अंबाला की धरती पर आज राफेल लैंड कर जाएंगे। एयरफोर्स स्टेशन पर तैयारियां पूरी हो चुकीं हैं। 3700 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाले पांच राफेल आने से न केवल एयर डिफेंस को मजबूती मिलेगी बल्कि विजिलेंस भी मजबूत हो जाएगा। परमाणु हथियार समेत तमाम हथियार को इसके माध्यम से लांच किया जा सकेगा।
तस्वीरें: बेहद खास है राफेल का एक टन वजनी कैमरा, लगेगा अचूक निशाना, पढ़ें- खूबियां
हथियारों की स्टोरेज के लिए छह महीने की गारंटी भी होगी। इन सभी सुविधाओं के अलावा राफेल में राडार सिस्टम पर एक टन के कैमरे की सुविधा उपलब्ध है। यही सुविधा इसे तमाम लड़ाकू विमानों से पूरी तरह से अलग करती है।
ऊंचाई से जमीन पर छोटे से छोटे लक्ष्य को भेदेगा राफेल
राडार सिस्टम पर एक टन के कैमरे की सुविधा होने के कारण इसका निशाना अचूक होगा। कैमरा इतना संवेदनशील है कि जमीन पर किसी भी छोटे केंद्र को इससे देखा जा सकेगा। साधारण शब्दों में यदि कहा जाए तो इससे मछली की आंख यानि पिन प्वाइंट पर आसानी से निशाना लगाया जा सकेगा।
बता दें कि राफेल करीब 60 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इससे भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण को गति मिलेगी। अभी तक भारतीय वायुसेना का मिग विमान अचूक निशाने के लिए जाना जाता था था लेकिन राफेल का निशाना इससे भी ज्यादा सटीक होगा। इतना ही नहीं राफेल से 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भी भरी जा सकेगी।
निश्चित तौर पर इससे एयर डिफेंस को मजबूती मिलेगी। इतना ही नहीं इससे एयर विजिलेंस भी मजबूत होगा। क्योंकि राडर सिस्टम पर एक टन का बहुत ज्यादा संवेदनशील कैमरा इसमें लगा है। इससे आकाश से जमीन पर छोटे से छोटे लक्ष्य को भी आसानी से भेदा जा सकेगा। यूं कहें कि मछली की आंख पर भी इससे निशाना आसानी से लगाया जा सकता है। परमाणु हथियार के अलावा तमाम हथियार इससे लांच किए जा सकते हैं। कुलभूषण शर्मा, रिटायर्ड सार्जेंट।
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