दिल्ली बम ब्लास्ट और फरीदाबाद में सक्रिय जैश के आतंकी मॉड्यूल मामले की जांच में अल-फलाह विवि के दो डॉक्टरों उमर नबी और मुजम्मिल गनेई उर्फ मुसैब के आवासों से तलाशी में नोटबुक और डायरियां बरासद हुई हैं। इनमें अगले दो साल तक देश में दहशत फैलाने की साजिश थी और कई हमलों को अंजाम देने का मास्टर प्लान था। जांच में पता चला है कि मुजम्मिल ने पहले भी सोशल मीडिया पर अफजल गुरु के समर्थन में पोस्ट किया था। बता दें कि अफजल गुरु को 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकवादी हमले के मामले में मृत्युदंड की सजा मिली थी। इसे 2013 को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया था।
Delhi Blast: सफेद पन्नों पर खूनी स्याही, दो साल तैयारी... 2001 में दिल्ली दहला चुके 'गुरु' से मुसैब का कनेक्शन
अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली
Published by: आकाश दुबे
Updated Fri, 14 Nov 2025 02:05 PM IST
सार
दिल्ली विस्फोट 10 नवंबर को हुआ। मुसैब और उमर की डायरियों में मौजूद कूट संदेश बताते हैं कि वे 8 से 12 नवंबर के बीच किसी बड़े हमले की योजना थी। एक जांचकर्ता ने कहा, बैटरी उपलब्ध कराने वाले, वाहनों की व्यवस्था करने में मदद करने वाले, किराए के आवास की व्यवस्था करने वाले और विश्वविद्यालय के कर्मचारी, सभी जांच के दायरे में हैं।
विज्ञापन