अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन दिनों कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिलेगी, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने लोगों को झटका देते हुए एक नया फैसला लिया है। दरअसल केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर 3 रुपए प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है। ऐसे में बढ़ी हुई दरें 14 मार्च से लागू हो गई हैं। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यहां यह है कि जब कच्चे तेल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर सस्ती हो रही हैं, तो सरकार ने एक्साइज ड्यूटी क्यों बढ़ाई? तो चलिए आज हम आपको इन सवालों का जवाब देते हैं और जानते हैं कि क्यों केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बढ़ाया है टैक्स? डालते हैं एक नजर,
कच्चा तेल सस्ता होने के बाद भी इस वजह से बढ़ाया गया पेट्रोल-डीजल पर टैक्स
मोदी सरकार ने आम आदमी के साथ किया धोखा?
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने के बाद आपके दिमाग में यह सवाल आ सकता है कि क्या सरकार ने आम आदमी के साथ धोखा किया है? तो इसका जवाब है नहीं। सरकार ने यह फैसला अर्थव्यवस्था और वैश्विक बाजार में चल रही हलचल को देखते हुए लिया है।
भारत सरकार की होगी बंपर कमाई
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कंस्टम्स की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में बताया गया है कि पेट्रोल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को 8 रुपये प्रति लीटर किया गया है, जो पहले 2 रुपये प्रति लीटर था। वहीं, डीजल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को 4 रुपये कर दिया गया है, जो पहले 2 रुपये प्रति लीटर था। इसके अलावा पेट्रोल-डीजल पर रोड सेस 1 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 10 रुपए हो गया है। माना जा रहा है कि एक्साइज ड्यूटी में की गई इस बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार को करीब 39 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई होगी।
क्या आम आदमी पर पड़ेगा बोझ?
सरकारी सूत्रों के मुताबिक बढ़ाए गए अतिरिक्त शुल्क का आम आदमी पर असर नहीं पड़ेगा। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस बोझ को आम आदमी नहीं बल्कि, तेल कंपनियां उठाएंगी। दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है। ऐसे में इस अतिरिक्त शुल्क को तेल कंपनियां खुद वहन करेंगी।
सरकार का फैसला कितना जरूरी?
भारतीय अर्थव्यवस्था इन दिनों कई चुनौतियों का सामना कर रही है। इनमें कोरोना वायरस, यस बैंक, रुपये का कमजोर होना शामिल है। ऐसे में एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा कर जो फायदा होगा, उसका इस्तेमाल सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए कर सकती है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल सरकार कोरोना वायरस से बचाव में हो रहे खर्चों में भी इस्तेमाल कर सकती है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में आई गिरावट सरकार के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।