लॉरेंस गिरोह में पिछले कुछ सालों में शूटर व बदमाश भर्ती करने का तरीका बदला है। पहले जहां लॉरेंस बिश्रोई जिस जेल में बंद होता था वहां बंद बदमाश प्रभावित होकर उससे दोस्ती करते और उसका आपराधिक कुनबा बढ़ता रहता। अब देश के कानून का फायदा उठाकर लॉरेंस नाबालिगों को अपने गिरोह में भर्ती करने लगा है। गिरोह के सदस्य कुछ युवकों की गरीबी का फायदा उठाते हैं और उन्हें पैसे व मौत होने पर परिवार के इंश्योरेंस की बात कहकर वारदात करवाते हैं। वहीं, लॉरेंस का नाम अपने नाम के साथ जुड़ने की आस में दिल्ली, यूपी, राजस्थान, हरियाणा व पंजाब के किशोर उसके गिरोह से जुड़ रहे हैं। यही कारण है कि उसके गिरोह में 700 से ज्यादा शूटर व बदमाश हैं।
कानून का फायदा उठा रहा है लॉरेंस: गैंग को बढ़ाने के लिए बदला तरीका, इस वजह से भी जुड़ते हैं देशभर में लड़के
-सोशल मीडिया से प्रभावित होकर गिरोह में शामिल।
-संपूर्ण परिवार के इश्योरेंस की गारंटी देते हैं।
-नाबालिग मामले में कानून का उठाते हैं फायदा।
-लॉरेंस भाई के साथ अपना नाम जोड़ने की ललक।
लॉरेंस के नाम का भी इस्तेमाल किया जाता है
स्थानीय बदमाश लॉरेंस के नाम का भी इस्तेमाल करते हैं। वर्ष 2023 में एक वीडियो हरियाणा के एक सिंगर को भेजा गया था, जिसमें धमकी देने वाला पिस्टल में कारतूस डालकर दिखा रहा था। बाद में जांच में आया कि धमकी देने वाले स्थानीय बदमाश थे। इन बदमाशों ने लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई का नाम इस्तेमाल किया था।
दिल्ली में हुई रंगदारी की प्रमुख वारदातें
-दिल्ली के गूगल बुकी से 40 लाख रुपये की वसूली
-सोनीपत टोल प्लाजा से हर महीने पांच लाख रुपये वसूलना
-2020 में ठेकेदार से रंगदारी के 10 लाख रुपये वसूले
-दिल्ली के केडी. बुक्की से 20 लाख की रंगदारी मांगी
मूसेवाला की हत्या को राजी नहीं हुए शूटर
लॉरेंस के कहने पर पूर्वी दिल्ली के गैंगस्टर हाशिम बाबा ने सितंबर 2021 में सिद्धू की सारी रेकी करने के बाद गुरदासपुर निवासी मनप्रीत मोहना व मंदीप तूफान, दक्षिण दिल्ली निवासी शाहरुख, पूर्वी दिल्ली निवासी गोबिंद डैनी, अमन, बॉबी को भेजा। ये अपने साथ एक जिगना पिस्तौल, बरेटा पिस्तौल, 2 पीएक्स 30 बोर पिस्तौल, एक 30 बोर चाइना पिस्तौल, एक मैग्नम पिस्तौल और एक ग्लॉक पिस्तौल ले गए। शूटर पुलिस सुरक्षा और निजी बाउंसरों की सुरक्षा से डर गए और उन्होंने मूसेवाला को मारने से इनकार कर दिया।