2008 में अचानक एक खबर पर चर्चा ने जोर पकड़ा कि जल्द ही मात्र एक लाख रुपए की कीमत वाली कार लॉन्च होने वाली है। टाटा की इस 'ड्रीम कार' का नाम रखा गया नैनो। इस कार को दुनिया की सबसे सस्ती कार होने का दावा जोर-शोर से किया जाने लगा। लखटकिया कार के किस्से लोगों के जुबान पर थे। ये कार मिडिल क्लास फैमिली के लिए बिलकुल परफेक्ट मानी जा रही थी। इसकी दो वजह थी- पहली इसकी कीमत और दूसरी इस छोटे से कार का कंफर्ट।
दुनिया की सबसे सस्ती कार 'नैनो' बनी सबसे महंगी, लेकिन लोकप्रियता को लगा झटका
2009 में पहला मॉडल आया सामने
मार्च 23 2009 को इसका पहला मॉडल लॉन्च हुआ। टाटा नैनो एसटीडी, टाटा नैनो एक्स एल और टाटा नैनो सी एक्स। इनकी कीमत थी लगभग 1 लाख 67 हजार रुपए। छोटी कार के बाजार के लिए ये बड़ी बात थी कि टाटा मोटर्स ने इतनी कम कीमत में सरकार के सारे नियमों को मानते हुए लोगों के लिए एक कंफर्टेबल कार लॉन्च कर दी थी।
गोल्ड प्लस नैनो कार
ये नैनो कैटेगरी की अब तक की सबसे महंगी कार है। ये कार 2011 में लॉन्च हुई थी- जिसकी कुल कीमत 22 करोड़ से ज्यादा थी। इस कार को बनाने में 22 कैरेट का 80 किलो सोना, 15 किलो चांदी इस्तेमाल किया गया था। हालांकि ये कार कभी भी खरीदी या बेची नहीं गई और सिर्फ प्रदर्शनी में सजावट के तौर पर पेश की गई।
टाटा नैनो ट्वीस्ट
टाटा नैनो के ट्वीस्ट मॉडल को स्टाइलिश रखने की कोशिश की गई। इसके दो मॉडल लॉन्च किए गए थे- एक्स टी और एक्स ई। एक्स टी चार रंगो में उपल्बध है, जबकि एक्स ई तीन रंगो में उपल्बध है। इसकी कीमत 2.43 लाख है।