दस साल से पूरे परिवार की सेवा में जुटे सिरफिरे नौकर ने ऐसा कांड कर दिया कि सनसनी फैल गई। कहानी पढ़कर हिल जाएंगे। घर में परिवार के सदस्य की तरह रह रहे एक नौकर ने उपेक्षा से क्षुब्ध होकर शुक्रवार तड़के परिवार के मुखिया, उनकी पत्नी और बेटे को फरसे से काटकर मौत के घाट उतार दिया। जबकि दो बेटियों और रिश्तेदारी में आई एक लड़की को बुरी तरह घायल कर दिया। मंझली बेटी ने कमरे में कुंडी लगाकर अपनी जान बचाई।
नौ पन्ने का सुसाइड नोट छोड़ नौकर ने पूरे परिवार को फरसे से काटा, हिला कर रख देगी पूरी कहानी
चीखपुकार सुनकर मौके की ओर ग्रामीणों को आता देखकर सिरफिरे नौकर ने जहरीला पदार्थ खा लिया और फिर फरसे से चोट पहुंचाकर खुद की इहलीला भी समाप्त कर दी। तीनों लड़कियों की हालत गंभीर होने पर डाक्टरों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया है। डीआईजी पुष्प ज्योति, एसएसपी कृष्णकुमार वीके ने गांव पहुंचकर घटना की जानकारी ली है। घटनास्थल से पुलिस ने हत्यारे नौकर का सुसाइड नोट बरामद हुआ है। भगवानपुर से तीन किलोमीटर दूर स्थित लव्वा गांव में करीब 11 साल पहले प्रताप सिंह ठाकुर (43) नाम का युवक किराये पर रहने आया था।
यह क्षेत्र की एक फैक्ट्री में फीटर का काम करता था। इसके एक साल बाद मकान मालिक ने उसे किसी बात पर अपने घर से निकाल दिया था। इस पर गांव के ही राज सिंह ने उसे खेतीबाड़ी करने के लिए अपने घर में रख लिया। कुछ दिन बाद प्रताप ने फैक्ट्री की नौकरी छोड़ दी और राज सिंह के घर में काम करने लगा। इन दस सालों में वह परिवार में पूरी तरह घुल मिल गया। परिवार में उसकी भूमिका मुखिया के हैसियत जैसी हो गई, लेकिन शुक्रवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे प्रताप ने फरसे से पहले घर में सो रहे परिवार के मुखिया राज सिंह की गर्दन पर वार कर उसे मौत की नींद सुला दिया। इसके बाद इनकी पत्नी बबली (45) और बेटे प्रदीप (17) को मौत के घाट उतार दिया।
मांगी की 30 अप्रैल को शादी है। घर में चीख पुकार सुनकर पास के घर में रहने वाले ताऊ और चाचा के परिवार में जाग हुई। वह लोग और अन्य पड़ोसी राज सिंह के घर की ओर दौड़ पड़े। लोगों को आता देखकर हत्यारा प्रताप अपने कमरे में घुस गया और उसने खुद को फरसे से घायल करना शुरू कर दिया। इस पर लोगों ने उसके कमरे को बाहर से बंद कर दिया। इसी बीच हत्यारे प्रताप ने जहरीला पदार्थ खा लिया। कुछ ही देर में मौके पर भीड़ जुटी गई। ग्रामीणों ने साहस कर हत्यारे प्रताप का कमरा खोला।