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Doctors strike: Tears in eyes, patients joining hands with the pain of illness, no hearing, no treatment
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डॉक्टरों की हड़ताल: आंखों में आंसू, बीमारी की पीड़ा संग हाथ जोड़ रहे मरीज, न कोई सुनवाई, न ही उपचार
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: अनुराग सक्सेना
Updated Tue, 07 Dec 2021 09:47 PM IST
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हड़ताल के बीच मंगलवार को लेडी हार्डिंग अस्पताल में इलाज के लिए भटकते मरीज और तीमारदार
- फोटो : अमर उजाला
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आंखों में आंसू, बीमारी की पीड़ा के साथ इलाज के लिए मरीज हाथ जोड़ रहे हैं। एक से दूसरे और फिर तीसरे वार्ड जाकर स्वास्थ्य कर्मचारियों के आगे गिड़गिड़ा रहे मरीज और उनके परिजन बस इलाज मांग रहे हैं लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल के आगे सभी बेबस हैं, लाचार हैं।
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लेडी हार्डिंग अस्पताल में इलाज के लिए परेशान मरीज और उनके तीमारदार
- फोटो : अमर उजाला
यह हाल सफदरजंग अस्पताल का है जहां के 1800 से ज्यादा रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। डॉक्टर रैलियां निकाल रहे हैं और उन्हीं के सामने मरीजों की मौतें हो रही हैं।
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सफदरजंग अस्पताल में खाली पड़े स्ट्रेचर
- फोटो : अमर उजाला
जानकारी के अनुसार मंगलवार को दो मरीजों ने अस्पताल परिसर में ही दम तोड़ दिया लेकिन इसके बारे में आधिकारिक तौर पर किसी ने जानकारी नहीं दी। न ही अस्पताल प्रशासन ने हड़ताल और मरीजों की इस हालत पर कोई जबाव दिया है।
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सफदरजंग अस्पताल में खाली पड़ी ओपीडी
- फोटो : अमर उजाला
हालात इस कदर हैं कि दिल्ली के शाहदरा निवासी दिनेश कुमार बीते शनिवार से आपातकालीन अस्पताल में भर्ती हैं। कैंसर ग्रस्त दिनेश को जब अस्पताल लाया गया तो उस दौरान भी हड़ताल की वजह से मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा था लेकिन मीडिया के कैमरों के सामने जब दिनेश की तबियत बिगड़ी तो उन्हें भर्ती कर लिया।
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लेडी हार्डिंग में इलाज के लिए भटकते मरीज
- फोटो : अमर उजाला
दिनेश बताते हैं कि उस दिन से मंगलवार शाम तक उनके पास कोई भी डॉक्टर यह तक पूछने नहीं किया कि उनकी हालत कैसी है? पेट से जुड़े कैंसर से ग्रस्त दिनेश चार दिन बाद भी इलाज के लिए बार बार नर्सिंग कर्मचारियों से सवाल करते हैं और फिर चुप हो जाते हैं।
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