पिछले एक दशक में कारों में कई बदलाव देखने को मिले हैं। कारों में आ रहे फीचर्स में लगातार चेंज देखने को मिल रहा है। हालांकि बदलाव प्रकृति का नियम है, याद कीजिए वो वक्त, जब आप 7-8 साल पहले नई कार लेने गए थे और उस समय फीचर्स देख कर आप फिदा हो गए थे। यहां तक कि उनके लिए अपनी जेब भी हल्की करने को तैयार थे। मौजूदा दौर में वे दशक पुराने फीचर्स आपको अतीत की याद दिलाते हैं। उस दौर में ज्यादातर फीचर मैनुअल होते थे, जो कम खर्चीले भी थे। जानते हैं कुछ ऐसे ही दशकों पुराने फीचर्स के बारे में जो जल्द ही आने वाले सालों में इतिहास बन जाएंगे...
महज 10 सालों में कारों से ऐसे गायब हुए ये फीचर जैसे ‘गधे के सिर से सींग’, जानकर आप भी कहेंगे Oh No!
मजबूत बॉडी
तकरीबन दस साल पहले कार की मजबूती पर ध्यान दिया जाता था। उस समय की कारें मजबूत बॉडी की होती थीं। लेककिन अब कारें न केवल वजन में हल्की हैं, बल्कि ज्यादा माइलेज और बेहतर परफॉरमेंस वाली भी हैं। वहीं ये प्रदूषण भी कम करती हैं। अंदाजा इसी से लगा सकते हैं 10 साल पहले आने वाली स्विफ्ट का वजन 965 से 1060 किग्रा होता था, जो अब घट कर 855 से 985 किग्रा तक रह गया है। ऐसा मारुति के नए Heartect प्लेटफॉर्म की वजह से हुआ।
एशट्रे और सिगरेट लाइटर
80 और 90 के दशक में कारों में ये दोनों चीजें बेहद कॉमन थीं। कार निर्माता कंपनियां इन फीचर्स को टॉप वैरिएंट्स में जरूर शामिल करती थीं। वहीं ग्राहक भी इन फीचर्स के न होने पर नाक भौं सिकोड़ लिया करते थे। उस दौरान ककंपनियां न केवल आगे बल्कि पीछे की सीटों के लिए दरवाजों में एशट्रे देती थीं। लेकिन अब कंपनियां आपके स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो गई हैं उनकी जगह कपहोल्डर ने ले ली है। कार स्मोकिंग के शौकीन अब रिमुवेबल एशट्रे का इस्तेमाल करते हैं।
हाइड्रॉलिक पावर स्टीयरिंग
एक वक्त था जब कारों में कॉमन स्टीयिरिंग हुआ करते थे, बाद में टॉप वैरिएंट्स में हाइड्रॉलिक स्टीयरिंग आने लगे जो उनके मुकाबले ज्यादा सुविधाजनक थे। लेकिन उसके बाद कंपनियों ने कॉस्टिंग कम रखने और जद्दोजहद से बचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टीयरिंग देने शुरू कर दिए। हालांकि ये हाइड्रॉलिक के मुकाबले ज्यादा सुविधाजनक हैं, बशर्ते जब तक खराब न हों।
फुल साइज स्पेयर व्हील
पहले कंपनियां गाड़ियों में चारों टायर्स के साइज के मुताबिक स्पेयर टायर देती थीं, लेकिन अब कम बूट स्पेस के चलते हल्के और छोटे साइज के टायर दे रही हैं। जो लोग 5-टायर रोटेशन करना पसंद करते हैं, उन्हें इससे प्रॉब्लम होती है। यहां तक कि अगर इमरजेंसी में कार पंचर हो जाए और आपको स्पेयर व्हील लगाना पड़े, तो आप पहले जैसी रफ्तार पर कार नहीं चला सकते। कुल मिलाकर ये कि आजकल की गाड़ियों में आ रहे स्पेयर टायर केवल इमरजेंसी के लिए हैं।