दिल्ली के गाजीपुर से अगवा 11 साल की मासूम के साथ गाजियाबाद के मदरसे में दुष्कर्म मामले में नया मोड़ आ गया है। दुष्कर्म कांड का मुख्य आरोपी बालिग निकला है। अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
मदरसे में दुष्कर्म मामले में आया नया मोड़, ऐसे चला पता नाबालिग नहीं है आरोपी
वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि छानबीन के दौरान आरोपी के घर से पुलिस को एक आधार कार्ड मिला था। जिसमें उसकी डेट ऑफ बर्थ 1998 लिखी थी। परिजनों ने उसे गलत बताया था। इसी आधार पर मुख्य आरोपी लड़के की सही उम्र का पता लगाने के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में उसकी हड्डियों की जांच कराई गई। डॉक्टरों ने रिपोर्ट में आरोपी के बालिग होने के संकेत दिए।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, कथित नाबालिग आरोपी के खिलाफ सबूत जुटाने के बाद मंगलवार को पुलिस ने डॉक्टरों की रिपोर्ट, आधार कार्ड व नाबालिग को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने बुधवार को दोबारा सुनवाई करने और रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टर को कोर्ट में बुलाया है। यदि कोर्ट में आरोपी बालिग साबित हो गया तो उसके खिलाफ बाकी बालिग अपराधियों की तरह कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि 21 अप्रैल को गाजीपुर इलाके से 11 साल की मासूम लड़की को आरोपी लड़के ने अगवा कर लिया था। आरोपी मासूम को गाजियाबाद स्थित एक मदरसे में ले गया। वहां उसने मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाया। अगले ही दिन 22 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने छापा मारकर लड़की को मदरसे से बरामद कर लिया। बाद में आरोपी लड़के को दबोच लिया गया।
चूंकि लड़के की उम्र का सही पता नहीं चला और परिवार ने उसकी उम्र से संबंधित कोई कागजात भी नहीं दिया था, इसी वजह से पुलिस ने आनन-फानन में लड़केे को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया, जहां से उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। घटनाक्रम के बाद खूब हंगामा हुआ था। कई संगठनों ने मौलवी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। मामले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई। जांच के बाद लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मदरसे के मौलवी को भी गिरफ्तार कर लिया। मामले की छानबीन फिलहाल जारी है। अब बुधवार को मामले की सुनवाई होगी।