{"_id":"5ea9e9763120d16be206518b","slug":"dadasaheb-phalke-birthday-special-the-father-of-indian-cinema-and-his-first-film-raja-harishchandra","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"कौन थे भारतीय सिनेमा की नींव रखने वाले दादा साहेब फाल्के, पहली फिल्म बनाने में लगे थे इतने दिन","category":{"title":"Bollywood","title_hn":"बॉलीवुड","slug":"bollywood"}}
कौन थे भारतीय सिनेमा की नींव रखने वाले दादा साहेब फाल्के, पहली फिल्म बनाने में लगे थे इतने दिन
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: Mishra Mishra
Updated Thu, 30 Apr 2020 02:24 AM IST
विज्ञापन
1 of 5
दादा साहेब फाल्के बर्थडे
Link Copied
दादा साहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जन्मदाता कहा जाता है। उनका जन्म 30 अप्रैल 1870 को हुआ था। 1913 में उन्होंने 'राजा हरिशचंद्र' नाम की पहली फुल लेंथ फीचर फिल्म बनाई थी। दादा साहेब सिर्फ एक निर्देशक ही नहीं बल्कि एक जाने माने निर्माता और स्क्रीन राइटर भी थे। उन्होंने 19 साल के फिल्मी करियर में 95 फिल्में और 27 शॉर्ट फिल्में बनाईं।
Trending Videos
2 of 5
दादा साहेब फाल्के बर्थडे
दादा साहेब का असली नाम धुंडिराज गोविंद फाल्के था। उनके पिता गोविंद सदाशिव फाल्के संस्कृत के विद्धान थे और मंदिर में पुजारी थे। उनकी मां द्वारकाबाई घरेलू महिला थीं। उनके तीन बेटे और चार बेटियां थीं।
विज्ञापन
विज्ञापन
3 of 5
दादा साहेब फाल्के बर्थडे
दादा साहेब ने अपने फिल्मी करियर में कई फिल्में बनाईं, लेकिन 'द लाइफ ऑफ क्रिस्ट' उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस फिल्म को बनाने के लिए उन्होंने अपनी पत्नी से पैसे उधार लिए थे। वहीं उनकी पहली फिल्म 'राजा हरिशचंद्र' को बनाने में उन्हें करीब 6 महीने का वक्त लगा था।
4 of 5
दादा साहेब फाल्के बर्थडे
- फोटो : file photo
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक दादा साहब फाल्के ने फिल्मों में महिलाओं को भी काम करने का मौका दिया। उनकी बनाई हुई फिल्म 'भस्मासुर मोहिनी' में दो औरतों को काम करने का मौका मिला था। इन महिलाओं का नाम नाम दुर्गा और कमला था। दादा साहेब की आखिरी मूक फिल्म 'सेतुबंधन' थी। दादा साहेब ने 16 फरवरी 1944 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
विज्ञापन
5 of 5
अमिताभ बच्चन
- फोटो : Steve McCurry
भारतीय सिनेमा में दादा साहब के ऐतिहासिक योगदान के चलते 1969 से भारत सरकार ने उनके सम्मान में 'दादा साहब फाल्के' अवार्ड की शुरुआत की गई थी। बता दें कि दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च और प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है। गौरतलब है कि सबसे पहले देविका रानी चौधरी को यह पुरस्कार मिला था। बीते साल इसे अभिनेता अमिताभ बच्चन को दिया गया।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।