अपनी प्रोडक्शन कंपनी का नाम फैक्ट्री रखकर मशहूर हुए निर्माता निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने जब थोक के भाव फिल्में बनानी शुरू कीं थीं तो रोहित जुगराज के हिस्से बतौर निर्देशक फिल्म जेम्स आई थी। उस फिल्म को बने 14 साल हो चुके हैं। हिंदी में दो तीन और फ्लॉप फिल्मों से जुड़े रहे रोहित बाद में पंजाबी फिल्में बनाने लगे और वहां कामयाबी भी हासिल की। रोहित जुगराज को इस बार दिनेश विजन ने अपनी कंपनी की फेवरिट हीरोइन कृति सैनन के लिए फिल्म बनाने का जिम्मा सौंपा है। यही काम रामगोपाल वर्मा ने जेम्स में रोहित को निशा उर्फ प्रियंका कोठारी के लिए सौंपा था।
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Movie Review: दिलजीत दोसांझ और कृति सैनन की मेहनत का ये हुआ अंजाम, अर्जुन पटियाला को मिले इतने स्टार
मुंबई डेस्क, अमर उजाला
Published by: anand anand
Updated Fri, 26 Jul 2019 02:43 PM IST
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अर्जुन पटियाला का पोस्टर
- फोटो : सोशल मीडिया
Movie Review: अर्जुन पटियाला
अपनी प्रोडक्शन कंपनी का नाम फैक्ट्री रखकर मशहूर हुए निर्माता निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने जब थोक के भाव फिल्में बनानी शुरू कीं थीं तो रोहित जुगराज के हिस्से बतौर निर्देशक फिल्म जेम्स आई थी। उस फिल्म को बने 14 साल हो चुके हैं। हिंदी में दो तीन और फ्लॉप फिल्मों से जुड़े रहे रोहित बाद में पंजाबी फिल्में बनाने लगे और वहां कामयाबी भी हासिल की। रोहित जुगराज को इस बार दिनेश विजन ने अपनी कंपनी की फेवरिट हीरोइन कृति सैनन के लिए फिल्म बनाने का जिम्मा सौंपा है। यही काम रामगोपाल वर्मा ने जेम्स में रोहित को निशा उर्फ प्रियंका कोठारी के लिए सौंपा था।
अपनी प्रोडक्शन कंपनी का नाम फैक्ट्री रखकर मशहूर हुए निर्माता निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने जब थोक के भाव फिल्में बनानी शुरू कीं थीं तो रोहित जुगराज के हिस्से बतौर निर्देशक फिल्म जेम्स आई थी। उस फिल्म को बने 14 साल हो चुके हैं। हिंदी में दो तीन और फ्लॉप फिल्मों से जुड़े रहे रोहित बाद में पंजाबी फिल्में बनाने लगे और वहां कामयाबी भी हासिल की। रोहित जुगराज को इस बार दिनेश विजन ने अपनी कंपनी की फेवरिट हीरोइन कृति सैनन के लिए फिल्म बनाने का जिम्मा सौंपा है। यही काम रामगोपाल वर्मा ने जेम्स में रोहित को निशा उर्फ प्रियंका कोठारी के लिए सौंपा था।
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arjun patiala
- फोटो : file photo
अर्जुन पटियाला की कहानी ही इसका सबसे बड़ा लोचा है। पंजाब के काल्पनिक शहर फीरोजपुर की कहानी कहती इस फिल्म में सब कुछ उल्टा पुल्टा है। एक फिल्म की कहानी कहती टीवी रिपोर्टर है। एक हट्टा कट्टा पुलिस वाला है। चूचा से भी गया बीता उसका असिस्टेंट ओनिड्डा है। और, है भू-सपंतियों का कारोबार करने वाली एक विधायक प्रॉपर्टी मक्कड़ जो इलाके की एमएलए भी है। एक लोकल डॉन टाइप गुंडा भी बीच में डाल दिया गया है। और कहानी ज्यादा मसालेदार न हो जाए सो इसे संभालने क लिए आईपीएस गिल भी हैं। ये कहानी क्यूं हैं, किसके लिए बनी है और क्या कहना चाहती है, इसके निर्देशक को ही समझ नहीं आया तो दर्शक भला क्या समझेंगे।
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Kriti Sanon
- फोटो : instagram
रोहित जुगराज ने फिल्म की शुरूआत ठीक ठाक की। लेकिन, जल्दी ही उनको लगा कि कहीं दर्शक जो कुछ चल रहा है उससे बोर न हो जाएं तो वह सनी लिओन को ले आते हैं। दही जमने से पहले ही रायता फैल जाता है और फिर इसे समेटते समेटते ही फिल्म खत्म हो जाती है। रोहित के साथ दिक्कत ये है कि वह ठेठ पंजाबी फिल्मों और भारत भर के अलग अलग प्रांतों में फैले दर्शकों में फर्क नहीं कर पाए। फिल्म की कहानी और पटकथा कमजोर है लिहाजा इसके किरदार भी अपना असर नहीं छोड़ पाए।
Arjun Patiala
- फोटो : social media
अभिनेताओं में दिलजीत दोसांझ पूरी ईमानदारी से अर्जुन पटियाला के किरदार में खुद को फिट करने की कोशिश तो करते हैं लेकिन कोशिश इतनी ज्यादा हो गई है कि अखरने लगती हैं। कृति सैनन के लिए ही ये फिल्म बनी है लिहाजा कृति सैनन को तो सुंदर दिखना ही था लेकिन उनके जितना ही सुंदर ये किरदार नहीं हो पाया है। बीच बीच में दर्शकों से बात करने की कोशिश में फिल्म और अपनी रफ्तार खो देती है। फिल्म में कुछ ढंग का है तो वह है ओनिड्डा सिंह बने वरुण शर्मा का अभिनय। वह जितनी देर परदे पर रहते हैं, फिल्म देखने लायक बनी रहती है लेकिन फिल्म के हीरो वह है नहीं। वरुण शर्मा का दमखम इस फिल्म में दिखता है। कभी किसी ने कुछ नया प्रयोग करने की कोशिश की तो वरुण लीड हीरो बनने का माद्दा रखते हैं।
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Arjun Patiala
- फोटो : social media
हॉलीवुड में सुपरहिट फिल्मों या लोकप्रिय कहानियों व मुद्दों के स्पूफ बनते रहते हैं और हिट भी होते हैं। हिंदी सिनेमा में स्पूफ बनाने की सफल कोशिशें पहले भी आई एस जौहर सरीखे कलाकारों ने की हैं। लेकिन, इस तरह का सिनेमा बनाना एक आम फिल्म बनाने से बड़ा रिस्क है। और, इस रिस्क को उठाने के लिए इसके निर्माताओं को दाद जरूर दी जा सकती है। अमर उजाला के मूवी रिव्यू में फिल्म अर्जुन पटियाला को मिलते हैं डेढ़ स्टार।