कार के सामने दाहिनी ओर मजबूती से लगा हुआ होना चाहिए।"
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Indian Flag
- फोटो : PTI
ऐसे होता है तिरंगे का अपमान
राष्ट्रीय ध्वज का दुरुपयोग, या कोई भी जो 'जलाता है, विकृत करता है, नष्ट करता है रौंदता है या 1 [अन्यथा अनादर दिखाता है या अवमानना करता है], भारतीय राष्ट्रीय ध्वज या भारत का संविधान या उसके किसी भाग की अवमानना (चाहे शब्दों द्वारा, या तो बोले या लिखित, या कृत्यों द्वारा) उसे कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक हो सकती है, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।'
नियम यह भी कहता है, "भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अनादर का अर्थ है और इसमें शामिल है- (ए) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के प्रति घोर निरादार या अपमान।"
राष्ट्रीय ध्वज का दुरुपयोग, या कोई भी जो 'जलाता है, विकृत करता है, नष्ट करता है रौंदता है या 1 [अन्यथा अनादर दिखाता है या अवमानना करता है], भारतीय राष्ट्रीय ध्वज या भारत का संविधान या उसके किसी भाग की अवमानना (चाहे शब्दों द्वारा, या तो बोले या लिखित, या कृत्यों द्वारा) उसे कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक हो सकती है, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।'
नियम यह भी कहता है, "भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अनादर का अर्थ है और इसमें शामिल है- (ए) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के प्रति घोर निरादार या अपमान।"