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Dehradun Disaster: 'बादल फटा तो हिलने लगा घर...पत्थरों की गड़गड़ाहट ने उड़ाई नींद', आपबीती बताते हुए रोने लगे
अंकित यादव, अमर उजाला, देहरादून
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 17 Sep 2025 12:03 PM IST
सार
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात बादल आफत बनकर बरसे। विभिन्न स्थानों पर नदी में बहने और मलबे में दबने से 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 से अधिक लोग लापता हैं।
देहरादून में सहस्रधारा से पांच किमी ऊपर की ओर स्थित मजाडा गांव में बादल फटा तो लोगों के घर हिलने लगे। नींद खुली तो बाहर चीख-पुकार मची थी। सीटियां बजाकर और टॉर्च जलाकर लोग एक-दूसरे को सुरक्षित स्थान पर एकत्रित करने के लिए आह्वान कर रहे थे। जमाडा गांव के दीपू और जामा ने यह आपबीती सुनाई।
दोनों परिवार के साथ सुरक्षित स्थान की तलाश में निकल चुके हैं। चेहरे पर तबाही का डर और कई किमी पैदल चलने की थकान समेटे दीपू और जामा का हाल-चाल पूछा तो वे रोने लगे। कहा कि सब बर्बाद हो गया।
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देर रात ग्राम पंचायत कार्लीगाड़ के मझाड़ा गांव में आई आपदा के मलबे में दबा रिजोर्ट
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
रात करीब एक बजे जब पहली बार बादल फटा तो बाहर लोगों की चीख-पुकार मची थी। थोड़ी देर बाद बाहर का माहौल शांत हुआ तो लगा तबाही टल गई लेकिन तड़के करीब चार बजे फिर से घर की जड़ें हिलने लगीं। तब लोगों को लगा कि अब कुछ नहीं बचेगा। इसके बाद वे घरों से बाहर निकल गए। लोगों को सीटियां और टॉर्च जलाकर गांव में एक जगह एकत्रित किया गया।
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देर रात सहत्रधारा कार्लीगाड़ में बादल फटने से मलबे में दबा बड़तुला गांव के मकान
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
15 मिनट और रुकते तो दब जाते
जामा ने बताया कि वे करीब साढ़े चार बजे परिवार के दो बच्चों समेत कुल पांच लोग घर से निकल गए थे। 15 मिनट बाद ही उनका घर पानी में बह गया। उन्होंने कहा कि अगर घर से बाहर न निकलते तो सभी दब जाते। गांव में इससे पहले ऐसा मंजर कभी भी देखने को नहीं मिला था।
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देर रात सहत्रधारा में बादल फटने से नदी के बढ़े जलस्तर और नुकसान को देखते स्थानीय लोग
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
मजाडा से आए लोगों ने बताया कि उनके कई पड़ोसियों के मलबे में दबे होने की आशंका है। दशकों से वे एक साथ रह रहे हैं लेकिन आज आपदा ने ऐसी तबाही मचाई की एक-दूसरे के साथ खड़े नहीं हो पाए। जिसको जहां जगह मिली वहां भाग गया।
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गढ़ी कैंट इंदिरानगर गल्जवाड़ी क्षेत्र में नदी उफान पर आने से क्षतिग्रस्त हुआ मकान
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पत्थरों की गड़गड़ाहट ने उड़ाई नींद
आम दिनों की तरह ही गांव के सभी लोग रात का भोजन कर जल्द ही सोने की तैयारी कर रहे थे। शाम से हो रही बारिश चिंता तो बढ़ा रही थी, लेकिन पता नहीं था मंजर इतना बुरा होगा। बस फिर हम यह सोचकर ही सो गए कि बारिश रुक जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और रात करीब 11 बजे हुई मूसलाधार बारिश से सौंग नदो का जलस्तर बढ़ गया।
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