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जुड़वां भाई मौत मामला: पिता का दर्द, क्लास टीचर को फोन कर बोले- मैडम...सत्य और सूर्य अब कभी स्कूल नहीं आ पाएंगे
अमर उजाला नेटवर्क, गाजियाबाद
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 19 Oct 2021 11:32 AM IST
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Ghaziabad twin death case
- फोटो : अमर उजाला
बेटों का जाना हादसा था, ऐसे में कोई क्या कर सकता है, नसीब के आगे किसकी चलती है, हम अब बेटी के सहारे जी लेंगे। यह दर्द है जिगर के टुकड़े खो चुके पिता टीएस पिलानी का। सूर्यनारायण और सत्यनारायण के अंतिम संस्कार के बाद सिसकियों के बीच खुद को संभालने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा, सोसायटी परिवार जैसी है, हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है। हिंडन श्मशान घाट पर दोनों बच्चों के अंतिम संस्कार के वक्त लोगों की आंखों से आंसुओं की धारा बह रही थी। लोग पिलानी को ढांढस बंधा रहे थे। पिलानी की जुबां पर बार-बार बच्चों के खो जाने की पीड़ा आ रही थी। वह खुद को समझाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे में कोई कर भी क्या सकता है। हम इंसान हैं कोशिश करना हमारा फर्ज है। हम सड़क पर चलते हैं, हेलमेट लगाते हैं, गति सीमा में चलते हैं, लेकिन फिर भी हादसा हो जाए तो क्या किया जा सकता है। बेटों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा। हमने सुरक्षा और सावधानी में कमी नहीं की, लेकिन हादसा होना था, सो हो गया।
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अंतिम संस्कार के दौरान पिता(चेक शर्ट व सफेद मास्क)
- फोटो : अमर उजाला
जुड़वां बेटे प्री मेच्योर सात माह के पैदा हुए थे। उन्हें स्वस्थ रखने के लिए उन्होंने व पत्नी ने हर संभव कोशिश की। उधर, उनकी चिता जलती देख वहां मौजूद हर किसी की आंख नम हो गईं। रिश्तेदारों ने कहा कि जिन जुड़वां बेटों के लिए उनके पिता कुछ भी करने को तैयार रहते थे, 14 साल की उम्र में एक साथ दोनों की चिताओं को आग देनी पड़ेगी, यह किसी ने नहीं सोचा था।
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जुड़वा भाई(फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
मैडम...सत्य और सूर्य अब कभी स्कूल नहीं आ पाएंगे
डीपीएस सिद्घार्थ विहार के छात्र सत्य नारायण और सूर्य नारायण पढ़ाई ऑनलाइन कर रहे थे। सोमवार से दोनों को स्कूल जाना था, लेकिन रविवार की सुबह पिता ने क्लास टीचर अनीता पंत को फोन करके कहा मैडम सत्य और सूर्य अब कभी स्कूल नहीं आ पाएंगे। शनिवार को बच्चों की मां पैरेंट्स टीचर मीटिंग में गई थीं। सोमवार को स्कूल में शोक सभा हुई।
डीपीएस सिद्घार्थ विहार के छात्र सत्य नारायण और सूर्य नारायण पढ़ाई ऑनलाइन कर रहे थे। सोमवार से दोनों को स्कूल जाना था, लेकिन रविवार की सुबह पिता ने क्लास टीचर अनीता पंत को फोन करके कहा मैडम सत्य और सूर्य अब कभी स्कूल नहीं आ पाएंगे। शनिवार को बच्चों की मां पैरेंट्स टीचर मीटिंग में गई थीं। सोमवार को स्कूल में शोक सभा हुई।
Ghaziabad twin death case
- फोटो : अमर उजाला
अनीता पंत ने बताया कि कक्षा नौ में दाखिला लेने के बाद सूर्य और सत्य केवल एक बार ही स्कूल आए थे। ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान उनका व्यवहार बहुत अच्छा रहता था। वह काफी संस्कारी थे और हर बात का सोच-समझकर जवाब देते थे।
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बालकनी में कुर्सी पर रखा प्लास्टिक का स्टूल
- फोटो : अमर उजाला
दक्षिण भारत के होने के कारण उन्हें हिंदी बोलने में दिक्कत होती थी, लेकिन धीरे-धीरे उनकी पकड़ होने लगी थी। अब वह हिंदी में बात करने लगे थे। उनसे कई बार फोन पर बात हुई तो वे स्कूल आने में झिझक रहे थे कि उनके दोस्त बनेंगे या नहीं । उन्हें समझाया तो वे सोमवार से स्कूल आने को तैयार हो गए।