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पहले भी खुल चुकी है Exit Polls की 'पोल', जानें कैसा रहा है इतिहास

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: योगेश साहू Updated Sat, 07 Nov 2020 09:03 PM IST
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Bihar Exit Poll: How Many Times Exit Polls Wrong, Exit Polls History In Assembly And Lok Sabha Elections
पहले भी खुल चुकी है Exit Polls की 'पोल' - फोटो : Amar Ujala

बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर सात नवंबर (शनिवार) को तीसरे चरण का मतदान शाम छह बजे समाप्त हो गया। इनके नतीजे 10 नवंबर को आएंगे, लेकिन एग्जिट पोल्स के रुझान आने शुरू हो गए हैं। अधिकतर सर्वे में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। वहीं, कुछ सर्वे में महागठबंधन मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहा है।  



परंतु ऐसा नहीं है कि एग्जिट पोल हमेशा सफल हुए हैं, ऐसे में यहां किसकी सरकार बनती है ये तो 10 नवंबर को ही ठीक-ठीक पता चलेगा। एग्जिट पोल के फेल होने पर नजर डालें तो इसका सबसे बड़ा उदाहरण साल 2004 का लोकसभा चुनाव है। उसके बाद 2013 और 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव हैं। कई बार एग्जिट पोल की भी 'पोल' खुल चुकी है।

1980 में हुई एग्जिट पोल की शुरुआत

एग्जिट पोल की शुरुआत 1980 में भारतीय मीडिया से हुई। इसी के बाद से भारतीय मीडिया चुनाव के बाद से सर्वे करने लगा। दूरदर्शन ने 1996 में एग्जिट पोल शुरू किया था। चुनाव में मतदान खत्म होने के बाद जब मतदाता अपना वोट डालकर निकल रहे होते हैं तब उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट दिया। इस आधार पर किए गए सर्वेक्षण से जो व्यापक नतीजे निकाले जाते हैं उन्हें ही एग्जिट पोल कहते हैं। 

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Exit Poll - फोटो : amar ujala

1998 में लगा था प्रतिबंध

1998 में चुनाव आयोग ने ओपिनियन और एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को रद्द कर दिया। उसके बाद 2009 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर एग्जिट पोल पर प्रतिबंध की मांग उठी। बाद में कानून में संशोधन किया गया और संशोधित कानून के अनुसार चुनावी प्रक्रिया के दौरान जब तक अंतिम वोट नहीं पड़ जाता, एग्जिट पोल नहीं दिखाए जा सकते।

2013 दिल्ली विधानसभा चुनाव

2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत की बात कही गई थी। कांग्रेस के दूसरे नंबर पर रहने की संभावना जताई गई थी। वहीं ज्यादातर एग्जिट पोल ने आप की सीटें बेहद कम बताई थीं। इंडिया टुडे-ओआरजी एग्जिट पोल में तो आप को 10 से भी कम सीटें दी गईं थीं। न्यूज 24-चाणक्य ने आप को सबसे अधिक 31 सीटें दी थीं।

जब रिजल्ट आए तो एग्जिट पोल गलत साबित हो गए। आप'को 28 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस मात्र आठ सीटों पर सिमट कर रह गई। वहीं, भाजपा की सबसे ज्यादा 32 सीटें आईं।

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बिहार एग्जिट पोल - फोटो : Amar Ujala

2015 विधानसभा चुनाव

2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में तमाम एग्जिट पोल में आप को बहुमत मिलने की बात कही गई। लेकिन, एक भी एग्जिट पोल में इतनी ज्यादा सीटों का जिक्र नहीं किया गया। एग्जिट पोल में आप को 35-45 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया, वहीं इंडिया न्यूज-एक्सिस के एग्जिट पोल ने सबसे अधिक 53 सीटें दीं।

एग्जिट पोल में भाजपा की सीटों की संख्या दोहरे अंक में रहने की बात कही गई। इंडिया टीवी-सी वोटर के एग्जिट पोल ने भाजपा को सबसे अधिक 33 सीटें दीं। लेकिन जब नतीजे आए तो आप को प्रचंड बहुमत मिला। आप ने 67 सीटों पर जीत दर्ज की वहीं, भाजपा की मात्र तीन सीटें आईं। इसके अलावा कांग्रेस को 2-5 सीट मिलने के एग्जिट पोल भी गलत साबित हुए और पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई।

2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव 

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को सभी एग्जिट पोल के दावों के विपरीत तगड़ा झटका लगा। एग्जिट पोल में बताया गया कि हरियाणा में भाजपा को प्रचंड बहुमत हासिल हो रहा है जो कि गलत साबित हुआ। सरकार बनाने के करीब दिख रही भाजपा को सिर्फ 40 सीटें मिलीं।

वहीं एग्जिट पोल के उलट कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत हासिल की। एग्जिट पोल में कांग्रेस की करारी हार बताई गई थी। लेकिन चुनाव रिजल्ट एक दम विपरीत आए। 

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बिहार विधानसभा चुनाव का एग्जिट पोल - फोटो : iStock

2018 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव

2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबले की बात कही गई थी। वहीं, एबीपी न्यूज और इंडिया टीवी के सर्वेक्षण में भाजपा की सरकार बनने की बात कही थी। लेकिन परिणाम बिल्कुल उलट आए। कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए 69 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि भाजपा के हिस्से में केवल 14 सीटें आईं।

2015 बिहार विधानसभा चुनाव

2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी एग्जिट पोल सही अनुमान लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए। सभी एग्जिट पोल में भाजपा+ को जेडीयू-आरजेडी गठबंधन पर बढ़त बताई गई थी लेकिन नतीजे ठीक उलट आए। बीजेपी+ 58 सीटों पर सिमट गई, जबकि जेडीयू-आरजेडी गठबंधन ने 178 सीटों पर जीत का परचम लहराया।

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Bihar Election - फोटो : अमर उजाला

2004 लोकसभा चुनाव

2004 के लोकसभा चुनाव में सभी एग्जिट पोल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन फाइनल रिजल्ट बिल्कुल उलट आए थे। एनडीए को 189 सीटें मिलीं और कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए को 222 सीटें मिलीं और डॉक्टर मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने।

2009 लोकसभा चुनाव 

2009 में भी 2004 की तरह ही एग्जिट पोल फेल हुए। ज्यादातर एग्जिट पोल में यह तो बताया गया कि यूपीए को एनडीए पर बढ़त मिलेगी लेकिन किसी ने भी यह अनुमान नहीं लगाया था कि कांग्रेस अकेले ही 200 के पार पहुंच जाएगी। परिणाम घोषित हुए तो कांग्रेस को अकेले 206 और यूपीए को 262 सीटें मिलीं।

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