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दिल्ली हिंसाः उपद्रवियों ने मरा हुआ समझकर छोड़ा, अस्पताल में होश आया तो पता चला...
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar
Updated Wed, 04 Mar 2020 06:41 PM IST
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दिल्ली हिंसा
- फोटो : अमर उजाला
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उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा ने लोगों के दिलों-दिमाग पर ऐसे जख्म दिए हैं, जो शायद ही कभी भर पाएं। राहत शिविर में मौजूद लोगों की आंखों से अपना दर्द बयां करते हुए टप-टप आंसू गिरने लगते हैं। रोते हुए लोगों की जुबां पर बस यह ही बयान था कि हमने किसी का क्या बिगाड़ा था। जैसे-तैसे इन लोगों ने हिंसा के समय अपने व परिवार की रक्षा की। उपद्रवियों ने इनका सब कुछ जला दिया।
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दिल्ली हिंसा में घायल शख्स
- फोटो : अमर उजाला
शिव विहार में रहने वाले 30 साल के राहत अली ने तो दूसरी मंजिल से कूदकर किसी तरह अपनी जान बचाई। उसकी पिछली गली में पानी भरा था और कीचड़ थी। ऐसे में पानी की वजह से उसे ज्यादा चोट नहीं लगी। कुछ लोग उपद्रवियों के हत्थे चढ़े। इन लोगों ने मरा हुआ समझकर उन्हें छोड़ दिया। लेकिन उनकी जान बच गई।
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मोहम्मद दिलशाद
- फोटो : अमर उजाला
शिव विहार गली नंबर-12, फेस-7 में रहने वाले मोहम्मद दिलशाद बताते हैं कि सोमवार 24 फरवरी को बाड़ा हिंदूराव स्थित ईदगाह इज्तमे में गए थे। वहां से शाम के समय वह अपने चार अन्य दोस्तों के साथ ऑटो से घर लौट रहे रहा था। इन लोगों ने टोपियां लगाई हुई थी। गामड़ी के पास न्यू उस्मानपुर पांचवा पुश्ते पर उपद्रवियों की भीड़ ने उनका ऑटो रुकवा लिया। दोस्त तो किसी तरह भाग गए। लेकिन दिलशाद को उपद्रवियों ने बुरी तरह पीटा। उसके दोनों हाथ तोडने के अलावा उसके सिर को कई जगह से फोड़ दिया गया। मरा हुआ समझकर उसे छोड़ दिया गया। दो दिन बाद उसे जीटीबी अस्पताल में होश आया तो उसकी पत्नी खुशनुमा ने बताया कि शिव विहार में उपद्रवियों ने उनका मकान भी जला दिया है। पूरा परिवार हिंसा से पहले ही मुस्तफाबाद पहुंच गया था।
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मोहम्मद रईस
- फोटो : अमर उजाला
इसी तरह मोहम्मद रईस (40) भी अपनी पत्नी बेबी बेगम व चार बच्चों के साथ शिव विहार में गली नंबर-3 में किराए के मकान में रहते थे। हिंसा हुई तो वह परिवार के साथ दूसरी मंजिल पर मौजूद थे। शोर हुआ तो वह पूरे पझ्रिवार को लेकर पीछे वाले रास्ते से निकले, लेकिन उपद्रवियों ने पथराव कर दिया। हमले में सिर में पत्थर लगने की वजह से रहीस से बुरी तरह जख्मी हो गए, लेकिन उनका परिवार सुरक्षित बच गया। उनके परिवार ने चमन पार्क में एक हिंदू भाई के घर पर शरण ली।
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दिल्ली हिंसा
- फोटो : पीटीआई
वहीं, जाफराबाद में रहने वाले फिरोज का गोदाम उपद्रवियों ने लगा दिया। इसका टीवी के कार्ड का कारोबार है। गोदाम में 20 लाख रुपये का माल था जो जलकर खाक हो गया। फिरोज का कहना था कि वह अभी तक गोदाम तक नहीं पहुंच पाए हैं। उनके पड़ोसियों ने ही कॉल कर उन्हें गोदाम की फोटो भेजकर सूचना दी थी।
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