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Navratri 2022: श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है बुढ़िया माई का दरबार, लगता है भव्य मेला

संवाद न्यूज एजेंसी, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Sat, 01 Oct 2022 02:52 PM IST
सार

बुढ़िया माई की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। वासंतिक एवं शारदीय नवरात्र में हजारों की संख्या में भक्त माता के दर्शन को पहुंचते हैं। माता के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार लग जाती है। पूरे नवरात्र मंदिर क्षेत्र में भव्य मेला लगा रहता है। इसके साथ मुंडन, विवाह सहित कई आयोजन मंदिर के समीप वर्ष भर होते हैं।

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Budhiya Mai court a symbol of faith of devotees
Budhiya Mai Mandir - फोटो : अमर उजाला।
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गोरखपुर शहर से 12 किमी पूर्व में कुस्मही जंगल के बीच स्थित है बुढ़िया माई का मंदिर। इस मंदिर की महिमा ऐसी है कि देश ही नहीं, विदेशों से भी श्रद्धालु माता के दर्शन को यहां खिंचे चले आते हैं। बुढ़िया माता मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि जो भक्त सच्चे हृदय से यहां आकर माता की पूजा करता है, वह कभी भी असमय काल के गाल में नहीं जाता है। माता अपने भक्तों की हमेशा रक्षा करती हैं।

मान्यताओं के अनुसार, पहले यहां बहुत घना जंगल था जिसमें एक नाला बहता था। नाले पर लकड़ी का पुल था। एक दिन वहां एक बरात आकर नाले के पूरब तरफ रुकी। वहां सफेद वस्त्रों में एक बूढ़ी महिला बैठी थी, उसने नाच मंडली से नाच दिखाने को कहा। नाच मंडली बूढ़ी महिला का मजाक उड़ाते हुए चली गई। लेकिन, जोकर ने बांसुरी बजाकर पांच बार घूमकर महिला को नाच दिखा दिया। उस बूढ़ी महिला ने प्रसन्न होकर जोकर को आगाह किया कि वापसी में तुम सबके साथ पुल पार मत करना। तीसरे दिन बरात लौटी तो वही बूढ़ी महिला पुल के पश्चिम तरफ मौजूद थी।

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Budhiya Mai court a symbol of faith of devotees
Budhiya Mai Mandir - फोटो : अमर उजाला।
बरात जब बीच पुल पर आई तो पुल टूट गया और पूरी बरात नाले में डूब गई। सिर्फ वह जोकर बचा जो बरात के साथ नहीं था। इसके बाद बूढ़ी महिला अदृश्य हो गई। काल के गाल में जाने से बचे जोकर ने इस बात का खुलासा किया। तभी से नाले के दोनों तरफ का स्थान बुढ़िया माई के नाम से जाना जाता है। बुढ़िया माई का मंदिर नाले के दोनों तरफ बना है। इन दोनों मंदिरों के बीच के नाले को नाव से पार किया जाता है।

 
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Budhiya Mai court a symbol of faith of devotees
Budhiya Mai Mandir - फोटो : अमर उजाला।
शारदीय नवरात्रि में लगता है भव्य मेला
 बुढ़िया माई की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। वासंतिक एवं शारदीय नवरात्र में हजारों की संख्या में भक्त माता के दर्शन को पहुंचते हैं। माता के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार लग जाती है। पूरे नवरात्र मंदिर क्षेत्र में भव्य मेला लगा रहता है। इसके साथ मुंडन, विवाह सहित कई आयोजन मंदिर के समीप वर्ष भर होते हैं।

 
Budhiya Mai court a symbol of faith of devotees
Budhiya Mai Mandir - फोटो : अमर उजाला।
बोलीं श्रद्धालु महिलाएं
मेरी बुढ़िया माता में बहुत आस्था है। माता के आशीर्वाद से मुझे वर और पुत्री की प्राप्ति हुई है। हर साल शारदीय नवरात्र के अवसर नौ दिन का व्रत करने के साथ ही बुढ़िया माता के दर्शन करती हूं।- कविता सिंह, मेडिकल रोड

 
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Budhiya Mai Mandir - फोटो : अमर उजाला।
बुढ़िया माता मंदिर से सच्चे हृदय मन्नत मांगने से सभी मनोरथ सिद्ध होता है। साथ ही माता के दर्शन करने से कभी भी असमय काल के गाल में नहीं जाता है। परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर माता रानी का दर्शन कर सभी के सुख समृद्धि की कामना की है।- अनुराधा मिश्रा, रुस्तमपुर
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