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Delhi: कैसे घटेगा गाजीपुर में कूड़े का पहाड़, जब रोजाना बढ़ रहा कचरे का बोझ

आदित्य पाण्डेय, नई दिल्ली Published by: अनुराग सक्सेना Updated Sat, 06 Aug 2022 06:50 AM IST
सार

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पदभार संभालने के बाद दिल्लीवासियों में लैंडफिल साइटों के खत्म होने की उम्मीद बढ़ी है। उपराज्यपाल ने मई से अब तक दो बार गाजीपुर लैंडफिल साइट का दौरा किया। तीनों साइटों को नवम्बर 2023 तक समाप्त करने के लिए एमसीडी को निर्देश दिया है।

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garbage is increasing daily in Ghazipur landfill site
दमकल व पानी छिड़काव की मशीनें बढ़ाने की मांग गाजीपुर लैंडफिल साइट पर मिट्टी को दरकने से बचाने के लिए - फोटो : अमर उजाला

गाजीपुर लैंडफिल साइट पर ताजे कचरे का बोझ प्रतिदिन बढ़ रहा है। ताजे कचरे के निपटान के लिए यहां छह महीने से बंद पड़े वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को जून में दोबारा शुरू किया गया। लेकिन यह अपनी पूरी छमता से काम नहीं कर रहा। प्रतिदिन इसकी 1300 मीट्रिक टन कचरा खपत करने में सक्षम है, लेकिन यह प्रतिदिन 700-1000 मीट्रिक टन से ज्यादा कचरा निपटान नहीं कर पाया है। इस तरह दिल्ली नगर निगम के सामने नवम्बर 2023 तक गाजीपुर लैंडफिल साइट को खत्म करने की बड़ी चुनौती है।



उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पदभार संभालने के बाद दिल्लीवासियों में लैंडफिल साइटों के खत्म होने की उम्मीद बढ़ी है। उपराज्यपाल ने मई से अब तक दो बार गाजीपुर लैंडफिल साइट का दौरा किया, तीनों साइटों को 18 महीने में (नवम्बर 2023 तक) समाप्त करने के लिए एमसीडी को निर्देश दिया है। इसके लिए दिल्ली की सभी सरकारी एजेंसियों को साथ आकर सहयोग देने के लिए कहा है।

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गाजीपुर लैंडफिल साइट - फोटो : अमर उजाला

गाजीपुर लैंडफिल साइट पर जमा पुराने कचरे को मिट्टी में तब्दील करने के लिए ट्रॉमेल ट्रॉमेल मशीनें लगाई गई हैं। ताजा कचरे के निपटान के लिए 1300 मीट्रिक टन छमता का वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाया गया है, लेकिन यह अभी करीब 76 फीसदी छमता से काम रहा है।

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गाजीपुर लैंडफिल साइट - फोटो : अमर उजाला

नया कचरा बढ़ा रहा लैंडफिल साइट का बोझ

गाजीपुर लैंडफिल साइट पर मौजूदा समय प्रतिदिन करीब 2200-2400 मीट्रिक टन ताजा कचरा आ रहा है। इस अनुपात में छह महीने में करीब 432,000 मीट्रिक टन कचरा यहां आया है। एमसीडी ने पिछले छह महीने में (1 फरवरी से 31 जुलाई) करीब 284,880 मीट्रिक टन कचरे का निपटान किया है। इस तरह यहां छह महीने में करीब आधा कचरे का निपटान ही हुआ है। बाकी कचरा साइट का बोझ घटना के बजाय बढ़ा रहा है।

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गाजीपुर लैंडफिल साइट - फोटो : अमर उजाला

पूर्वी दिल्ली से नोएड़ा तक, कूड़े का पहाड़ कर रहा बीमार

गाजीपुर लैंडफिल साइट सालों से पूर्वी दिल्ली के साथ-साथ नोएडा को बीमार कर रहा है। लैंडफिल साइट के पास के इलाकों के रहने वाले लोग सांस संबंधित, त्वचा संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं। हवा, पानी दोनों इसके कारण दूषित हैं।

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गाजीपुर लैंडफिल साइट - फोटो : अमर उजाला

आए दिन लगती है कूड़े में आग

लैंडफिल साइट पर आए दिन कूड़े में आग लगती है। धुंआ न पूरी पूर्वी दिल्ली और नोएडा के सेक्टर-1, सेक्टर 12-22 और रात को यमुना एक्सप्रेस-वे तक लोगों को दमघोंटू वातावरण का एहसास कराता है। पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर, घड़ौली, दल्लूपुर, खिचड़ीपुर जैसे गांव, इसके आस पास की कॉलोनियां धुएं से प्रभावित रहती हैं।

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