लेनदेन, इंश्योरेंस, जीएसटी सहित कई क्षेत्रों में नए साल से बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का सीधा असर आपकी जेब और वित्तीय लेनदेन पर पड़ेगा। बीमा नियामक इरडा ने इंश्योरेंस के नियमों में बदलाव किया है तो ईपीएफओ भी भविष्य निधि से जुड़े नए नियम लागू कर रहा है। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए नए साल से छूट मिलेगी। साथ ही जीएसटी दरों में बदलाव से कुछ उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
नए साल में आज से हो गए नौ बड़े बदलाव, आपकी जेब और वित्तीय लेनदेन पर पड़ेगा सीधा असर
1. महंगा होगा बीमा प्रीमियम
एक फरवरी 2020 से जीवन बीमा पॉलिसी प्रीमियम के बदल जाएंगे। बीमा नियामक इरडा कंपनियों को आदेश दे चुका है कि लिंक्ड, नॉन लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी में बदलाव किया जाएगा। नए नियम लागू होने से प्रीमियम महंगा हो जाएगा और गारंटीड रिटर्न भी थोड़ा कम हो सकता है। हालांकि, पॉलिसी मेच्योरिटी पर निकासी की सीमा 33 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी हो जाएगी। पॉलिसी लेने वाले को गारंटीड रिटर्न का विकल्प भी मिलेगा। यूलिप निवेशकों के लिए मिनिमम लाइफ कवर घट जाएगा।
2. एसबीआई में निकासी, कार्ड में बदलाव
भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहकों के लिए एक जनवरी से दो नए प्रावधान लागू होंगे। बैंक के सभी एटीएम और अन्य कैश निकासी सिस्टम के जरिये ट्रांजेक्शन के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा। इस कदम से धोखाधड़ी की आशंका कम हो जाएगी। इसके अलावा एसबीआई सभी ग्राहकों के मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड बदल रहा है, जिसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। ऐसा नहीं होने पर एक जनवरी से आपका कार्ड ब्लॉक हो जाएगा।
3. सभी वाहनों पर फास्टैग जरूरी
राष्ट्रीय राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से टोल वसूली को अनिवार्य करते हुए 15 जनवरी से सभी वाहनों पर फास्टैग जरूरी होगा। अभी तक करीब 1 करोड़ फास्टैग जारी हो चुके हैं। अगर बिना फास्टैग वाली इसकी लेन से गुजरती हैं तो उन्हें दोगुना टोल देना होगा। इस व्यवस्था के शुरू होने से टोल वसूली बढ़ेगी और राजमार्गों पर जाम से मुक्ति मिलेगी।
4. सबका विश्वास योजना बंद
सरकार एक जनवरी 2020 से सबका विश्वास योजना बंद करने जा रही है। वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट के बाद शुरू हुई सबका विश्वास योजना में अप्रत्यक्ष कर के लंबित विवादों का निपटारा किया जाता है। इसकी अवधि 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है। योजना के तहत बकाया करदाताओं को 70 फीसदी तक छूट दी जा रही है।