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यूं ही कोई मनप्रीत नहीं बनता: एक अफवाह ने बदल दी थी जिंदगी, मां की मेहनत ने पहुंचाया इस मुकाम तक

संजीव पंगोत्रा, संवाद न्यूज एजेंसी, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Fri, 06 Aug 2021 12:52 PM IST
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Indian Hockey Team Captain Manpreet Singh Fought Poverty in Childhood
मनप्रीत सिंह। - फोटो : Instagram @manpreetsingh07
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टोक्यो ओलंपिक में जिस खिलाड़ी की अगुवाई में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 वर्ष के बाद पदक जीता है, उनका बचपन बहुत ही संघर्षों में बीता है। पंजाब स्थित जालंधर के गांव मिट्ठापुर के रहने वाले भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह के पास कभी हॉकी खरीदने तक के पैसे नहीं थे। एक अफवाह ने उनकी जिंदगी को पूरे तरीके से बदल कर रख दिया था। उनकी मां मंजीत कौर बताती हैं कि एक दिन मनप्रीत ने हॉकी स्टिक मांगी, लेकिन उस वक्त ज्यादा पैसे नहीं होते थे, तब मैं उसे हॉकी की स्टिक नहीं दिलवा पाई थी। वह बहुत रोता था। बाद में परगट सिंह ने हॉकी के प्रति मनप्रीत के लगाव को देखते हुए उसे एक हॉकी स्टिक लेकर दी थी। भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने हाथ में तिरंगा लेकर टोक्यो ओलंपिक सेरेमनी में भारतीय दल का नेतृत्व किया था। उनके साथ मुक्केबाज मैरीकॉम भी थीं। मनप्रीत सिंह 21 साल बाद ओलंपिक में टीम इंडिया की कमान संभालने वाले पंजाब के खिलाड़ी हैं। इससे पहले वर्ष 2000 में पंजाब के खिलाड़ी रमनदीप सिंह कप्तान थे। 
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Indian Hockey Team Captain Manpreet Singh Fought Poverty in Childhood
जीत के बाद जश्न मनाता मनप्रीत का परिवार। - फोटो : अमर उजाला
मनप्रीत की मां मंजीत कौर ने फोन पर बताया कि उनके पति 1992 में दुबई गए थे। बाकी परिवार पंजाब में ही था। 1995 में उनके पति के पास किसी ने झूठी खबर दे दी कि पंजाब में उनकी पत्नी और उनके बच्चों का किसी ने कत्ल कर दिया है। यह बात सुनते ही उनके पति सदमे में आ गए और मौके पर ही दम तोड़ दिया।

 
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मनप्रीत सिंह। - फोटो : Instagram @manpreetsingh07
बस यहीं से पूरे परिवार पर संकट छा गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि परिवार सड़क पर आ गया। तीन बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी मंजीत कौर पर आ गई। बच्चों को पालने के लिए उन्होंने पशुओं को चारा डालने और महिलाओं के कपड़े सिलने का काम किया। मनप्रीत जब 7 वर्ष के थे, तब उस समय इसी गांव के रहने वाले पूर्व भारतीय खिलाड़ी परगट सिंह के साथ खिलाड़ियों को अभ्यास करते देखते थे। यहीं से उनमें हॉकी का शौक जागा। 
 
Indian Hockey Team Captain Manpreet Singh Fought Poverty in Childhood
मनप्रीत सिंह। - फोटो : अमर उजाला
29 वर्षीय कप्तान मनप्रीत जर्मनी पर 5-4 की जीत दर्ज करने के बाद भाव-विभोर थे। ओलंपिक में भारत द्वारा हॉकी में जीता गया यह 12वां पदक था। वहीं, भारत हॉकी में चार दशक बाद पदक जीता है। इससे पहले हॉकी टीम ने साल 1980 में मास्को में हुए ओलंपिक में पदक जीता था। भारत ने ओलंपिक में हॉकी स्पर्धा में 8 गोल्ड मेडल जीते हैं। 
 
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पत्नी के साथ मनप्रीत सिंह। - फोटो : Instagram @manpreetsingh07
दिसंबर में उनकी शादी मलयेशिया की इली के साथ हुई थी। मनप्रीत सिंह और इली सादिक का आनंद कारज जालंधर के गुरु तेग बहादुर नगर के गुरुद्वारे में हुआ। मनप्रीत इली से 2012 में मलयेशिया में सुल्तान ऑफ जौहर कप के दौरान मिले थे।  
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