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नहीं उठे ठेकों के शटर: ना क्लब और ना बार में झलके जाम, हुआ 40 करोड़ रुपये का नुकसान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Vikas Kumar Updated Tue, 02 Aug 2022 01:22 AM IST
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liquor shops closed in delhi on august 1 a loss of rs 40 crore
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दिल्ली में नहीं खुले सोमवार को शराब के ठेके - फोटो : अमर उजाला
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विवादों में आई नई आबकारी नीति का असर सोमवार को दिखा। ना तो क्लब और बार खुले और ना ही शराब बिक्री केंद्र। इन सभी जगहों से शराब के शौकीन लोगों को निराश होना पड़ा। उधर अधिकारिक तौर पर ना तो शराब की दुकानों को यह जानकारी मिली कि नई आबकारी नीति के तहत मिले लाइसेंस को बढ़ा दिया गया है और ना ही क्लब, बार और रेस्टोरेंट को। दिल्ली आबकारी विभाग की वेबसाइट पर भी अपडेट नहीं किया गया था। उधर, अधिकृत शराब की दुकानें बंद होने की वजह से दिल्ली की कई झुग्गियों में जमकर ब्लैक में शराब की बिक्री हुई।
 
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दिल्ली में नहीं खुले सोमवार को शराब के ठेके - फोटो : अमर उजाला
राजनिवास सूत्रों के अनुसार नई आबकारी नीति के तहत जारी किए गए लाइसेंस को एक महीने तक के लिए बढ़ा दिया गया है, लेकिन अधिकारिक तौर पर दिल्ली सरकार के निर्णय नहीं आने की वजह से दिल्ली में शराब की दुकानों पर ताला लगा रहा। 
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दिल्ली में नहीं खुले सोमवार को शराब के ठेके - फोटो : अमर उजाला
दुकानदार देर शाम तक इंतजार करते रहे कि नोटिफिकेशन आ जाए तो वह अपनी दुकान का शटर खोलें। लेकिन देर शाम तक किसी तरह की अधिकारिक जानकारी लाइसेंसधारियों को नहीं मिली। 

 
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दिल्ली में नहीं खुले सोमवार को शराब के ठेके - फोटो : अमर उजाला
बार चलाने वालों का कहना है कि दिनभगर आबकारी विभाग की वेबसाइट देखते रहे लेकिन किसी तरह की जानकारी उस पर अपडेट नहीं की गई थी। लिहाजा बार को बंद रखना ही उचित था। प्रेस क्लब तक इस इंतजार में रहा कि कब अधिकारिक तौर पर यह आदेश आए कि बार खोला जा सके।
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दिल्ली में नहीं खुले सोमवार को शराब के ठेके - फोटो : अमर उजाला
दिल्ली लीकर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश गोयल ने बताया कि नई आबकारी नीति कामयाब नहीं रही। पुरानी नीति की अपेक्षा नई नीति में कई खामिया है। सबसे बड़ी खामी तो यही है कि सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गए। एसोसिएशन का अध्यक्ष होने के नाते दावे से कह सकता है कि सरकार पुरानी आबकारी नीति को लागू करती है तो एक सप्ताह के भीतर शराब के सभी केंद्र खोले जा सकते हैं। तैयारी पूरी है। मुश्किल का दौर है। सोमवार को इस व्यवसाय से जुड़े लोग उलझन की स्थित में रहे। एक अनुमान के अनुसार 40 करोड़ रुपये का नुकसान एक दिन के बंद में उठाना पड़ा। 25 करोड़ रुपया रेवेन्यू का नुकसान हुआ। शराब के शौकीनों की परेशानी भी बढ़ी।
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