अब कंपनियों की तरफ से मिलने वाले फॉर्म 16 में टैक्स बचाने के लिए फर्जी जानकारी नहीं दे पाएंगे। इससे कंपनियों को अब अपने प्रत्येक कर्मचारी की बिलकुल सही जानकारी देनी होगी। इससे किराये और पेट्रोल भराने की फर्जी रसीद जमा करने पर भी अंकुश लगेगा।
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फॉर्म 16: टैक्स बचाने के लिए नहीं दे पाएंगे फर्जी किराये की रसीद, देनी होंगी यह जानकारियां
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला
Published by: paliwal पालीवाल
Updated Fri, 19 Apr 2019 04:56 PM IST
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- फोटो : PTI
पांच पेज का हुआ फॉर्म 16
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने फॉर्म 16 में काफी बदलाव कर दिया है। अब दो पेज का फॉर्म पांच पेज का हो गया है। नए फॉर्म में पार्ट बी (एनेक्सर) का हिस्सा अब दो पन्ने के बजाय पांच पन्नों का होगा। वित्त मंत्रालय की तरफ से फॉर्म-16 में बदलाव की अधिसूचना 12 मई 2019 से लागू हो होगी। ऐसे में वर्ष 2018-19 के लिए किसी कर्मचारी को नियोक्ता की तरफ से दिया जाने वाला फॉर्म-16 नए प्रोफार्मा पर होगा।
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क्यों जरूरी है फॉर्म 16
फॉर्म 16 कंपनी की तरफ से कर्मचारियों को जारी किया जाता है, जो वेतनभोगी हैं। आयकर रिटर्न भरने के लिए यह फॉर्म जरूरी होता है। अगर वेतनभोगी कर्मचारी के पास फॉर्म 16 नहीं है तो वो फिर आईटीआर को नहीं दाखिल कर पाएगा।
यह जानकारी देना होगा जरूरी
- सेविंग्स अकाउंट से मिलने वाले ब्याज
- अपने मकान से होने वाली आय
- दूसरी कंपनियों से हो रही इनकम या फिर लाभ
- वास्तविक किराया
- पिछली कंपनी से मिली सैलरी और अन्य मद
- पेट्रोल, डीजल की पर्ची
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- फोटो : pexels.com