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बारिश से तबाही: दुखदाई... छोटी-छोटी नदियां दून घाटी में बड़ी आपदा लाईं; 10 नदियों में आई बाढ़ ने दिए गहरे जख्म
रुद्रेश कुमार, अमर उजाला, देहरादून
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 17 Sep 2025 10:15 AM IST
सार
देहरादून में भारी बारिश ने तबाही मच दी। जिले में 11 नदियां उफान पर आने से 13 पुल क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 62 सड़कें क्षतिग्रस्त होने से बंद हो गईं। प्रशासन ने 13 की मौत, तीन घायल और 13 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है।
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Dehradun Disaster
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात बादल आफत बनकर बरसे। विभिन्न स्थानों पर नदी में बहने और मलबे में दबने से 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 से अधिक लोग लापता हैं। हालांकि मौठ नदी में दो पुराने शव भी मिले हैं। प्रशासन ने 13 की मौत, तीन घायल और 13 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। जिले में 11 नदियां उफान पर आने से 13 पुल क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 62 सड़कें क्षतिग्रस्त होने से बंद हो गईं।

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देर रात ग्राम पंचायत कार्लीगाड़ के मझाड़ा गांव में आई आपदा के मलबे में दबा रिजोर्ट
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
प्रेमनगर नंदा की चौकी के पास पुल टूट गया, जिससे यातायात पूरी तरह बंद हो गया। इसके अलावा कई और छोटे-बड़े पुल क्षतिग्रस्त हुए। पर्यटन स्थल गुच्चूपानी में कई संपत्तियां नष्ट हो गईं। मालदेवता क्षेत्र में भी व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ।
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गढ़ी कैंट इंदिरानगर गल्जवाड़ी क्षेत्र में नदी उफान पर आने से क्षतिग्रस्त हुई सड़क से नीचे गिरी बस
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
शहर के बीचोंबीच डालनवाला के रिस्पना नदी से सटे इलाके में भारी नुकसान हुआ। यहां मोहिनी रोड पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया। सहस्रधारा क्षेत्र में चार लोग बह गए, इनमें से तीन के शव शाम तक बरामद हो गए। सबसे ज्यादा जान का नुकसान झाझरा क्षेत्र में आसन नदी में हुआ। यहां खनन कार्य में लगे 15 मजदूर ट्रैक्टर-ट्रॉली समेत बह गए।

देर रात सहत्रधारा कार्लीगाड़ में बादल फटने से मलबे में दबा बड़तुला गांव के मकान
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
टपकेश्वर मंदिर में बड़ी पीतल की प्रतिमा बही
अलग-अलग जगहों से शाम तक आठ शव बरामद कर लिए गए थे, तीन को बचा लिया, चार लापता हैं। मालदेवता के पास टिहरी क्षेत्र को जोड़ने वाले पुल की अप्रोच रोड बह गई। प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर में कुछ साल पहले स्थापित की गई बड़ी पीतल की प्रतिमा बह गई।
अलग-अलग जगहों से शाम तक आठ शव बरामद कर लिए गए थे, तीन को बचा लिया, चार लापता हैं। मालदेवता के पास टिहरी क्षेत्र को जोड़ने वाले पुल की अप्रोच रोड बह गई। प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर में कुछ साल पहले स्थापित की गई बड़ी पीतल की प्रतिमा बह गई।
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गढ़ी कैंट इंदिरा नगर गल्जवाड़ी क्षेत्र में नदी उफान पर आने क्षतिग्रस्त हुए मकान और मंदिर को देखती मह
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
तमसा नदी पर मंदिर परिसर में बना पुल भी तेज बहाव में टूटा
गर्भगृह तक पानी पहुंचा व शिवलिंग तक डूब गया। तमसा नदी पर मंदिर परिसर में बना पुल भी तेज बहाव में टूट गया। जामुनवाला स्थित एकादश मुखी हनुमान मंदिर परिसर भी आधे से ज्यादा पानी में बह गया। मुख्य मंदिर भी खतरे की जद में आ गया। देर शाम तक पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ बचाव कार्य में जुटे थे। शाम तक बचाव दलों ने सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था।
गर्भगृह तक पानी पहुंचा व शिवलिंग तक डूब गया। तमसा नदी पर मंदिर परिसर में बना पुल भी तेज बहाव में टूट गया। जामुनवाला स्थित एकादश मुखी हनुमान मंदिर परिसर भी आधे से ज्यादा पानी में बह गया। मुख्य मंदिर भी खतरे की जद में आ गया। देर शाम तक पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ बचाव कार्य में जुटे थे। शाम तक बचाव दलों ने सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था।